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भू माफिया की टेढ़ी नजर शासन एवं खाली पड़ी जमीनों पर मृत व्यक्ति ने कर दिया लाखों रुपए का रजिस्ट्री

वर्षों से पर बना के रह रहे 17 लोगों के उस समय होश उड़ गए जब उन्हें पता चला कि जिस जमीन पर वह घर बनाकर रह रहे है, यह जमीन किसी और के नाम से रजिस्ट्री हो गई। जिसके बाद आज बड़ी संख्या में लोग तहसीलदार न्यायालय आकर नामान्तरण पर रोक लगाए जाने के लिए आवेदन प्रस्तुत किए।

प्राप्त जानकारी के अनुसार नगर के वार्ड क्रमांक 1 में खसरा नंबर 4, 11 रकबा 25से30 वर्षों  से 17 लोग घर बनाकर रह रहे है। जब सभी को 15 अक्टूबर को पता चला कि जिस जमीन पर वह रह रहे हैं वह जमीन नगर के ही किसी और के नाम से रजिस्ट्री हो गई है। इसके बाद सभी लोग आनन- फानन में आज 17 लोग तहसीलदार न्यायालय में पहुंचकर नामांतरण पर रोक लगाए जाने की मांग की। पर बना कर रह रहे कृष्णा गुप्ता, प्रकाश मालाकार, कमलेश विश्वकर्मा, कन्हाई प्रसाद गुप्ता सुशीला देवी, राज मुनि गुप्ता, संतलाल गुप्ता, नीलम देवी कृष्ण कुमार गुप्ता, प्रदीप तिवारी, दिनेश गुप्ता, दीपक गुप्ता, संगीता सिंह, सत्येंद्र प्रजापति प्रवेश प्रजापति ने आरोप लगाया कि फर्जी तरीके से जमीन की रजिस्ट्री की गई है। हम लोग यहां वर्षों से निवास कर रहे हैं।

जांच उपरांत कार्यवाही की जाएगी

इस संबंध में तहसीलदार विनीत सिंह ने चर्चा के दौरान बताया कि उक्त जमीन के रजिस्ट्री के पूर्व दो से तीन बार जांच एवं मिलान

मृत व्यक्ति से रजिस्ट्री कराने का लगाया आरोप

नगर के वार्ड क्रमांक 1 में घर बनाकर निवास कर रहे 17 परिवार के लोगों ने आरोप लगाया। जिस जमीन को रजिस्ट्री 2 लोगों के द्वारा कराई गई है वह जमीन गहनी कोडाकु पिता टुक का नाम दर्ज था जो कई वर्ष पूर्व ही मर चुका है। फिर उसके जमीन को किस प्रकार कोई रजिस्ट्री कर सकता है और अगर कराया तो किसने किससे कराया। इसकी जांच निष्पक्ष रूप से होनी चाहिए हम लोग पिछले कई से उस जमीन पर घर बनाकर निव्वसरत है। आज तक किसी भी प्रकार का कोई सूचना हमें प्रशासनिक रूप से नहीं दी गई है कि उक्त जमीन किसी और का है।

        नगर में जमीन का गोरखधंधा जोरों पर

सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार पता चला है कि नगर में आजकल लोगों के जुबान पर चर्चा का विषय बना हुआ है की शहर में जितने भी खाली या बकास का है, जमीन कहीं-कहीं तो निजी जमीन को भी जो यहां नहीं रहते उन पर भी कब्जा दिखाकर फर्जी तरीके से रजिस्ट्री का कार्य बड़े स्तर पर चल रहे है। इस कार्य में बड़े पहुंच वाले लोगों का वरदहस्त लोगों के द्वारा किया जा रहा ऐसा लोगों का मानना है पर सामने आकर कोई भी हस्तक्षेप नहीं करना चाहते है क्योंकि वे इसी नगर में रहकर अपना व्यापार व्यवसाय करते हैं। शिकायत करने पर या सामने आकर लड़ने पर उन्हें डर है कि उन्हें बेवजह कुछ न कुछ परेशानी का सामना करना पड़ता है

