बलरामपुररामानुजगंज

हिंडालको के मजदूरों के दिवाली रहे फिके है मजदूरों के सुरक्षा व्यवस्था भी रखी ताक पर “3 साल से नहीं मिले सुरक्षा कीट”

3 साल से ड्रेस जूता एवं दीपावली में बोनस नहीं मिलने से परेशान सैकड़ों की संख्या में मजदूरों ने आज बलरामपुर जिले के कुसमी में संचालित हिंडालको ऑफिस का घेराव कर दिया। भारतीय मजदूर संघ के बैनर तले मजदूरों ने यह आंदोलन किया और पूरे शहर में पहले रैली निकाली फिर लगभग 3 घंटे तक ऑफिस का घेराव करते हुए मुख्य सड़क पर बैठ गए।

जी हां हम बात कर रहे हैं बलरामपुर जिले सामरी में हिंडालको (आदित्य बिरला ग्रुप) का माइंस संचालित है और यहां से बॉक्साइट का उत्खनन एवं परिवहन किया जाता है। सैकड़ों की संख्या में मजदूर यहां काम करते हैं ।लेकिन इन मजदूरों को हिंडालको ( आदित्यबिरला ग्रुप) ने जिंदगी से खिलवाड़ करते हुए

पिछले 3 सालों से ना तो ड्रेस और ना ही सुरक्षा उपकरण के साथ जूता मिला है, इसके अलावा मजदूरों को जो बोनस दिया जाता है वह भी दीपावली में नहीं मिला। मजदूर लगातार उन्हें मिलने वाली सुविधाओं को लेकर अब तक सब्र बांधे हुए थे लेकिन अचानक उनके सब्र का बांध टूटा और आज भारतीय मजदूर संघ के बैनर तले उन्होंने काम बंद करते हुए हड़ताल कर दिया और ऑफिस का घेराव कर दिया। मजदूरों ने कहा कि उन्होंने सितंबर महीने में ही हिंडालको ( आदित्यबिरला ग्रुप) मैनेजमेंट को ज्ञापन सौंपा था लेकिन उसके बाद भी हिंडालको प्रबंधन और ठेकेदार ने ध्यान नहीं दिया जिससे मजदूर परेशान हो रहे हैं। मजदूरों के इस आंदोलन में भारतीय मजदूर संघ की प्रदेश अध्यक्ष शोभा सिंहदेव , अध्यक्ष अर्जुन यादव , पूर्व जनपद पंचायत उपाध्यक्ष जन्मजय सिंह,बीएमस के जिला महामंत्री प्रत्यूष केशरी,जिला उपाध्यक्ष सीतल राम पन्ना,भी शामिल हुई इसके अलावा भाजपा के प्रदेश उपाध्यक्ष उद्धेस्वरी पैकरा एवं अन्य जनप्रतिनिधि भी मजदूरों के साथ खड़े हुए और लगभग 3 घंटे तक उन्होंने भी कार्यालय का घेराव करते हुए सड़क पर प्रदर्शन किया, उन्होंने कहा कि मजदूरों के साथ हिंडालको आदित्य बिरला ग्रुप अन्याय कर रहा कर रहा था इसलिए हम लोग मजदूरों के साथ खड़े हैं और आगे भी मजदूरों के साथ इस तरह का अन्याय आदित्य बिरला ग्रुप हिंडालको बढ़ता ही जा रहा है अगर यह भी नहीं रुका जन आंदोलन में बदल जाएगा, वही मामले में हिंडालको के अधिकारी पल्ला झाड़ते हुए नजर आए और मीडिया के सामने नो कमैंट्स कह कर वापस लौट गए।

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