बलरामपुर

कौशल विकास प्रशिक्षण कार्यक्रम का शुभारंभ विचाराधीन बंदी होंगे प्रशिक्षित

जिला जेल रामानुजगंज में अध्यक्ष – जिला विधिक सेवा प्राधिकरण सिराजुद्दीन कुरैशी, अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश मधुसूदन चंद्राकर – मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट अजय कुमार खाखा, सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण रेशमा बैरागी, कलेक्टर कुंदन कुमार पुलिस अधीक्षक रामकृष्ण साहू के उपस्थिति में कौशल विकास प्रशिक्षण कार्यक्रम का शुभारंभ आज किया गया जहां दो ट्रेड संचालित होंगे जिसमें सिलाई एवं वुड वर्क कार्य में विचाराधीन बंदियों को प्रशिक्षित किया जाएगा। कार्यक्रम में जिला एवं सत्र न्यायाधीश के पिता एन कुरैशी विशेष रूप से उपस्थित रहे।

मां सरस्वती की प्रतिमा पर दीप प्रज्वलित कर एवम फीता काटकर कौशल विकास प्रशिक्षण कार्यक्रम का शुभारंभ अतिथियों के द्वारा किया गया।

जिला एवं सत्र न्यायाधीश सिराजुद्दीन कुरेशी
ने इस अवसर पर विचाराधीन कैदियों को संबोधित करते हुए कहा कि कौशल विकास प्रशिक्षण से आपके कार्य कुशलता में वृद्धि होगी एवं आप यहां से बाहर निकलने के बाद आजीविका चलाने में मदद मिलेगी। जब हर किसी को कार्य एवं हर किसी को भरपेट खाना मिलेगा तो निश्चित रूप से इससे अपराध भी कम होंगे। हर इंसान को दूसरे इंसान को समझना चाहिए एवं एक दूसरे की मदद करनी चाहिए।बेरोजगारी के कारण लोग कुंठा एवं अवसाद ग्रस्त हो जाते हैं ऐसे में जेल में इस प्रकार कार्यक्रम आप लोगों के लिए बड़ा मददगार साबित होगा। अच्छे कार्य के लिए किसी पद या ओहदे की आवश्यकता नहीं है सिर्फ नेक नियत चाहिए। द्वितीय अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश मधुसूदन चंद्राकर कलेक्टर कुंदन कुमार पुलिस अधीक्षक रामकृष्ण साहू, लोक अभियोजक विपिन बिहारी सिंह, जिला अधिवक्ता संघ के अध्यक्ष आर के पटेल ने जिला जेल में आज से प्रारंभ हुए कौशल विकास प्रशिक्षण कार्यक्रम की सराहना की एवं इसके लिए पहल करने के लिए जिला एवं सत्र न्यायाधीश सराहना की। इस दौरान जिला जेल समदर्शक अरुण अग्रवाल, रूपवंती जायसवाल, पार्षद अशोक जयसवाल, विकास दुबे जेलर जीएस मरकाम, सहायक संचालक कौशल विकास संजय द्विवेदी रितेश पांडे उपस्थित रहे।

बदले की नहीं बदलाव की भावना लेकर बाहर निकले

इस अवसर पर कलेक्टर कुंदन कुमार ने जिला एवं सत्र न्यायाधीश के पहल की जमकर सराहना की। कुंदन कुमार ने कहा कि आप सब जब यहां से बाहर निकले तो बदले की भावना नहीं बल्कि बदलाव की भावना से कार्य करें आप यह प्रयास करें कि जब आप दोबारा समाज की मुख्यधारा में जाएं तो अपने आदर्श एवं अच्छे व्यवहार से लोगों को प्रभावित करेगा जीवन का अंत नहीं जीवन का एक पड़ाव है

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