बलरामपुर

क्रूड ऑयल के गिरते दामो के बाद भी पेट्रोल डीजल महंगे…आम जनता परेशान…सुनील सिंह

राजपुर
            कच्चे तेल के दाम में गिरावट आने के बाद भी केंद्र सरकार के मनमानी के चलते आम उपभोक्ताओं को इसका लाभ लोगो को  नहीं मिल पा रहा है।
         जिला कांग्रेस प्रवक्ता सुनील सिंह  ने कहा कि अंतर्राष्ट्रीय बाजार में क्रूड आयल की कीमतों में लगभग 9 डॉलर की कमी आई है। क्रूड ऑयल की दाम घटने से देश में पेट्रोल-डीजल के दाम में कम से कम 10 रू. प्रति लीटर कमी आना चाहिए। बावजूद इसके देश की जनता महंगे दरों पर डीजल-पेट्रोल खरीदने मजबूर है। मोदी सरकार ने क्रूड आयल के कीमतों में आंशिक वृद्धि पर पेट्रोल-डीजल के दाम बढ़ सकते है तो फिर क्रूड ऑयल के दामों में आई कमी के चलते डीजल-पेट्रोल के दाम घटाने क्यो इंतजार किया जा रहा है।जिस तरह से अंतरराष्ट्रीय बाजार में क्रूड आयल के दाम बढ़ने पर प्रतिदिन पेट्रोल डीजल के दामों में वृद्धि की जाती है उस तरह से क्रूड आयल के दाम में कमी होने या गिरावट होने पर भी देशभर में पेट्रोलियम पदार्थों के मूल्य कम होने चाहिए।
       जिला कांग्रेस प्रवक्ता सुनील सिंह ने कहा कि मोदी वन से लेकर अब तक लगातार पेट्रोल-डीजल के दाम आसमान छू रहे जबकि अंतर्राष्ट्रीय बाजार में क्रूड ऑयल की कीमत 2014 के पहले के मुकाबले आधे दर पर है ऐसे में आम उपभोक्ता सिर्फ मोदी सरकार के वसूली नीति के चलते महंगाई की मार झेल रही है। पेट्रोल-डीजल में लगाई गई बेतहाशा एक्साइज ड्यूटी ने देश में पेट्रोल-डीजल को महंगा करने का काम किया है। बीते सात सालों में केंद्र की सरकार पेट्रोल-डीजल एक्साइज ड्यूटी बना कर लगभग 25 लाख करोड़ रुपए की वसूली आम जनता से की है। बीते जून माह में ही 90 हजार करोड़ की कमाई पेट्रोल-डीजल से की गई है।महामारी की मार झेल रही जनता के ऊपर पेट्रोल-डीजल की महंगी कीमतों ने कुठाराघात किया है। पेट्रोल-डीजल के बढ़ते दामों के चलते खाद्यान्न सामग्री, दवाइयां, ट्रांसपोर्टिंग सभी के दाम बढ़ गए हैं। देश में महंगाई प्राकृतिक रूप से नहीं बल्कि केंद्र सरकार के गलत नीतियों मुनाफाखोरी और टैक्स के जरिए जनता से वसूली की नीति के चलते बढ़ रही है। आजादी के बाद पहली बार जनता को राहत देने के बजाय केंद्र में बैठी सरकार आफत पैदा कर रही है।
पेट्रोल डीजल के दाम आसमान छू रहे हैं जिसकी वजह से आम आदमी मध्यमवर्गीय लोग उनके ऊपर आर्थिक बोझ बढ़ गया है। आवश्यक जरूरी सामानों के भी मूल्य में बेतहाशा वृद्धि हुई है जिससे गरीब के घर में पौष्टिक भोजन बनना मुश्किल सा हो गया है।

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