बालक छात्रावास झलरिया के दिव्यांग अधीक्षक से हाथ मिलाकर दी शाबासी, “छात्रावास के बेहतर प्रबंधन के लिए की तारीफ”
कलेक्टर व पुलिस अधीक्षक बने शिक्षक, बच्चों को बढ़ाया अंग्रेजी और भूगोल का पाठ
क्लेक्टर व पुलिस अधीक्षक ने स्कूल, आश्रम, छात्रावासों का किया सघन दौरा, व्यवस्थाओं का लिया जायजा
महात्मा गांधी का पूरा नाम क्या है? देश की राजधानी का नाम बताएं? बलरामपुर में तहसीलों की संख्या कितनी है? कलेक्टर व पुलिस अधीक्षक ने शिक्षक की भूमिका में बच्चों से जब ये सवाल पूछे तो बच्चों ने भी इसका बखूबी जवाब भी दिया। दरअसल क्षेत्र भ्रमण पर निकले कलेक्टर व पुलिस अधीक्षक अचानक झलरिया स्थित पूर्व माध्यमिक शाला पहुंच गए और बच्चों को पढ़ाने लगे। उन्होंने बच्चों को अंग्रेजी, भूगोल व सामान्य ज्ञान का पाठ पढ़ाया। बच्चों को जब पता चला कि हमारे बीच आए यह शिक्षक जिले के कलेक्टर व पुलिस कप्तान हैं, तो उनकी खुशी का ठिकाना नहीं रहा तथा बच्चों ने उनका अभिवादन भी किया। कलेक्टर ने कक्षा आठवीं के बच्चों को अंग्रेजी पढ़ाया और उसका अनुवाद करके भी समझाया। पुलिस अधीक्षक ने भी बच्चों को मानचित्र के माध्यम भूगोल और देश-विदेश की महत्वपूर्ण जानकारियां दी। बच्चों से उनकी रुचि के बारे में पूछने पर बच्चों ने बताया कि कोई डॉक्टर कोई शिक्षक तो कोई अधिकारी बनना चाहता है। जिस पर कलेक्टर ने बच्चों से कहा कि जीवन में आगे बढ़ने के लिए पढ़ाई जरूरी है तथा पढ़ाई के द्वारा ही अपने लक्ष्य को आसानी से प्राप्त कर सकते हैं। शिक्षा ही एक ऐसा माध्यम है जो जीवन में बदलाव का बड़ा कारण बनता है। भारत का प्रधानमंत्री कौन हैं यह सवाल पूछने पर छात्रों ने जब एक साथ जवाब दिया तो कलेक्टर व पुलिस अधीक्षक ने ताली बजाकर उनका उत्साहवर्धन किया।
तत्पश्चात् कलेक्टर व पुलिस अधीक्षक ने झलरिया बालक छात्रावास का निरीक्षण किया जहां दिव्यांग अधीक्षक द्वारा राशि उपलब्ध न होने पर स्वयं के पैसे से भवन का छोटा-छोटा मरम्मत कार्य करवाने तथा छात्रावास की व्यवस्था को सुधारने पर कलेक्टर ने दिव्यांग छात्रावास अधीक्षक श्री प्रकाश टोप्पो से हाथ मिलाकर उनका अभिवादन किया और उनके कार्य की भूरी-भूरी प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि सभी अधिकारियों को इनसे सीख लेनी चाहिए। नौनिहालों के भविष्य के प्रति ईमानदारी से किया गया इनका काम निश्चित ही प्रेरणादायी है। छात्रावास की साफ-सफाई देखकर कलेक्टर ने कहा कि इसी प्रकार व्यवस्था बनाए रखना है तथा बच्चों से स्नेह और वात्सल्य के साथ पेश आना है। कलेक्टर ने छात्रावास में बच्चों के लिए मच्छरदानी के साथ ही सभी खिड़कियों में जाली लगाने को कहा। छात्रावास अधीक्षक से बच्चों की संख्या उपस्थिति तथा भोजन के संबंध में भी जानकारी ली।
इस दौरान मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत श्रीमती रीता यादव, अनुविभागीय अधिकारी राजस्व श्री भरत कौशिक, मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत श्री के.के. जायसवाल उपस्थित थे।