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जिला न्यायाधीश, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण बलरामपुर -रामानुजगंज, माननीय सिराजुद्दीन कुरैशी जी के मार्गदर्शन में जेल में निरुद्ध बंदियों का मानसिक एवं शारीरिक स्वास्थ्य शिविर का आयोजन

जिला न्यायाधीश, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण बलरामपुर -रामानुजगंज, माननीय सिराजुद्दीन कुरैशी जी के मार्गदर्शन में जेल में निरुद्ध बंदियों का मानसिक एवं शारीरिक स्वास्थ्य के सुधार हेतु आज दिनांक 05.02.2022 को जिला जेल रामानुजगंज में निःशुल्क स्वास्थ्य शिविर एवं विधिक जागरूकता शिविर का आयोजन किया गया। माननीय जिला न्यायाधीश ने जेल में निरुद्ध बंदियों को संबोधित करते हुए कहा कि वर्तमान में विगत 2-3 वर्षों से कोरोना के संक्रमण के परिणामस्वरूप प्रकरण के विचारण में विलम्ब हो रहा है,

जिससे उन्हें जेल में मानसिक संताप से गुजरना पड़ रहा है, किंतु उन्हें इस समय का सदुपयोग करते हुए अपने नैतिक एवं बौद्धिक विचारों पर मनन करते हुए उसे सुधारना चाहिये। वर्तमान समाज में नकारात्मकता इस कदर बढ़ गई है कि लोग छोटी-छोटी बातों के लिए अपराध कर बैठते हैं। अधिकतर अपराधी का बचपन नकारात्मकता एवं कुंठा मे व्यतीत होता है, जिस कारण उनकी नैतिक एवं बौद्धिक क्षमता औरों की तुलना में कम होती है। इस कारण वे अपने साथ होने वाले छोटी-छोटी घटनाओं पर भी चिंतन नहीं कर पाते और अपराध कर बैठते हैं।

सभी धर्म ग्रंथों में मनुष्य जीवन सबसे श्रेष्ठ जीवन बताया गया है, हमें अन्य जंतुओं की तुलना में विवेक मिला है, सोचने समझने की क्षमता मिली है, इसलिए इस जीवन को व्यक्ति को यूं ही बर्बाद नहीं करना चाहिए। उन्होनें कहा कि हमें स्वयं अपने मन-मस्तिष्क में सकारात्मक विचारों को ही स्थान देना चाहिए तथा समाज में सकारात्मकता फैलानी चाहिए, क्योंकि हमारे द्वारा किये गये अच्छे एवं बूरे कार्य कहीं न कहीं हमें या हमारे परिवार को वापस मिलती है।

माननीय कुरैशी जी ने अपने संबोधन में देश के कांतिकारियों एवं अन्य साहित्यकारों की जीवनी को उदारणार्थ सुनाया तथा उन्होंने अपने संबोधन में कहा कि किसी अच्छे कार्य के लिए प्रत्येक व्यक्ति सक्षम है इसलिए जेल में निरूद्ध रहने से अपने मन में तनिक भी यह विचार उत्पन्न न करें कि वे जेल में निरूद्ध हैं, इसलिए वे समाज के प्रति अच्छे कार्य नहीं कर सकते उन्होंने विचाराधीन बंदियों को अपने जीवन के प्रति अच्छे कार्य करने हेतु मार्टिन लूथर के वाक्यांश “अगर उड़ नहीं सकते तो, दौड़ो, अगर दौड़ नहीं सकते तो, चलो और यदि चल नहीं सकते तो रेंगो, किंतु हमेशा चलते रहो।” के माध्यम से प्रेरित किया। माननीय जिला न्यायाधीश महोदय ने निरंतर विचाराधीन बंदियों को समाज की मुख्य धारा में जोड़ने हेतु उनके मानसिक एवं बौद्धिक क्षमता में वृद्धि किये जाने हेतु साहित्यिक व धार्मिक ग्रंथों का पाठन किये जाने हेतु प्रेरित किया तथा बंदियों के स्वास्थ्य में सुधार हेतु खेल, व्यायाम, योग करने हेतु प्रेरित किया है। माननीय जिला न्यायाधीश महोदय ने बंदियों से उनके


स्वास्थ्य व अन्य समस्याओं के बारे में सुना और संबंधित अधिकारी को आवश्यक कार्यवाही किये जाने हेतु निर्देशित किया।

उक्त शिविर में श्री  मधुसूदन चंद्राकर, द्वितीय अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश, ने संबोधित किया कि जिला न्यायाधीश के मार्गदर्शन में शीघ्र ही जेल में निरूद्ध बंदियों का कौशल विकास हेतु कौशल प्रशिक्षण दिया जावेगा। उन्होंने कहा कि जेल में निरुद्ध रहने के दौरान अपने व्यक्तित्व को सुधार करें व अपने कृत्यों का चिंतन करते हुए उसमें सुधार करते हुए समाज में पुनः नवीन जीवन आरंभ करने हेतु प्रेरित किया।



इसी प्रकार श्री आर. के. पटेल अध्यक्ष अधिवक्ता संघ श्री विपिन सिंह लोक अभियोजक एवं उप पुलिस अधीक्षक श्री प्रशांत कतलम ने संबोधित करते हुए बंदियों को जेल से रिहा होने के उपरांत नवीन जीवन का शुरुआत करने को कहा। उन्होंने कहा कि अपने अनुभवों को समाज में बतायें और लोगों को अच्छे कार्य करने हेतु प्रेरित करने को कहा। माननीय जिला न्यायाधीश महोदय ने स्वास्थ्य विभाग, जिला बलरामपुर द्वारा

आयोजित निःशुल्क चिकित्सा शिविर का निरीक्षण किया, उन्होंने चिकित्सकों को कहा कि वे बंदियों से उनके परेशानियों को सुने और उस पर बेहतर ढंग से ईलाज उपलब्ध करावें, उनकी उचित काउंसिलिंग की जावे। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी द्वारा व्यक्त किया गया कि विशेषज्ञ चिकित्सक (दंत, गला, नाक व कान, नेत्र, मानसिक) द्वारा जेल में निरूद्ध कुल 420 बंदियों का स्वास्थ्य परीक्षण किया जावे। उक्त बंदियों को टुथपेस्ट व टुथब्रश तथा नेत्र रोग से पीड़ित बंदियों को निःशुल्क चश्मा वितरण किया गया।



उक्त शिविर में श्री मधुसूदन चंद्राकर द्वितीय अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश, श्री अजय कुमार खाखा मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट, श्रीमती रेशमा बैरागी, सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, श्री प्रशांत कतलम, उप पुलिस अधीक्षक श्री बसंत सिंह, मुख्य स्वास्थ्य एवं चिकित्सा अधिकारी श्री गौतम सिंह, अनुविभागीय दण्डाधिकारी श्री जी०एस० मरकाम, जेल अधीक्षक, जिला जेल रामानुजगंज, श्री विपिन बिहारी सिंह, लोक अभियोजक श्री आर०के० पटेल, अध्यक्ष अधिवक्ता संघ, श्री अवधेश गुप्ता, पैनल अधिवक्ता श्री अरूण अग्रवाल, जेल संदर्भक, विशेष चिकित्सकगण एवं अन्य स्वास्थ्य कर्मी व अन्य कर्मचारीगण उपस्थित थे।

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