छत्तीसगढ़बलरामपुर

विचाराधीन बंदियों को सुनवाई हेतु न्यायालय लाने की आवश्यकता समाप्ति की ओर,,,न्यायालयों में वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से की गई सुनवाई,13 बंदियों की सुनवाई की गई वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से…

बलरामपुर। उच्च न्यायालय बिलासपुर के चीफ जस्टिस श्री अरूण कुमार गोस्वामी, जस्टिस श्री पी.सैम कोशी, चेयरमैन, कम्प्यूटर कमेटी और जिले के पोर्टफोलियो जज जस्टिस श्री सचिन सिंह राजपूत की पहल से जिला एवं सत्र न्यायालय एवं बाह्य न्यायालयों बलरामपुर, राजपुर व वाड्रफनगर में 01 अगस्त 2022 को विचाराधीन बंदियों की सुनवाई वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से की गई। वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सुनवाई किये जाने से विचाराधीन बंदियों को जेल से लाने व ले जाने की आवश्यकता नहीं पड़ी। 05 गवाहों के ब्यान दर्ज कराये गये, जिसमें विचाराधीन बंदियों ने जेल के वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग कक्ष में रहकर अपने प्रकरण की कार्यवाही में भाग लिया तथा न्यायाधीश एवं अधिवक्तागण एवं गवाह ने न्यायालय कक्ष में उपस्थित रहकर कार्यवाही में भाग लिया। जिला न्यायालय एवं बाह्य न्यायालयों में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सुनवाई हेतु प्रत्येक न्यायालय में उच्च न्यायालय के द्वारा ई-कोर्ट प्रोजेक्ट के अंतर्गत वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग की सुविधा हेतु आवश्यक संसाधन/उपकरण उपलब्ध कराये गये हैं। जेलों में भी इस हेतु वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग कक्ष बनाये गये है। इससे जेल बंदियों के प्रकरणों की सुनवाई वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से किये जाने की व्यवस्था की गई है।
न्यायालयों में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सुनवाई किये जाने से विचाराधीन बंदियों को न्यायालय में लाये बिना उन्हें सुनवाई में उपस्थित रहने का मौका मिलेगा तथा उन्हें न्यायालय लाने ले जाने में लगने वाले समय एवं व्यय, उनकी सुरक्षा में लगने वाले पुलिस बल की बचत होगी तथा न्यायालयों में विचाराधीन बंदियों को नहीं लाये जाने पर न्यायालीन कार्यवाही बाधित होने वाली स्थिति से बचा जा सकेगा तथा प्रकरण का शीघ्र निराकरण होगा। भविष्य में इसी प्रकार महीने में दिन नियत किया जाकर नियमित रूप से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग की जायेगी जिसे बाद में पूर्णतः वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से किया जायेगा। इसी प्रकार प्रदेशभर के न्यायालयों में विचाराधीन बंदियों के आपराधिक प्रकरणों की सुनवाई की गई है। बलरामपुर-रामानुजगंज में कुल 13 विचाराधीन बंदियों के प्रकरण की सुनवाई वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से की गई।  

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