जल आवर्धन योजना:2 साल की योजना 15 साल में भी पूरी नहीं “जल आवर्धन से जुड़े अधिकारी कर्मचारी एक दूसरे के ऊपर लगा रहे आरोप”
बलरामपुर नगरपालिका क्षेत्र के घरो में नल के माध्यम से घरो तक जल पहुचाने का कार्य दो दशक बीत जाने के बाद भी अधूरा पड़ा हुआ है ,,योजना में करीब 6 करोड़ 70 लाख रुपये की प्रशाशकीय स्वीकृति दी गई थी जिसमें से करीब 8 करोड़ की राशि खर्च भी हो चुकी है वावजूद इसके आज तक घरो में योजना का पानी नही पहुँच सका है ,वही जब हम ने योजना के बारे में संबंधित अधिकारियों से सवाल किया तो उनके द्वारा योजना को जल्द शुरू करने का हवाला दे दिया गया है ।
जी हां ये तस्वीरें कही और कि नही बल्कि बलरामपुर जिला मुख्यालय की है जहाँ प्रशासन के तमाम आला अधिकारियों का दफ्तर है और बड़े बड़े नेताओं का भी बराबर दौरा भी बना रहता है ,,लेकिन दो दशक से अधूरी पड़ी जल आवर्धन योजना पर किसी की नजर नही पड़ी नतीजन आज भी नगरपालिका क्षेत्र के रहवासियों के लिए योजना का पानी एक सपना ही बना हुआ है ,,दरअसल बलरामपुर मुख्यालय क्षेत्र से लगे हुए चनान नदी से पानी को लिफ्ट करके नगरपालिका क्षेत्र के घरों में सप्लाई करने की योजना बनाई गई थी और नदी से बहने वाले पानी को एनीकट के माध्यम से पाइप लाइन के जरिये नदी का पानी मुख्यालय में बने वाटर प्लांट में लाना था और पानी को फिल्टर करके टंकियों के माध्यम से नगरपालिका के प्रत्येक वार्ड के घरो में पहुचाना था ताकि नगरवासियों को पानी के लिए कही भटकना न पड़े
,,और इसके लिए शासन ने वर्ष 2008 में 6 करोड़ 63 लाख की राशी स्वीकृति की गई थी जिसे वर्ष 2017 में रिवाइज करते हुए योजना की राशि मे बढ़ोतरी करते हुए 8 करोड़ 77 लाख कर दी गई थी जिसमे करीब 8 करोड़ की राशि खर्च भी हो चुकी है ,योजना के तहत नगर पालिका क्षेत्र में पाइप लाइन का विस्तार भी कर दिया गया था लेकिन प्रशासन की उदासीनता की वजह से आज तक योजना को पूर्ण रूप से अमलीजामा नही पहनाया जा सका है ,और फिल्टर प्लांट की मशीनों में जंग भी लगने लगा है ,,वही योजना में लेटलतीफी से नगरपालिका क्षेत्र में रहने वाले रहवासियों में रोष भी है और करीब दो दशक से योजना के पानी का इंतजार भी कर रहे है ,,वहीँ स्थानीय निवासियों ने बताया कि नगरपालिका क्षेत्र में रहने वाले लोग अपने निजी बोरिंग मशीन से पानी का उपयोग कर रहे है क्योंकि जलावर्धन योजना आज भी आधी अधूरी पड़ी हुई है
,,,वहीँ मामले में नगर पालिका के अधिकारी का कहना है कि क्षेत्र में पानी की ब्यवस्था के लिए उनके द्वारा करीब 112 बोर करवाये गए है और जरूरत पड़ने पर टैंकर के माध्यम से पानी की पूर्ति की जाती है क्योंकि जलावर्धन योजना अभी तक PHE विभाग द्वारा उनको हैंडओवर ही नही किया गया है
,,,वही इस पूरे मामले में PHE विभाग SDO चमत्कार करने वाला बयान दे रहे है और उनका कहना है कि जो योजना करीब दो दशक से ज्यादा समय से अधूरी है उसे महज एक या दो महीनों में पूरा कर लिया जाएगा और नगरपालिका क्षेत्र में पानी की सप्लाई शुरू कर दी जाएगी लेकिन उसके लिए और पैसे खर्च करने पड़ेंगे ,,और करीब 6 लाख का फिर से स्टीमेट वनाकर शाशन को भेज दिया गया है
बलरामपुर जिले के पीएचई अधिकारी अपने एसडीओ के बयान और वक्तव्य से कोई भी ताल्लुक नहीं रखते इनका तो बात ही निराला है बताते हैं कि चनान नदी में शहर के पेयजल व्यवस्था के लिए जो लिफ्ट प्लान लगाए गए हैं वह विद्युत विभाग के लो वोल्टेज के हमारे जो मोटर लगे हुए हैं बार-बार जल जा रहे हैं जिससे पेयजल व्यवस्था सुचारु रुप से चालू नहीं हो पा रहे हैं
वहीं इस मामले में विद्युत विभाग के DE सजेन्द्र मरकाम का कहना है कि आज तकPHE विभाग के द्वारा कोई भी शिकायत नहीं की गई है आपके द्वारा यह जानकारी दी गई है अगर समस्या होगी तो उसका तत्काल समाधान किया अपने कर्मचारियों से करवाया जाएगा
सरगुजा से अलग होकर बलरामपुर जिला बन के बाद कई कलेक्टर आये और कलेक्टरी करके चले गए लेकिन शाशन के पैसों पर गंभीरता किसी ने नही दिखाई नतीजन एक दसक से ज्यादा का समय बीत जाने के बाद भी जलावर्धन योजना नगरपालिका क्षेत्र में आधी अधूरी पड़ी हुई है और अब फिर से लाखों रुपए खर्च करने की योजना बनाई जा रही है ।