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अतिथि शिक्षकों ने स्कूल खोलने और संचालन की संभाली जिम्मेदारी, कर्मचारियों के हड़ताल से स्कूल भी प्रभावित।

न्यूजडेस्क राजपुर- अपनी 2 सूत्री मांगों को लेकर अधिकारी कर्मचारी 25 जुलाई से 4 दिनों के हड़ताल पर चले गए हैं। कर्मचारियों के साथ शिक्षक भी हड़ताल पर चले गए हैं और इससे पूरी शिक्षा व्यवस्था पर इसका बुरा असर पड़ा है। इस दौरान स्कूली बच्चों और स्कूल के लिए शासन द्वारा नियुक्त किए गए अतिथि शिक्षक(विद्या मितान) वरदान बनकर आये हैं और इस कठिन समय मे अतिथि शिक्षक ही सरकारी स्कूलों को खोल कर उस पर पठन-पाठन का काम करा रहे हैं।

दो या तीन ही हैं अतिथि शिक्षक- सरकारी स्कूलों में अतिथि शिक्षकों की पदस्थापना केवल दो या तीन ही है लेकिन आज पूरे स्कूल की जिम्मेदारी उनके कंधों पर ही चली गई है। अपने जिम्मेदारियों का पूरी तरह से निर्वहन करते हुए अतिथि शिक्षक(विद्या मितान) समय पर स्कूल खोलकर उसका संचालन कर रहे हैं और उनकी कोशिश है कि शिक्षकों और कर्मचारियों का हड़ताल पर चले जाने से बच्चों का भविष्य खराब ना हो।यह वही अतिथि शिक्षक(विद्या मितान) है जिन्हें सरकार ने नियमित करने का वादा किया था और उनके जन घोषणा पत्र में भी इसका उल्लेख था। मीडिया से चर्चा करते हुए अतिथि शिक्षकों(विद्या मितान) ने कहा कि सरकार ने जो वादा किया था उन्होंने अब तक उसे पूरा नहीं किया है लेकिन बावजूद इसके अतिथि शिक्षक(विद्या मितान)अपने कार्यों का पूरी तरह से निर्वहन कर रहे हैं और कठिन समय में भी अपनी जिम्मेदारी को बखूबी निभा रहे हैं।

10 महीने के लिए होती है नियुक्ति- अतिथि शिक्षकों (विद्या मितान)की नियुक्ति 10 महीने के लिए ही होती है और इसी 10 महीने का ही उन्हें मानदेय दिया जाता है। अतिथि शिक्षकों (विद्या मितान)ने बताया कि उन्हें सरकारी शिक्षकों के मुकाबले काफी अल्पमत में मानदेय दिया जाता है,उनका पूरा काम एक शिक्षक की तरह ही होता है और बच्चों को बेहतर शिक्षा देना है उनका कर्तव्य है ऐसे में वे अभी भी सरकार के उस घोषणापत्र में किए वादे का इंतजार कर रहे हैं कि कब सरकार उन्हें नियमित करेगी।

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