बलरामपुर। त्यौहार सिर पर है और महंगाई की मार बढ़ती ही जा रही है। कांग्रेस प्रवक्ता सुनील सिंह ने कहा कि पेट्रोल ,डीजल तथा रसोई गैस सिलेंडर के दामों में बढोत्तरी पर पुरजोर विरोध करते हुए कहा कि महंगाई का विकराल रूप से माताएं-बहनें एवं महिलाएं चिंतित एवं परेशान है त्योहारों के इस महीने में रिकॉर्डतोड़ महंगाई ने हर घर का बजट बिगाड़ कर रखा दिया है। पिछले साल त्योहारों पर कोरोना की मार थी तो इस बार बेलगाम महंगाई की मार त्योहारों पर दिखाई पड़ रही है।
जिला कांग्रेस प्रवक्ता सुनील सिंह ने कहा कि कोरोनाकाल और उसके बाद पेट्रोल और डीजल का हर नए दिन के साथ रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंचना महंगाई की आग में घी का काम कर रहा है। पेट्रोल के दाम 106 रुपये लगभग हो गया है वही डीजल 104 रुपये पहुंच गया। पेट्रोल हो, डीजल हो या सीएनजी हो, हर चीज़ का दाम बढ़ता जा रहा है। इन सबके महंगा हो जाने से ट्रांसपोर्टेशन भी महंगा हो रहा है, जिसका सीधा असर गरीबों के जेब पर पड़ रहा है। बढ़ती महंगाई ने महिलाओं के रसोई का बजट बिगड़ गया है। दीपावली त्यौहार को लेकर पहले महिलाएं बहुत ही उत्साहित रहती थी,लेकिन बढ़ती महंगाई से महिलाएं हताश हो गई है आमदनी चौवन्नी और खर्च रूपया हो गया। मोदी जी के मेहरबानी से दिवाली, दिवाला बन गया है।
कभी महंगाई के लिए डायन जैसे उपनामो का प्रयोग करने वाले मोदी जी के पार्टी और खुद मोदी जी भी अब महंगाई पर चर्चा करने से डरते हैं कभी अपने मन की बात में महंगाई जैसे विषय को लेने से भी कतराते हैं।
सुनील सिंह ने कहा कि महंगाई ने जनता की जीना दूभर कर दी है और आम इंसान की कमर तोड़ दी है। बढ़ती महंगाई के लिए सबसे ज्यादा जिम्मेदार पेट्रोल और डीजल के बढ़ते दाम हैं,पेट्रोल डीजल के बढ़ते दामों से हर चीज के दाम बढ़ते ही जा रहे हैं।पहले मोदी सरकार महंगाई पर घंटों भाषण देते थे अब महंगाई पर चुप हो गये। नरेंद्र मोदी ही नही भाजपा के कोई भी नेता चाहे वो वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण हो या रमन सिंह हो या राज्यसभा सभा सांसद सरोज पांडेय, केंद्रीय राज्य मंत्री रेणुका सिंह सभी महंगाई के मुद्दे पर चर्चा करने से डरते है।
सुनील सिंह ने कहा कि एक ओर जनता महंगाई की मार से परेशान है। तो दूसरी ओर सरकार लगातार लोगों अच्छे दिन का सब्जबाग दिखाने की कोशिश में जुटी है। सरकारों के वादे और दावों के बीच पेट्रोल-डीजल से लेकर खाने के तेल के ऐतिहासिक दाम आम आदमी का तेल निकाल रहे है। केन्द्र सरकार बेलगाम महंगाई को नियंत्रण करने के लिए अभी तक कोई भी आवश्यक कदम नहीं उठाये है जो बहुत ही चिंता की विषय है ।बहुत हुई महंगाई की मार जनता हो गई लाचार है।
बढ़ती महंगाई को लेकर केंद्र की सरकार महंगाई को सामान्य स्थिति बताने की कोशिश में लगी हुई है परंतु मध्यम वर्गीय परिवार पूरी तरह से टूट चुका है और स्थिति बेकाबू हो गई है, लोगों के खाने की थालीयों से अब पोषण पदार्थ गायब होने लग गए हैं।