सामुदायिक रेडियो के कार्यरत कर्मचारियों को कई माह से वेतन नहीं मिलने पर अध्यक्ष के खिलाफ कलेक्टर से हुई शिकायत, हेरा फेरी का लगा गंभीर आरोप,
बलरामपुर जिला मुख्यालय स्थित सामुदायिक रेडियो सावन के प्रभारी विमल दुबे के द्वारा लगभग 32 लाख से अधिक की राशि का हेराफेरी करने का मामला सामने आया है। यह आंकड़ा आरटीआई के तहत निकाली गई है। राशि की हेराफेरी की जानकारी लगते हैं कार्यक्रम संयोजक मिनी सिंह जब इसकी जानकारी लेनी चाहिए तो प्राचार्य एवं प्रभारी विमल दुबे के द्वारा गोलमोल जवाब देते हुए गुमराह करना शुरू कर दिया गया। जिस पर रेडियो सावन के संयोजक मिनी सिंह ने आरटीआई के तहत संबंधित जानकारी प्राप्त करने के बाद इसकी शिकायत बलरामपुर कलेक्टर से की है। बलरामपुर कलेक्टर को शिकायत के माध्यम से मिनी सिंह ने अवगत कराया कि बलरामपुर मुख्यालय 2016-17 में सामुदायिक रेडियो का प्रसारण लाउडस्पीकर लगाकर किया गया था, जिसमें शासकीय योजनाओं के प्रचार प्रसार एवं मनोरंजन के कार्यक्रम प्रस्तुत किए जाते थे। कार्यक्रम के संचालन के लिए रखे गए लोगों को यह कह कर रखा गया की, प्रचार प्रसार से जो भी राशि प्राप्त होगी,उसमें से आप लोगों का भुगतान किया जाएगा,कार्यरत कुल 11 लोगों ने निस्वार्थ डेढ़ साल तक कार्य करते रहे, गांव गांव जाकर शासकीय योजनाओं का प्रचार प्रसार नुक्कड़ सभा सांस्कृतिक कार्यक्रम के माध्यम से सीडी बनाकर भी प्रस्तुत किया गया। उस समय के वर्तमान कलेक्टर एलेक्स पाल मेनन के द्वारा शासकीय मीटिंग टीएल क्रमांक 213/22/03/2016 हस्ताक्षर कर प्रचार प्रसार के सदस्यों की बिल भुगतान के लिए राशि पारित की गई थी। किंतु सामुदायिक रेडियो के अध्यक्ष विमल दुबे के द्वारा हमेशा सदस्यों को यह कहकर गुमराह किया गया कि, फंड में कोई पैसा नहीं है,जबकि आर०टी०आई० के माध्यम से प्राप्त अकाउंट डिटेल में साफ तौर पर देखा जा सकता है कि, विभिन्न विभागों से 32 लाख रुपए से अधिक की राशि सामुदायिक रेडियो को प्राप्त हुई है खर्च किए गए आय व्यय डिटेल मांगने पर अध्यक्ष के द्वारा नहीं दी गई और ना ही सदस्यों को दिया गया।
सामुदायिक रेडियो में फर्जी तरीके से प्रशिक्षण करने वाले सदस्यों को भी बनाया गया है इसमें से कई लोग शासकीय शिक्षक भी है, जो कि प्रसारण करने वाले युवक युवतियों की कुल 11 सदस्य ही प्रसारण का कार्य संभालते थे।
सामुदायिक रेडियो का प्रसारण भी शासकीय हाई स्कूल भवन से किया जाता था फर्नीचर भी स्कूल का ही उपयोग किया गया। सवाल यह उठता है, कि इतनी बड़ी राशि कार्य करने वाले सदस्यों को न देकर कहां खर्च की गई। कलेक्टर विजय दयाराम के के द्वारा भी भरोसा दिया गया की निष्पक्ष जांच की कार्यवाही की जाएगी।
कार्यक्रम संयोजक मिनी सिंह ने बताया की सामुदायिक रेडियो के अध्यक्ष प्राचार्य विमल दुबे के द्वार मनमाने तरीके से प्रशिक्षण के लिए सदस्य बनाए गए जोकि फर्जी है, कई सदस्य तो ऐसे हैं, जो सामुदायिक रेडियो में कार्य नहीं किए है, कार्य करने वाले लोगों को प्रशिक्षण के लिए नहीं भेजा जाता। प्रशिक्षण के नाम पर अगर राशि खर्च की गई है, तो वह निराधार है, कोई भी प्रशिक्षण के लिए नहीं भेजा गया।
अकाउंट डिटेल में साफ तौर पर देखा जा सकता है की उस समय के वर्तमान कलेक्टर एलेक्स पॉल मेनन के जाने के बाद 16 अक्टूबर 2017 तक खाते में 25 लाख से अधिक की राशि दिख रही है जिसे अध्यक्ष के द्वारा 1 महीने के अंदर 22 लाख राशि निकाल ली गई या खर्च की गई। आईटीआई से सत्यापित प्रति डिटेल में भी खर्च की गई राशि को साफ सुथरा उपलब्ध नहीं कराया गया। इससे यह प्रतीत हो रहा है कि लाखों हेरा फेरी कागजों में की गई है।