सोशल मीडिया में तेजी से हो रहा है वायरल

सोशल मीडिया में भी काफी तेजी से वायरल हो रहा है यह घटनाक्रम कई लोगों के नाम आ रहे हैं सामने वहीं लोगों ने आरोप लगाया है कि क्षेत्र के जनप्रतिनिधियों के संरक्षण में हो रहा है सोशल मीडिया में कई मुंह कई नाम आ रहे हैं अब देखना यह होगा कि आखिर में सच्चाई क्या है कईयों ने तो सोशल मीडिया में ऐसा आरोप लगाया कि है के जो जनप्रतिनिधि हैं वह शासन की भूमि का पट्टा तक बनाकर उसकी बिक्री कर दिया है गया है और कई वर्षों से यह गोरखधंधा चल रहा है उनकी पहली नजर इस तरह की की जमीनों पर बनी रहती है और वह यह काम बखूबी कर भी लेते हैं पैसे और पहुंच के बल पर

ग्राम पंचायत गढ़िया के सरपंच ने किया दावा

ग्राम पंचायत कढ़िया थाना चलगली के सरपंच धिरसाय का कहना है कि इस व्यक्ति की मृत्यु बहुत ही पहले ही हो गई है और जो रजिस्ट्री में फोटो दिख रहा है वह व्यक्ति यहां का है ही नहीं इससे साफ जाहिर होता है कि बलरामपुर जिले में भूमाफिया किस तरीके से सक्रिय हैं जो शासन की ही नहीं खाली पड़ी जमीनों पर भी अपनी पैनी नजर गड़ा कर रखे हैं

नगर के बेशकीमती जमीनों पर जमीन माफियाओं का टेढ़ी नजर कई प्रतिष्ठित लोगों है इस गोरखधंधे में है शामिल कई जमीनों का यहां फर्जी तरीके से रजिस्ट्री नामांतरण तक हो चुके हैं और लाखों करोड़ों रुपए की खेला यहां के प्रतिष्ठित व्यक्तियों द्वारा किया जा चुका है मैं आपको बता दूं गरीब के द्वारा जहां एक छत के आशा से घर बनाकर रह जाता है वहां पर प्रशासन की बुलडोजर चले जाते हैं और पैसे के बलबूते पर यह प्रतिष्ठित लोग शासन को चुना लगाते हुए करोड़ों का खेल कर लेते हैं इन पर करवाई इसलिए नहीं होती क्योंकि यह मोटी रकम चढ़ावे में प्रशासन के कर्मचारियों को देते हैं अब देखना यह होगा कि जिस तरीके का यह खुलासा अभी हुआ है जो कई वर्ष पहले मृत व्यक्ति के द्वारा रजिस्ट्री करने का मामला आया इसमें प्रशासन क्या कार्रवाई करती है इस रकबा के पास रहने वाले बुजुर्ग व्यक्ति का कहना है जब मैं 15 साल का था तब इसकी मृत्यु हो चुकी थी और आज मैं 70 साल का हूं तो आप सोच सकते हैं कि यह व्यक्ति कैसे आकर रजिस्ट्री कर सकता है वही उसके परिवार में नाती पोता उम्र लगभग 33 से 40 वर्ष हो चुके हैं और उसके बेटे तक की मृत्यु हो चुकी है अब सोचना यह होगा की रजिस्ट्री कराने को हराया और किस तरीके से उसके फर्जी डाक्यूमेंट्स बनाए गए यह भी एक जांच का विषय है प्रशासन कानून व्यवस्था चलाने वाले इस मामले में क्या कार्रवाई करते हैं यह देखने वाली बात होगी।

यह 17 लोग जो इस भूमि पर 25 से 30 वर्षों  निवासरत है उनका क्या होगा ?

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