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अमीर हो या गरीब दीपावली का त्यौहार सभी के लिए खुशियों भरा त्यौहार होता है।दीपावली का त्यौहार पूरे भारत वर्ष में सबसे बड़े और सर्वाधिक महत्वपूर्ण त्यौहारों में से एक है जिसके लिए सभी तैयारी करते हैं।
इस वर्ष दीपावली त्यौहार पर महिलाएं अपने हाथों से इको-फ्रेंडली दीयों को बनाने में जुट गई हैं, प्रगति वन महिला स्व-सहायता समूह द्वारा वार्ड 7 में संचालित सेंटर अब मल्टीपल एक्टीविटी सेंटर के रूप में उभर रहा है साथ ही स्थानीय महिलाओं को रोजगार मिलने से वह आत्मनिर्भर बन रही हैं।
स्व-सहायता समूह की महिलाओं के हाथों दिपावली त्यौहार से पहले गाय के गोबर और मिट्टी से दीपक बनाने का कार्य तेजी से हो रही है साथ ही इन दीयों को कलर्स से पेंट करके आकर्षक रंग देने में महिलाएं जुटी हुई हैं यहां इको फ्रेंडली दीयों की कीमत लगभग 200 रूपए सैंकड़ा बताया जा रहा है।
प्रगति वन महिला स्व-सहायता समूह की अध्यक्ष लाखो पुरी ने बताया, समूह की महिलाएं प्रतिदिन 300 दीये तैयार कर रही हैं इको फ्रेंडली होने के चलते इन दीयों की मांग भी इन्हें मिल रही है। समूह की सचिव सरस्वती ठाकुर ने बताया कि इस बार दीपावली पर गोबर मिट्टी से बने इको-फ्रेंडली दीयों से रामानुजगंज के हजारों घर रोशन होंगे।