सूरजपुर

रेत उत्खनन से कृषि प्रधान क्षेत्र की जीवन दायनी नदी इन दिनों अपने सबसे बुरे समय से गुजर रही है

सूरजपुर। जिले के प्रतापपुर ब्लाक के अन्तर्गत बहने वाली व कृषि प्रधान क्षेत्र की जीवन दायनी नदी इन दिनों अपने सबसे बुरे समय से गुजर रही है।
प्रतापपुर ब्लॉक के महान टू नदी में उत्तर प्रदेश के रेत माफियाओ के द्वारा लगातार नदियों का दोहन किया जा रहा है।नदी में 10 बड़ी बड़ी पोक लेन मशीन लगाकर बेखौफ रेत उत्खनन किया जा रहा है lयहाँ से रोजाना 500 ट्रक रेत उत्तर प्रदेश के रेत मंडियों में बेचा जा रहा है l
आपको बता दें की प्रशासन द्वारा यहाँ सत्तीपारा में दो रेत खदान C1 और C2 पिछले दो वर्षो से स्वीकृत किया गया था। यहाँ की दोनों खदानें राष्ट्रीय राज्य मार्ग के मध्य बने जीर्ण शीर्ण पुल के ठीक अगल बगल महज कुछ दूरियों में बनाया गया है l


मजे की बात यह है की जिले के खनिज विभाग के द्वारा जितने घन मीटर का स्वीकृति दिया गया उतना रेत माफियाओ के द्वारा पहले वर्ष ही निकाल कर बनारस के रेत बाजार में बेच दिया गया।अब रेत माफियाओ के द्वारा पुल के आसपास पानी का रास्ता रोक कर पुल के अस्तित्व से खिलवाड़ किया जा रहा है।

यही नहीं इन माफियाओ के हौसले अब इतने बुलंद हो चुके है की उत्तर प्रदेश के बन्दुक धारी लठैतो के द्वारा अन्य दूसरे पंचायत माटीगाड़ा के लोगों को डरा धमका कर बेधड़क अवैध रूप से उत्खनन किया जा रहा है।रेत माफियाओं से ग्रामीण क्षेत्र के लोग भय और आतंक के साये में जीने को मजबुर है। इनके खिलाफ आवाज उठाने वालों का या तो पैसों से मुँह बंद कर दिया जाता है या अपने दबंगई दिखा कर खामोश कर दिया जाता है।सोचने वाली बात यह है की बड़े पैमाने में इतना सब कुछ होने के बावजूद शासन प्रशासन मौन किसलिये धारण किए हुये है यह समझ से परे है l

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