बलरामपुर। राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण नई दिल्ली के निर्देशानुसार वर्ष 2022 में आयोजित होने वाले नेशनल लोक अदालत छत्तीसगढ़ राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के अध्यक्ष बिलासपुर के मार्गदर्शन में छत्तीसगढ़ राज्य में तालुका स्तर से उच्च न्यायालय स्तर तक सभी न्यायालयों में नेशनल लोक अदालत का आयोजन किया गया जहाँ राजीनामा योग्य प्रकरणों में पक्षकारों की आपसी सहमति व सुलह समझौता से निराकृत किए गए हैं
उप लोक अदालत ने प्रकरणों के पक्षकारों की भौतिक तथा वर्चुअल दोनों ही माध्यमों से उनकी उपस्थिति में निराकृत किए जाने के अतिरिक्त स्पेशल सिटिंग की भी व्यवस्था की गई थी।
इसी क्रम में जिला एवं सत्र न्यायालय रामानुजगंज तालुका न्यायालय बलरामपुर राजपुर एवं वाड्रफनगर में आज राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन किया गया जिसमें न्यायालय में लंबित राजीनामा योग्य आपराधिक प्रकरण मोटर दुर्घटना दावा प्रकरण पारिवारिक विवाद धारा 138 पराक्रम में लिखित अधिनियम संबंधी बाद सिविल वाद राजस्व प्रकरण, बैंक, विद्युत, जल के बकाया सेवकों का भुगतान संबंधी वाद,दूरभाष, किशोर न्याय बोर्ड के राजीनामा योग्य प्रकरण एवं यातायात के सामान्य मामलों को राष्ट्रीय लोक अदालत में रखा गया जिसमें समस्त न्यायालयों से 1002 लंबित प्रकरण एवं 4554 प्री लिटिगेशन प्रकरण कुल 5556 प्रकरण रखे गए थे। उक्त प्रकरणों में से 248 लंबित प्रकरण एवं 3060 प्री लिटिगेशन प्रकरण कुल 3306 प्रकरणों का पक्षकारों के आपसी समझौते के आधार पर सफलतापूर्वक निराकरण कर राशि 14824101 रुपए का जिला रामानुजगंज द्वारा अवार्ड पारित किया गया जिसमें 3306 प्रकरणों से संबंधित लगभग 600 व्यक्ति लाभान्वित हुए। राष्ट्रीय लोक अदालत में निशुल्क स्वास्थ्य परीक्षण शिविर भी लगाया गया था जिसमें लगभग 450 व्यक्ति लाभान्वित हुए।
जिला न्यायालय में आयोजित राष्ट्रीय लोक अदालत में राजीनामा योग्य प्रकरण का सफल निराकरण किया गया इस प्रकरण में आवेदिका सरिता रवि का विवाह अनावेदक साकेत कुमार के साथ दिनांक 10/4/2013 को हिंदू रीति रिवाज से हुआ था।उनके वैवाहिक संसर्ग से एक पुत्र दूसरा भी उत्पन्न हुआ दोनों दांपत्य जीवन कुछ दिनों तक ठीक रहा किंतु कुछ दिनों के पश्चात अन आवेदक का व्यवहार आवेदिका के लिए क्रूरता पूर्ण हो गया था इससे दोनों के बीच विवाद उत्पन्न होने लगा। इसी संबंध में ग्राम बसंतपुर में दिनांक 7.8.2013 को सामाजिक बैठक हुआ किंतु उसमें भी उनके विवादों का कोई समाधान नहीं निकला बाद में आवेदिका दिनांक 2/2/2014 को अपने मायके चली गई उसके पश्चात आवेदिका द्वारा धारा 125 दं. प्र. सं. के अंतर्गत भरण पोषण का आवेदन दर्ज कराया गया जिसमें ₹6000 प्रतिमाह आवेदक को दिलाए जाने हेतु आदेश पारित हुआ। दिनांक 10/3/2016 को अन आवेदक के द्वारा आवेदिका के विरुद्ध धारा 13 विवाह विच्छेद अधिनियम के तहत मामला दर्ज कराया गया उसके उपरांत आवेदिका सरिता ने दांपत्य जीवन की पूर्ण स्थापना हेतु दिनांक 11/5/2016 को प्रथम अपर जिला एवं सत्र न्यायालय में प्रकरण पेश किया गया।प्रकरण के लंबित रहने के दौरान माननीय न्यायाधीश महोदय श्री सोनवानी के द्वारा दोनों पक्षों से लगातार संपर्क कर समझौता हेतु प्रेरित किया गया। तत्पश्चात दिनांक 12 मार्च 2022 को आयोजित नेशनल लोक अदालत में माननीय अध्यक्ष महोदय एवं पीठासीन अधिकारी श्री सोनवानी के द्वारा समझाईस दिए जाने पर दोनों पक्षों ने उपस्थित होकर न्यायालय में बिना किसी दबाव के आपसी सहमति से राजीनामा कर साथ रहने के लिए तैयार हो गए। जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के अध्यक्ष सिराजुद्दीन कुरैशी द्वारा दोनों पति-पत्नी को आगामी उज्जवल भविष्य की शुभकामनाएं देते हुए पुष्प कुछ प्रदान कर न्यायालय से विदा किया। दोनों पक्ष राजी खुशी घर को रवाना हुए इस प्रकार 8 वर्ष से अलग रह रहे पति पत्नी को नेशनल लोक अदालत के माध्यम से बिखरा हुआ परिवार पुनः एक हो पाया।
इसके अतिरिक्त इस अवसर पर जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के अध्यक्ष श्री सिराजुद्दीन कुरैशी एवं जिला न्यायालय के न्यायाधीशगण के द्वारा वन विभाग से संबंधित जंगली हाथी द्वारा किए गए फसल नुकसान से संबंध में हितग्राही राम केश्वर, चठूराम, गंगा प्रसाद, बुद्धेश्वर, शिवप्रसाद, तेज प्रताप एवं माधव साहू को मुआवजे के रूप में चेक वितरण किया गया।
लोक अदालतों के माध्यम से लोगों को जल्दी न्याय मिलता है लोक अदालत से एक रास्ता खुलता है लोगों ने अपने अहम को हटाकर आपसी समझौते से अपनी मामले निपटाए। लोगों को लोक अदालत के माध्यम से मामले निराकृत करने हेतु प्रोत्साहित किया जा रहा है तथा अधिक से अधिक मामलों को लोक अदालत के माध्यम से निराकृत करने का प्रयास किया जा रहा है।