राष्ट्रीय बालिका दिवस के अवसर पर विधिक साक्षरता शिविर का आयोजन, छात्राओं को अधिकारों के प्रति किया गया जागरूक
बलरामपुर जिले कोरोना के बढ़ते मामलों को ध्यान में रखते हुए राष्ट्रीय बालिका दिवस के अवसर पर वर्चुअल माध्यम से स्कूली छात्राओं के लिए विधिक साक्षरता शिविर का आयोजन किया गया। जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के अध्यक्ष श्री सिराजुद्दीन कुरैशी के मार्गदर्शन में प्रथम अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश श्री प्रफुल्ल कुमार सोनवानी ने विधिक साक्षरता शिविर में उपस्थित समस्त छात्राओं को संबोधित करते हुये राष्ट्रीय बालिका दिवस की बधाई दी। उन्होंने कहा कि 24 जनवरी के दिन पूर्व प्रधानमंत्री श्रीमती इंदिरा गांधी ने पहली बार प्रधानमंत्री के रूप में कार्यभार संभाला था, इसलिए इस दिन को राष्ट्रीय बालिका दिवस के रूप में मनाया जाता है। न्यायाधीश श्री सोनवानी ने कहा कि बालिका दिवस का उद्देश्य लड़कियों को जागरूक करना है, साथ ही लोगों को यह बताना है कि समाज के निर्माण में महिलाओं का समान योगदान है। सभी क्षेत्रों में महिलाओं की सहभागिता बढ़ी है तथा उन्हें जागरूक करते हुए इस और बढ़ाना है और लड़कियों को भी निर्णय लेने का पूरा अधिकार होना चाहिए। भारत में लड़कियों की साक्षरता दर, उनके साथ भेदभाव तथा कन्या भ्रूण हत्या एक बड़ा मसला है। कन्या भ्रूण हत्या की वजह से लैंगिक अनुपात में महिलाओं की संख्या कम है। उन्होंने कहा कि देश में लड़कियों द्वारा सामना किये जाने वाले असमानताओं के बारे में लोगों को जागरुक करना आवश्यक है ताकि भेदभाव के इस कुरीति को खत्म किया जा सके। साथ ही उन्होंने छात्राओं को शिक्षा, स्वास्थ्य और पोषण के महत्व के बारे में विस्तार पूर्वक जानकारी दी।
इस दौरान जिला विधिक सेवा प्राधिकरण की सचिव श्रीमती रेशमा बैरागी, शासकीय हायर सेकेण्डरी स्कूल रामचंद्रपुर के प्राचार्य, शिक्षक-शिक्षिकाएं एवं विद्यार्थी वर्चुअल माध्यम से शिविर से जुड़े।