राजपुर। शासकीय कन्या उच्चतर माध्यमिक विद्यालय राजपुर में मानव अधिकार दिवस पर छात्राओं को मानव अधिकारों की जानकारियां दी गई।इस अवसर पर उच्चतर माध्यमिक विद्यालय राजपुर में विद्यालय की छात्राओं को जानकारी देते हुए सुश्री आकांक्षा बेक ने बताया कि मानव अधिकार बुनियादी अधिकार हैं और सभी मनुष्यों के लिए समान रूप से लागू हैं। हम यह कह सकते हैं कि अधिकार स्वतंत्रता के लिए सम्मान को बढ़ावा देने के लिए मानव जीवन की सुरक्षा और गरिमा को बढ़ाने के लिए आवश्यक हैं और उनके लिए अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सार्वभौम मान्यता देख कर सब से पालन कराने की व्यवस्था की गई है। मानव अधिकार अनिवार्य और अति आवश्यक है नैतिक शारीरिक सामाजिक कल्याण बनाए रखने के लिए मानव अधिकार आवश्यक है और नैतिक उत्थान के लिए उपयुक्त स्थिति प्रदान करते हैं अमीर हो या गरीब सभी को समान अधिकार प्राप्त हैं और मानव अधिकार अपरिवर्तनीय है किसी शक्ति अधिकार द्वारा इन्हें प्राप्त नहीं किया जा सकता।
अधिवक्ता संघ के अध्यक्ष जयगोपाल अग्रवाल ने कहा कि मानव अधिकार हमारे मौलिक अधिकारों से भिन्न है ऐसा कहा जा सकता है मानव अधिकारों का अनुमान है कि प्रत्येक व्यक्ति के पास जो स्वतंत्रता है और जो उसे लाभ प्राप्त हैं उसके लिए समाज से अपेक्षा की जाती है कि वह व्यक्ति के अधिकारों का संरक्षण करें, देश में मानवाधिकार आयोग की भी स्थापना की गई है जहां कहीं भी किसी व्यक्ति के अधिकारों का हनन होता है वह मानवाधिकार आयोग में अपनी शिकायत दर्ज करा सकता है ऐसी शिकायतें सीधे सामान्य डाक से भी भेजी जा सकती हैं और उन पर त्वरित कार्यवाही होती हैं।
अधिवक्ता संघ के सचिव सुनील सिंह ने कहा कि मानव अधिकारों के संरक्षण के लिए प्रारंभ से ही दुनिया भर में प्रयास होते रहे हैं संयुक्त राष्ट्र संघ ने इस दिशा में ठोस पहल करते हुए कारगर कदम उठाए थे हमारे देश के आजादी के दौरान ही मानवाधिकार विषय पर संयुक्त राष्ट्र संघ ने विचार किया था मानव अधिकार वहां से शुरू होता है जहां कोई ताकतवर व्यक्ति संस्था कमजोर वर्ग को परेशान प्रताड़ित करता है। सदीयों पहले जब दास्तां की स्थिति थी तब यह विचार आया था और धीरे-धीरे ऐसी स्थितियां बनी हमारे संविधान में भी मानव अधिकारों को सर्वप्रथम स्थान दिया गया है। जाति लिंग धर्म या किसी भी आधार पर किसी के साथ भेद नहीं किया जाता सबको समान अवसर उपलब्ध हो सब के अधिकारों का रक्षा हो यह मानव अधिकार है जो अत्यंत मानवता के आधार पर सभी को समान रूप से और सभी के पास है।
अधिवक्ता उमेश झा ने कहा कि अधिकार काफी हैं पर अपने अधिकारों के साथ-साथ दूसरों के अधिकारों की रक्षा करने के लिए हमें प्रयासरत रहना चाहिए और सब को सम्मान मिले और हर अवसर का सबको लाभ मिले यह ध्यान रखना चाहिए।
अधिवक्ता जितेंद्र गुप्ता ने कहा कि अधिकारों के साथ कर्तव्यों की निर्वाहन की कोशिश होनी ही चाहिए क्योंकि अगर हम कर्तव्यों का पालन करने लगते हैं जो दूसरों के अधिकार पुष्पित पल्लवित होते हैं उनके अधिकारों की रक्षा होती है और जब हम सिर्फ अपने अधिकारों की बात करते हैं तो फिर दूसरे के अधिकारों का हनन करना शुरू कर देते हैं मानव अधिकार को समग्र रूप में देखते हुए हम सबको संकल्प लेना होगा कि हम कर्तव्यों का पालन करें और दूसरे के अधिकारों की रक्षा करें।
इस अवसर पर विद्यालय के प्राचार्य ने आभार व्यक्त किया और कहा कि इस तरह की जानकारियों से विद्यालय परिवार को लाभ मिलता है भविष्य में ऐसे आयोजन होते रहे तो ज्यादा बेहतर है।
इस दौरान विद्यालय में विद्यालय के स्टाफ उमेश वर्मा व अन्य शिक्षक-शिक्षिकाएं भी मौजूद रहे।