बलरामपुर। भाजपा जिलाध्यक्ष गोपालकृष्ण मिश्रा ने रामानुजगंज विधायक बृहस्पत सिंह पर बड़ा हमला बोला है उन्होंने कहा कि विधायक का मानसिक संतुलन बिगड़ गया है उन्हें तत्काल किसी बड़े डॉक्टर से इलाज कि जरूरत है।
दरअसल रामानुजगंज विधायक अपने उटपटांग बयानबाजी को लेकर इन दिनों सुर्खियों में हैं,उन्होंने कुछ दिन पहले अपने ही सरकार के शिक्षा मंत्री को भाजपा एजेंट बताकर अपने ही सरकार की फजीहत कराई थी उसके बाद प्रदेश कांग्रेस के सबसे कद्दावर नेता और स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंह देव पर हत्या कराने का आरोप लगाकर अपने ही सरकार को कटघरे में खड़ा कर दिया था। बाद में विधायक ने सदन में माफी मांगते हुए स्वीकार किया कि उन्होंने झूठा आरोप लगाया था। तत्पश्चात भाजपा के राज्यसभा सांसद रामाविचार नेताम ने विधायक को चेतावनी दी थी कि विधायक ने झूठा लांछन लगाकर मेरे मान सम्मान को ठेंस पहुंचाया है यदि विधायक ने माफी नहीं मांगी तो मानहानि का दावा करूँगा।इस संबंध में पत्रकारों ने जब विधायक से चर्चा किया तो विधायक भड़क गए और पत्रकारों को आदिवासी भाइयों को अंगूठा छाप की संज्ञा दे दिया और जिस आदिवासी भइयो के बदौलत आज बोली निकल रहा है उन्हें गाली दे दिए तथा पत्रकार भाइयो को नसीहत सीखाने लगे और भाजपा के राज्यसभा सांसद रामविचार नेताम पर अनर्गल आरोप लगा बैठे।भाजपा जिलाध्यक्ष ने पत्रकारों से चर्चा करते हुए बताया कि ढाई दिन की बादशाहत में विधायक जी अपनी मानसिक संतुलन पूरी तरह खो चुके हैं,उन्हें किसी बड़े चिकित्सक से इलाज कि आवश्यकता है भाजपा जिलाध्यक्ष ने आगे ये भी कहा कि विधायक जी अपनी ही सरकार की मंत्रियों पर बृहद आरोप लगाकर सरकार की फजीहत कराते रहते हैं जिससे उनके पार्टी के प्रदेश नेतृत्व उन्हें पार्टी से बाहर भी कर सकती है शायद इसी सदमे में वह विक्षिप्तों जैसा व्यवहार कर रहे हैं।उन्हें खुद ज्ञान नहीं होता कि उनसे क्या सवाल पूछा गया है और वे क्या जवाब दे रहे हैं।ब्राह्मणों के संदर्भ में विधायक ने जो मनगढंत कहानियाँ बनाकर पूरे ब्राह्मण समाज को गाली दी है वह कतई बर्दाश्त के लायक नहीं है वक़्त आने पर इसका भी हिसाब करेंगे।
जैसी करनी,वैसी भरनी:- जयप्रकाश गुप्ता
इधर भाजपा जिला महामंत्री जयप्रकाश गुप्ता ने कहा है कि सरगुजा संभाग में कांग्रेस की सरकार में नक्सलियों की स्थिती क्या थी,सबको पता है। उससे पहले से ही विधायक जी लाल बत्ती में सवार थे, फिर भी क्या किये सबको मालूम है। 2003 में जब प्रदेश में भाजपा की सरकार बनी तो तीव्र गति से नक्सलियों का खात्मा होने लगा, और जब रामविचार नेताम गृह मंत्री बने तो सरगुजा संभाग पूरी तरह नक्सलमुक्त हो गया।सूबे में शांति स्थापित हुई और विधायक जी भी स्वयं को सुरक्षित महसूस किए होंगे,ये अलग बात है कि उनके रिश्तेदारों में जिनका सम्बन्ध नक्सलियों से था उनका रोजी रोटी पे ताला लग गया।जयप्रकाश गुप्ता ने आगे ये भी कहा कि कहां राजा भोज, कहां गंगू तेली न्यायालय सभी के लिए है यदि विधायक जी के झूठ और मक्कारी से परिपूर्ण नेताम जी पर लगाया गया आरोप में रत्ती भर सच्चाई है तो कह न्यायालय का दरवाजा क्यों नहीं खटखटाते।दरअसल विधायक को भी पता है कि उनका आरोप मनगढंत और सुर्खियों में आने के लिए झूठ का एक पुलिंदा है, प्रदेश में बच्चा बच्चा जनता है कि रामविचार नेताम की क्या छवि है ये विधायक को बताने की जरूरत नहीं है।जो शख्श लोकतंत्र के मंदिर बैठकर अपने ही सरकार के मंत्री पर हत्या कराने झूठा आरोप लगा सकता है,उसके बारे में भी जनता सोच ली है जिसने पूरे प्रदेश में संवैधानिक पद की गरिमा को कलंकित किया हो वह दूसरे पर अनर्गल आरोप लगाकर अपने दामन का दाग छुपाने का असफल प्रयास कर रहा है और जनता भलीभांति समझ रही है आने वाला समय मे जनता उन्हें सबक सिखाने को तैयार है।
चोर-उचक्का चौधरी, कुटनी भयो प्रधान इस पूरे मामले पर चुटकी लेते हुए भाजपा महामंत्री जयप्रकाश गुप्ता ने कहा कि सत्ता अयोग्य हाथों में है जिनसे न तो प्रशासन सम्भल रही है और न ही उनके विधायक सम्भल रहे हैं।सरकार पूरी तरह फेल है इस बात का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि उनके ही विधायक अपने मंत्रियों पर गंभीर आरोप लगाते रहते हैं।रामानुजगंज विधायक ने एसडीएम और तहसीलदार को लापता होने का पोस्टर भी जारी कर दिया था,सिर्फ इसलिए कि उनके पर्सनल और गैरकानूनी कार्य करने से एसडीएम और तहसीलदार ने मना कर दिया था। पूरे क्षेत्र में जिस प्रकार से फर्जी मुकदमे और असहाय आदिवासी बच्चों की जमीन हड़पने का सिलसिला जारी है पूरा क्षेत्र इनके आतंक से भयभीत और दहशत में हैं।इरफान अंसारी ने कहा कि जहां तक कमीशन कि बात हो तो हर एक विभाग से जो कमिशन वर्तमान विधायक जी वसूलते हैं अगर सार्वजनिक कर दिया जाए गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकार्ड में दर्ज हो जाएगा। विधायक जी ने एक पत्रकार वार्ता में किसी फूड इंस्पेक्टर का जिक्र किया था उन्हें जानकारी के लिए बता दूं शक्कर वितरण का कार्य फूड ई स्पेक्टर का नहीं होता बल्कि उनका होता है जहां प्रति माह एक किलो शक्कर फ्री आफ कॉस्ट पाने के लिए ग्राम पंचायत लेबल में राशन दुकान संचालको से नियम विरुद्ध और जबरदस्ती संचालन छीन लिया गया है। जनता एक एक बात याद रखी है वक़्त आने पे सुद समेत हिसाब करने को जनता बेकरार है जरा ढाई दिन की बादशाहत खत्म होने दीजिए, हिसाब किया जायेगा।