छत्तीसगढ़

वनकर्मियों की मांग जायज परंतु फायर सीजन में हड़ताल पर जाने से जंगल तथा वन्य प्राणियों का अस्तित्व खतरे में: धीरज सिंह देव,,,

बलरामपुर न्यूज़ डेस्क -राज्यसभा सांसद रामविचार नेताम के सांसद प्रतिनिधि धीरज सिंहदेव ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर , ग्रीष्म ऋतु में लगातार जंगलों में आगजनी की घटनाओं को लेकर अफसोस जताते हुए छत्तीसगढ़ सरकार से वनकर्मियों की मांगों को शीघ्र से शीघ्र पूर्ण कर वनकर्मियों के अनिश्चितकालीन हड़ताल को समाप्त कराने की मांग की है..

सांसद प्रतिनिधि धीरज सिंहदेव ने चारों ओर से वनों से घिरे बलरामपुर -रामानुजगंज जिले के वनों में लगातार वनोपज संग्रह के नाम पर वनों में हो रही आगजनी की घटनाओ को दुर्भाग्यपूर्ण पूर्ण बताते हुए कहा है कि वनों में आगजनी रोकने की कुछ जिम्मेदारियां वनकर्मियों की है,तो कुछ जिम्मेदारियां आम नागरिकों की भी है..लेकिन फिर भी आमजन वनों में तेजी से फैलते आग को नजर अंदाज कर जाते है.तथा वन अमला भी फायर सीजन में ही अपनी मांगों को मनवाने के लिए अनिश्चितकालीन आंदोलन पर चले जाते है..जिसका परिणाम यह होता है कि वन धीरे-धीरे धू -धू कर जलने लगता है.जिससे वन्यप्राणियो के समक्ष संकट के काले बादल छा जाते है.उन्होंने कहा की अगर ऐसा ही चलता रहा तो वह दिन दूर नही जब हमारी आने वाली पीढ़ी वन और वन्यप्राणियो के बारे में केवल कहानियों और किताबो में ही पढ़ पाएंगे..

सांसद प्रतिनिधि धीरज सिंहदेव का मानना है कि वनों और वन्यप्राणियो की सुरक्षा के लिए ही वन विभाग का गठन हुआ है..ऐसे में वनकर्मियों को फायर सीजन को छोड़कर अपनी मांगों को लेकर आंदोलन करना चाहिए..उनकी मांगे जायज है..और वे फायर सीजन को छोड़कर कभी भी आंदोलन पर चले जाएं सरकार उनकी मांगों पर विचार करेगी..लेकिन फायर सीजन में आंदोलन से केवल आमजनों का ही नही सबका नुकसान हो रहा है..यही नही जब वन ही जलकर राख हो जाएगा तो वनकर्मियों की आवश्यकता ही क्या रह जायेगी..इसलिए वनों में आगजनी की घटना को रोकने हेतु वनकर्मियों सहित आमजनों को भी आगे आना होगा ।

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