राजपुर। खैरागढ़ छुईखदान गंडई जिले के घोंघेडबरी निवासी आशीष वर्मा ने बीते छह दिनों में चौदह जिले की यात्रा लिफ्ट लेकर करते हुए युवाओं को ये संदेश देने की कोशिश की हैं।
यदि आप छत्तीसगढ़ भ्रमण करना चाहते है और आपके पास पैसे की दिक्कत है लेकिन आप में जज्बा हैं तो आप निराश नही होगे। क्योंकि छत्तीसगढ़िया सबले बढ़िया का स्लोगन को आशीष ने चरितार्थ करते हुए दूसरों से लिफ्ट लेकर छत्तीसगढ़ भ्रमण की यात्रा पर निकले हैं।आशीष वर्मा बीते छः फरवरी को रायपुर से अपनी यात्रा शुरू कर बलौदा बाजार बेमेतरा कवर्धा मुंगेली बिलासपुर जांजगीर चांपा कोरबा गौरेला पेंड्रा मरवाही मनेंद्रगढ़ चिरमिरी भरतपुर सूरजपुर सरगुजा होते हुए छठवें दिन बलरमपुर जिले की यात्रा पर हैं। आशीष ने बताया की छह दिनों की यात्रा में अब तक आशीष के मात्र पांच सौ रुपए ही खर्च हुए हैं जबकि आशीष ने छह दिनों में अब तक तेरह जिले के दर्शनीय एवं पुरात्वविक स्थल रायपुर में माता कौशल्या मंदिर बलोदाबाजर में कबीर पंथियों का तीर्थ स्थल दामाखेड़ा मेला 2023 कबीरधाम(कवर्धा) में भोरमदेव मंदिर मुंगेली में अचानकमार टाइगर रिजर्व बिलासपुर में रतनपुर के माँ महामाया मंदिर जांजगीर चांपा में कोटमी सोनार क्रोकोडाइल पार्क कोरबा में सतरेंगा टूरिस्ट स्पॉट पेंड्रा जाते वक्त अमरकंटक घूम लिया (mp) कोरिया में झुमका बोट क्लब पर्यटन स्थल सूरजपुर में केनापरा पर्यटन स्थल सरगुजा में मैनपाट हील स्टेशन का दौरा कर चुके हैं।आशीष अपने दौरे के माध्यम से ये भी बताना चाहते हैं कि जब कभी दुसरे राज्य के नागरिक छत्तीसगढ़ भ्रमण की बात सोचते हैं तो उनके मन में नक्सल की याद ताजा हो जाती हैं लेकिन अब छत्तीसगढ़ में ऐसा नही हैं। छत्तीसगढ अब एक ऐसा राज्य बन चुका हैं जहाँ आप अपनी यात्रा छत्तीसगढ़ वासियों के बीच अपनी कम बजट में लिफ्ट लेकर भी कर सकते हैं। आशीष अपने साथ एक पीठू में टेंट और बिस्तर लेकर चलते है जिसे रात में बस स्टेंड या पेट्रोल पंप रेलवे स्टेशन या अन्य किसी सार्वजनिक स्थान पर लगाकर विश्राम करते हैं।
आशीष ने अपने यात्रा के अनुभव के विषय में बताते हुए कहा की छतीसगढ़ के लोग यात्रा के दौरान लिफ्ट तो देते ही हैं साथ ही अधिकांशतः चाय नाश्ता के साथ भोजन कराते हुए अन्य मदद करने की कोशिश भी करते हैं जिसके चलते ये मेरी यात्रा छह दिनों में चौदहवे जिले बलरामपुर में पूर्ण हो रही हैं और छतीसगढ के सबसे ऊंचे चोटी गौरालाटा होते हुए छत्तीसगढ़ के बचे हुए उन्नीस जिले में होगी।