बलरामपुर। जिले के प्रसिद्ध पर्यटन स्थल तातापानी महोत्सव का छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल द्वारा शुभारंभ किया गया इस दौरान मंच पर लगे फ्लेक्सी से पैलेस समर्थक विधायकों का फोटो नहीं लगे होने के कारण मंच से ही सामरी विधायक एवं संसदीय सचिव चिंतामणि महाराज ने अपने गहरी नाराजगी व्यक्त कर दी।
प्रत्येक वर्ष 14 जनवरी को मकर सक्रांति के शुभ अवसर पर तातापानी महोत्सव का आयोजन किया जाता है, इसी कड़ी में इस वर्ष आयोजित तातापानी महोत्सव में छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल एवं कैबिनेट के अन्य मंत्री मंच पर बैठे हुए थे। इसी दौरान सामरी विधायक चिंतामणि महाराज ने अपने उद्बोधन के दौरान बहुत ही दर्द भरी लहजे में मुख्यमंत्री को अवगत कराया कि यह कार्यक्रम जिला स्तरीय कार्यक्रम है और बलरामपुर जिले में ढाई विधानसभा आते हैं,और सभी जगह कांग्रेस के विधायक निर्वाचित है जबकि मंच वाले फ्लेक्सी पर मुख्यमंत्री के साथ सिर्फ एक ही विधयाक का फोटो लगा हैं जिससे हमारे निर्वाचन क्षेत्र सामरी से आए हमारे कार्यकर्ताओं में काफी नाराजगी दिख रही है। चिंतामणि महाराज के इस शिकायत के बाद मंच के नीचे से टीएस बाबा जिंदाबाद का नारा गूंज उठा, हलाकि चिंतामणि महाराज के इस शिकायत को मुख्यमंत्री ने नजर अन्दाज कर दिया, भरे मंच से उद्बोधन के दौरान की गई इस शिकायत के बाद क्षेत्र में कई तरह के चर्चा शुरु हो गए हैं। जन चर्चा के अनुसार चिंतामणि महाराज को पैलेश गुट का समर्थक माना जाता है, शायद इसीलिए मंच में लगे फ्लेक्सी में मुख्यमंत्री के करीबी सिर्फ एक ही विधायक का फोटो लगा है एवं पैलेश समर्थक अन्य विधयाक का फोटो फ्लेक्सी से गायब रहा। चिन्तामणि महाराज एक सुलझे विधायक में गिने जाते हैं फिर भी हजारों के भीड़ में भरे मंच से मुख्यमंत्री से किए गए इस तरह की शिकायत किया जाना और मुख्यमंत्री की खामोशी इस बात का सबूत है कि गुटबाजी चरम पर है। गुटबाजी ने पैलेश गुट के विधायकों को अंदर से जकझोर दिया हैं। जनचर्चा ये भी है कि पैलेश गुट के विधायकों का वैसे भी कोई सुनता नहीं है पूरा जिला एक ही विधायक के कंट्रोल में है।
जिला प्रशासन की दिखी उदासीन रवैया :- तातापानी महोत्सव के पूरे कार्यक्रम में जिला प्रशासन द्वारा संसदीय सचिव चिंतामणि महाराज की अनदेखी करते हुए कार्यक्रम स्थल से चिंतामणि महाराज का फोटो ही गायब कर दिए गए।कार्यक्रम स्थल पर लगाये गए फ्लेक्सी एवं अन्य प्रचार सामग्री पर चिंतामणि महराज का फोटो नहीं लगना जिला प्रशासन की उदासीनता साफ झलक रही थी जिससे चिंतामणि महराज व उनके समर्थकों में खासा नराजगी देखी गई।