शासकीय प्राथमिक शाला डुमरखी के निरीक्षण के दौरान कलेक्टर कुन्दन कुमार कक्षा 4थी में अध्ययनरत दिव्यांग छात्र निशांत पैकरा से मिले। निशांत दोनों हाथों से दिव्यांग हैं तथा वे अपने पैरों से ही लेखन कार्य सहित अपने अन्य कार्य करते हैं और सामान्य बच्चों के बीच बैठकर पढ़ाई भी करते हैं। यह देखकर कलेक्टर ने निशांत से बड़ी आत्मीयता से मुलाकात कर हाथ मिलाया और उसके जज्बे को सलाम किया। उन्होंने निशांत से पूछा कि वे बड़े होकर क्या बनना चाहते हैं, तो निशांत ने बताया कि वे कलेक्टर बनना चाहता है। इस पर कलेक्टर ने कहा कि यदि आपको मेरे जैसा बनना है तो खुब मन लगाकर पढ़ाई करनी होगी तथा उन्होंने उनके उज्जवल भविष्य की कामना की। इस दौरान छात्र ने कलेक्टर से व्हीलचेयर की मांग की जिस पर कलेक्टर ने संबंधित अधिकारी को व्हीलचेयर उपलब्ध कराने के निर्देश दिए, कलेक्टर की पहल पर उप संचालक समाज कल्याण विभाग द्वारा दिव्यांग छात्र को तत्काल व्हीलचेयर प्रदान किया गया।
इसी प्रकार शासकीय प्राथमिक शाला दलधोवा के निरीक्षण के दौरान बच्चों से मुलाकात कर उनके पढ़ाई व्यवस्था के संबंध में जानकारी ली। उन्होंने बच्चों से शिक्षक कैसे पढ़ाते हैं, वे नियमित कक्षा लेते हैं या नहीं तथा मध्यान्ह भोजन में क्या-क्या मिलता है, आदि की जानकारी ली। इस दौरान उन्होंने शिक्षकों की उपस्थिति पंजी का अवलोकन कर पर वहां पदस्थ 02 शिक्षकों के लंबे समय से मेडिकल अवकाश पर रहने की जानकारी मिली, जिस पर उन्होंने जिला शिक्षा अधिकारी को जांच करने के निर्देश दिए।
उन्होंने पस्ता स्थित आदिवासी बालक आश्रम व पहाड़ी कोरवा कन्या छात्रावास का भी निरीक्षण करते हुए छात्रावास अधीक्षिका से वहां निवासरत छात्र-छात्राओं के संबंध में जानकारी ली। कलेक्टर ने 10वीं की कक्षा में पहुंच कर छात्र-छात्राओं से गणित का सवाल ब्लैकबोर्ड में लिखकर हल कराया। उन्होंने आदिवासी बालक आश्रम को रंग-रोगन और पहाड़ी कोरवा कन्या छात्रावास को नये भवन में शिफ्ट करने के निर्देश देते हुए जर्जर एवं अनुपयोगी भवन को तोड़कर गार्डनिंग कर मॉडल छात्रावास बनाने को कहा।
इस दौरान कलेक्टर एवं जिला पंचायत की मुख्य कार्यपालन अधिकारी विकासखण्ड राजपुर के कस्तुरबा गांधी आवासीय विद्यालय एवं पहाड़ी कोरवा कन्या शिक्षा परिसर के निरीक्षण में पहुंचे तथा वहां की व्यवस्थाओं का जायजा लिया व बालिकाओं से स्वास्थ्य, सुरक्षा एवं अन्य सुविधाओं के बारे में जानकारी ली। उन्होंने अधीक्षिका से आवासीय विद्यालय का रंग-रोगन करने, सुरक्षा व्यवस्था पर विशेष ध्यान देने, आगंतुक पंजी का संधारण, सीसीटीव्ही कैमरे का मॉनिटरिंग करने तथा बाउण्ड्रीवॉल को कंटिलादार बनाने और आवश्यक व्यवस्थाएं दूरूस्त करने के निर्देश दिए। उन्होंने मुख्य कार्यपालन जनपद पंचायत से समन्वय स्थापित कर छात्रावास में उपयोग आने वाली सामग्रियां जैसे सरसों तेल, साबुन, मसाला आदि सी-मार्ट अथवा सीधे स्व-सहायता समूह से ही क्रय करने को कहा।