जनपद पंचायत वाड्रफनगर के ग्राम पंचायत केसारी झगराहीपारा में रहने वाले आदिवासी किसान सगुनाथ सिंह धुर्वे का छोटा पुत्र 25 वर्षीय जगमोहन सिंह है। जिसका कद मात्र 3.5 फीट होने के कारण आसपास के सभी लोग उसे जानते तो हैं। किन्तु जगमोहन को उसके अनुकूल रोजगार नहीं मिल पाने से परेशान रहता था। लेकिन “कहते हैं कि कद छोटा हुआ तो क्या हुआ काम तो बड़ा करता है” इसी वाक्य को चरितार्थ कर रहा है 3.5 फीट के छोटे कद का 25 वर्षीय आदिवासी युवा जगमोहन। चूंकि 08 सदस्यों वाले संयुक्त परिवार होने एवं सीमित आमदनी होने के कारण परिवार पहले से ही आर्थिक तंगी से जुझ रहा था। ऐसे में जगमोहन को कुछ न कुछ काम करने का दबाव हमेशा बना रहता था। 10वीं तक पढ़ा-लिखा जगमोहन पर ग्राम पंचायत की नजर पड़ी और ग्राम पंचायत ने निर्णय लिया कि यदि जगमोहन को मनरेगा कार्यों में मेट के लिए नियोजित करें तो उसकी बेरोजगारी को आसानी से दूर किया जा सकता है। मनरेगा मेट के लिए जगमोहन तैयार भी हो गया। विगत 03 माह से जगमोहन मनरेगा मेट का कार्य बड़ी ईमानदारी से कर रहा है। समय पर श्रमिकों से चर्चा कर कार्य में नियोजित करना, मस्टरोल एवं अन्य पंजी संधारण करना उनकी दिनचर्या में शामिल हो गया। जगमोहन से बात करने पर उसने कहा कि मेरे छोटे कद के कारण मुझे कोई काम नहीं मिलता था और न ही आमदनी का कोई स्त्रोत था, परन्तु मनरेगा ने हमारी किस्मत ही बदल दिया।
मुझे बिना बाहर गये गांव में मेरे अनुकूल मेट कार्य का रोजगार भी मनरेगा के द्वारा मिल गया मैं बहुत खुश हूं। जनपद पंचायत वाड्रफनगर के सीईओ श्री वेदप्रकाश पाण्डेय बताते हैं कि आज वाड्रफनगर क्षेत्र में मनरेगा से केवल सामान्य श्रमिकों को ही नहीं बल्कि वंचित वर्गों जैसे बौना, विकलांग, विधवा, निराश्रितों को भी समान रूप से रोजगार मुहैया कराया जा रहा है ताकि उनके आमदनी में वृद्धि भी हो और समाज के मुख्यधारा में शामिल हो सके।