बलरामपुर जिले में छत्तीसगढ़ सरकार की योजना के तहत गरीबी रेखा से नीचे (BPL) और गरीबी रेखा से ऊपर (APL) के परिवारों को राशन के साथ 2 किलो चना वितरण किया जाता है। लेकिन हाल ही में सामने आई स्थिति बेहद चिंताजनक है। उचित मूल्य की दुकानों में जो चना वितरित किया जा रहा है, वह इतना खराब है कि शायद उसे जानवर भी न खाएं। सड़े, गले और फफूंद लगे हुए चने गरीबों के लिए वितरित किए जा रहे हैं, जिससे सरकार की योजनाओं की क्रियान्वयन पर गंभीर सवाल खड़े हो गए हैं।
एफसीआई गोदाम से सप्लाई में भारी अनियमितता
यह समस्या केवल एक या दो दुकानों तक सीमित नहीं है। सभी उचित मूल्य की दुकानों में एफसीआई गोदाम से सड़े हुए और गले हुए चने वितरित किए जा रहे हैं। दुकानदारों का कहना है कि उन्हें यही चना एफसीआई गोदाम से सप्लाई किया गया है। यह स्थिति सप्लायर की लापरवाही या भ्रष्टाचार की ओर इशारा करती है, जो शासन की प्रक्रियाओं में भारी अनियमितता को दर्शाता है।
आखिर, इतना खराब चना एफसीआई गोदाम तक कैसे पहुंचा और फिर इसे बिना किसी जांच के गरीबों तक क्यों वितरित किया गया? यह एक गंभीर मुद्दा है, जिसे तुरंत जांच की आवश्यकता है।
कलेक्टर की प्रतिक्रिया और जांच का मुद्दा
जब इस मामले पर कलेक्टर से बातचीत की गई, तो उन्होंने जांच के बाद कार्रवाई करने की बात कही। हालांकि, जिले के पिछले अनुभवों को देखते हुए सवाल उठता है कि क्या यह मामला भी अन्य मुद्दों की तरह केवल जांच में ही अटका रहेगा, या फिर दोषियों पर सख्त कार्रवाई होगी।
जिले में ऐसी घटनाएं पहले भी सामने आई हैं, जिनमें लंबे समय तक जांच चली लेकिन नतीजे ठोस नहीं निकले। सवाल यह है कि गरीबों के निवाले से खिलवाड़ करने वाले सप्लायर, अधिकारी, कर्मचारी और ठेकेदार पर क्या सरकार सख्त कदम उठाएगी?
गरीबों के अधिकारों पर हमला
सरकार की योजनाओं का मुख्य उद्देश्य गरीबों को राहत देना होता है, लेकिन जब इतनी घटिया गुणवत्ता का राशन गरीबों को वितरित किया जाता है, तो यह उनकी गरिमा और अधिकारों पर हमला है। जो चना उन्हें पोषण के लिए दिया जा रहा है, वह खुद उनके स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है। ऐसे में सरकार की ओर से तत्काल कार्रवाई की आवश्यकता है, ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि भविष्य में गरीबों को ऐसी समस्याओं का सामना न करना पड़े।
वही इस मामले में जिले के कलेक्टर रिमिजियुस एक्का ने कहा है कि तस्वीरों में चना काफी खराब दिख रहा है इससे फुड इंस्पेक्टर को भेज कर जांच करवा लेते है आखिर खराब चना सप्लाई कैसे हुआ
बलरामपुर जिले में उचित मूल्य की दुकानों पर सड़े-गले चने का वितरण एक गंभीर समस्या है। इस मामले की जांच न केवल तेज़ी से होनी चाहिए, बल्कि दोषियों पर कड़ी कार्रवाई भी सुनिश्चित की जानी चाहिए। गरीबों के निवाले से खिलवाड़ करने वाले किसी भी व्यक्ति या संस्था को बख्शा नहीं जाना चाहिए।