नहर का घटिया निर्माण, कौन जिम्मेदार..! अधिकारी पत्रकार को बोलते हैं सवाल करने का आपको अधिकार नही
रामानुजगंज चिनिया जलाशय में नहर लाइनिंग निर्माण कार्य के नाम पर काम की जमकर अनदेखी की जा रही है एक तरफ नहर बन रहा है दूसरी तरफ दरारें आ रही है घटिया मटेरियल से निर्माण होने के कारण नहर में दरारे आ रही है जल संसाधन के जिम्मेदार अधिकारियों को इसमें कोई सरोकार नहीं है।
रामानुजनगंज जल संसाधन विभाग के द्वारा चिनिया जलाशय 2 करोड़ 14लाख 29 हजार रुपए की लागत से 400 मीटर लंबाई के नहर का मरम्मत एवं जीर्णोद्धार का काम किया जा रहा है
जिससे आने वाले समय में किसानों के खेतों तक पानी पहुंचाने के लिए जल संसाधन विभाग द्वारा विस्तार करते हुए निर्माण कार्य किया जा रहा है इसका लाभ किसानों को नहीं मिल पाएगा और अंतिम छोर तक पानी नहीं पहुंचा पाएगा इसका फायदा किसानों को नहीं मिलेगा क्योंकि यह काम जिसका जिस निर्माण करने का जिस कंस्ट्रक्शन एजेंसी को काम करने को मिला है वह काम ना करके ( दूसरे को काम करने को दे दिया है)पेटी कांटेक्ट पर दे दिया है जिसके कारण नाहर का घटिया एवं कमजोर निर्माण कार्य से नहर में दरारें आने लगी शासन को ऐसे कांट्रेक्टर ठेकेदारों को पंजीकृत कर इन पर वैधानिक कार्रवाई करनी चाहिए और इन पर ब्लैक लिस्ट ऐसी कार्रवाई करनी चाहिए क्योंकि खुद काम ना कर कर ऐसे लोगों को काम देते हैं जो घटिया किस्म का काम करते हैं जो ठेकेदार सहित विभाग की भी बदनामी जनता के बीच करते हैं
है. ग्रामीणों ने निर्माण कार्य का जायजा लेकर बताया कि 40 mm की गिट्टी से 15 सेंटीमीटर तक बेस होना चाहिए छड़ का प्रयोग 8 एमएम 10 एमएम दूरी 20 सेंटीमीटर 20 एमएम गिट्टी से ढलाई करना था लेकिन 30 एमएम की गिट्टी से ठेकेदार के द्वारा नाम मात्र का 2 से 3 इंच का बेस किया जा रहा है निर्माण सामग्री का उपयोग ही पर्याप्त मात्रा में ना कर अनियमितता की जा रही है जिससे नहर में दरारें आएगी और पानी रिसाव होने के कारण नहर टूटने की संभावना बनी रहेगी नहर टूटने से शासन की राशि बर्बाद होगी ।
निर्माण स्थल से साइन बोर्ड गायब।
राज्य शासन का नियम है कि किसी भी प्रकार के शासकीय निर्माण कार्य में मानक सूचना बोर्ड लगाना अनिवार्य है जिससे आम नागरिकों का निर्माण कार्य की लागत मापदंड संबंधित ठेकेदार में फर्म का संबंधित अधिकारियों का नाम नंबर पता चले लेकिन ठेकेदार के द्वारा शाइन बोर्ड नही लगाया गया है ।जिससे स्थानीय और क्षेत्रीय जनप्रतिनिधि निर्माण पर प्रश्न चिन्ह लगाया है।
वाइब्रेटर मशीन का नही किया गया प्रयोग
पूरे नहर निर्माण कार्य में कहीं भी ठेकेदार के द्वारा वाइब्रेटर का कोई उपयोग नहीं किया जा रहा है जिससे कार्य में सवाल उठना लाजिमी है ज्ञात हो कि वाइब्रेटर चलाने से सीमेंट गिट्टी मटेरियल की खपत ज्यादा होती है जिसको बचाने के लिए ठेकेदार घटिया तरीके से निर्माण कार्य किया जा रहा है ।
सुरेंद्र कुमार राठिया सब इंजीनियर से जब इस निर्माण के संबंध में बात किया गया तो उन्होंने कहा है कि ठेकेदार के द्वारा काम मेरे हिसाब से सही काम किया जा रहा है।
एसटी एसी एवं दूसरे मामलों में फंसाने की भी बात कही
बलरामपुर कलेक्टर रिमिजियुस एक्का ने विभाग केअधिकारियों को अपने विभाग से संबंधित समस्याएं पर पत्रकार एवं मीडिया से आए लोगों को अपना पक्ष देने का दायित्व दिया है लेकिन बलरामपुर जिले के जल संसाधन संभाग क्रमांक 2 के एसडीओ के द्वारा जब एक निजी चैनल के पत्रकार उनसे नहर में घटिया निर्माण कि मामले में बाइट लेना चाहा तो उन्होंने कहा कि आपका अधिकार नहीं है आप हमसे बाइट नहीं ले सकते वही झुझलाते हुए एसटी एसी एवं दूसरे मामलों में फंसाने की भी बात कही जब अधिकारी अपने ऑफिस में इस तरीके की बात करेंगे तो जनता के हित की बातें कैसे होगी
आपको बताते चलें कि यह वही जल संसाधन विभाग संभाग क्रमांक 2 है जहां पूर्व EE अन्य अधिकारी कर्मचारियों पर सस्पेंड करने की कार्रवाई के साथ-साथ उन पर अपराध पंजीबद्ध किया गया है इन्होंने निर्माण और अन्य मामलों में भारी अनियमितता बरती थी इस पर मजबूरन शासन को करवाई करना पड़ा और पुलिस में अपराध पंजीबद्ध करना पड़ा