कोरिया। खाद संकट, अघोषित बिजली कटौती और गुणवत्ताहीन वर्मी कम्पोस्ट के साथ अन्य मांगों को लेकर जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ (जे) के जिला अध्यक्ष आदित्य राज डेविड के नेतृत में कलेक्टर कोरिया के नाम एसडीएम मनेन्द्रगढ़ नयनतारा सिंह तोमर को ज्ञापन सौंपा गया। ज्ञापन के माध्यम से उन्होंने बताया कि पूरे प्रदेश में खाद और बीज की भीषण कमी व्यापत है। सहकारी सोसाइटियों में खाद व बीज पर्याप्त मात्रा मे उपलब्ध ही नहीं है. जिसके कारण किसानों को खुले बाजार में खाद अधिक कीमत पर खरीदना पड़ रहा है। किसानों को मिलने वाला बारह सौ रूपये का डीएपी लगभग दो हजार रूपए में खरीदने पर मजबूर हैं। एक ओर खाद की कमी के कारण किसानों को घंटो सोसाइटी में खड़ा होना पड़ रहा है वहीं मुनाफाखोर चांदी काट रहे हैं।
वहीं सहकारी समितियों के माध्यम से राज्य सरकार गुणवत्ताहीन वर्मी कंपोस्ट खाद लेने के लिए मजबूर कर रही है। वर्मी कंपोस्ट के नाम पर किसानों को मिट्टी, कंकड़, पत्थर, पॉलिथीन आदि अमानक मिला हुआ खाद दिया जा रहा है. ऐसे में किसानों की फसल एवं खेत की उपजाऊ मिट्टी पर असर पड़ रहा है। खरीफ सीजन में किसान खेतों में खेती के लिए समय न देकर खाद के लिए समितियों के चक्कर लगा रहे हैं, हताश होकर दर-दर भटक रहे हैं। खरीफ सीजन के पहले खाद के संकट के साथ-साथ, किसानों को अघोषित बिजली कटौती की दोहरी मार झेलनी पड़ रही है। छत्तीसगढ़ के किसानों के हिस्से की बिजली को छत्तीसगढ़ की कांग्रेस सरकार अन्य राज्यों को दे रही है जो प्रदेश के किसानों के साथ सरासर अन्याय और कृषि समस्याओं को लेकर राज्य सरकार की असंवेदनशीलता का परिचायक है
धान का कटोरा कहे जाने वाला छत्तीसगढ़ राज्य कृषि बाहुल्य राज्य है और ऐसे में राज्य के अन्नदाता का ही त्रासदी में होना, राज्य सरकार की विफलता और कुप्रबंधन का साक्ष्य है। इस हेतु जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ (जे), किसानों को राहत देने निम्नलिखित चार सूत्रीय मांगों को आपके समक्ष रख रही है:
- सहकारी समितियों में तत्काल खाद और बीज की उपलब्धता सुनिश्चित की जाये। 2. किसानों को वर्मी कम्पोस्ट खाद लेने की अनिवार्यता को खत्म किया जाए।
- रासायनिक खाद की आपूर्ति में कमी को देखते हुए यूरिया डीएपी तथा पोटाश की विकी को खुले बाजार में प्रतिबंधित किया जाए इन तीनों प्रकार के खाद को सिर्फ सहकारी समितियों के माध्यम से सभी किसानों को सरकार द्वारा निर्धारित मूल्य पर दिया जाए।
- खेती-किसानी के लिए बिजली आपूर्ति को अतिआवश्यक सेवा की श्रेणी में रखा जाए और चौबीस घंटे बिजली सुनिश्चित की जाए।
उपरोक्त मांगें पूरी नहीं होने पर जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ (जे) प्रदेश भर में आंदोलन करने को विवश होगी।