यातायात व्यवस्था चरमराई, वाहनों की रफ्तार से सहमा बलरामपुर
जिला यातायात प्रभारी को रक्षित केन्द्र का अतिरिक्त प्रभार देने के बाद यातायात व्यवस्था पूरी तरह चरमरा गई है। शहर के मुख्य मार्गों से गुजरने वाले भारी वाहनोें और बेलगाम हो चुके दुपहिया वाहन चालकोें से नागरिक भयाक्रांत हो गए हैं। यहां न तो गाड़ियों के रफ्तार की कोई सीमा है और न तो चलाने वालों के लिए कोई नियमा।
इस दिशा में कथित यातायात प्रभारी का अंकुश न होना अनेेक संदेहों को जन्म दे रहा है। कहने को जिला मुख्यालय के हर चौक-चौराहोें में यातायात पुलिस की तैनाती तो रहती है, मगर वह भी मूक दर्शक बनकर यातायात प्रभारी के इशारे पर काम करते हैं, जिसका आलम यह है कि शहर की यातायात व्यवस्था में किसी भी प्रकार का अंकुश नहीं लग पा रहा है।
गौरतलबे है कि जिला मुख्यालय में शहर के लिए एक मात्र सड़क है, जो इस नगर को गौरवपथ की गरिमा भी प्रदान कर रहा है और यही राष्ट्रीय राजमार्ग क्र.343 भी है। इसके अलावा यही यहां का आम रहगुजर भी है। इसी सड़क सेे होकर दिन-रात सैकड़ो छोटी-बड़ी गाड़ियां, यात्री बसें, 18-20-22 चक्के वाले बड़े-बड़े भारी वाहन वजनी सामान, गिट्टी, क्लींकर आदि लेकर तेज रफ्तार से धूल, धूआं उड़ाते हुए पुलिस अधीक्षक कार्यालय व सिटी कोतवाली के सामने से बेपरवाह होकर गुजर जाते हैं, जैसे उनके लिए पुलिस व यातायात कानूनों का कोई अस्तित्व ही नहीं है।
नहीं है कोई यातायात नियम का पालनकर्ता
इस शहर में यातायात नियमों का जिस प्रकार घोर उल्लंघन हो रहा है और इसके परिपालन में जिम्मेदार कर्मचारी अधिकारी जिस उदासीनता का परिचय दे रहे हैं। कहने को तो बलरामपुर जिले में एक माह तक यातायात जागरूकता कार्यक्रम चलाया गया, लेकिन उसका कोई असर नहीं पड़ा। नगर में सुबह से शाम तक नशे में धूत और नाबलिग चालक यातयात नियमोें के खुलेआम धज्जियां उड़ाते देखे जा सकते हैं।
शाम को सड़क हो जाती है शराबी चालकों के हवाले
जिला मुख्यालय की यह इकलौती सड़क शाम गहराते-गहराते पूरी तरह से आंवारा, शराबी बाईकरों तथा चार पहिया चालकों के हवाले हो जाती है। बिना अगल-बगल की परवाह किए ये शराबी चालक तेज रफ्तार से आपस में होड़ लगाते हुए इस खतरनाक ढंग से सड़क से गुजरते हैं कि देखने वाले दहशत में आ जाते हैं। सबसे बड़ी विडम्बना यह है कि इन सब नजारों का मूक दर्शक आम जनता के साथ यहां की पुलिस भी बनी रहती है।
हजारों स्कूली बच्चे गुजरते हैं NH343 मे रोज
इस मुख्य मार्ग के किनारे बाजार, बस स्टैण्ड, अन्य शासकीय कार्यालयों के साथ स्कूल, हाई स्कूल, हायर सेकण्डरी स्कूल, कन्या स्कूल, महाविद्यालय जैसी संस्थाएं आबाद हैं, जिनमें हजारों छात्र अध्ययनरत हैं. ये सभी बच्चे सुबह से शुरू होकर शाम तक इसी मार्ग से गुजरते हैं किन्तु उस वक्त भी यहां से बेलगाम रफ्तार से गुजरने वाली वाहनों को नियंत्रित करने जैसी कोई कार्यवाही यातायात पुलिस प्रशासन द्वारा नहीं की जाती है. जबकि यहां के यातायात की अनुशासनहीनता को देखकर अभिभावकगण सहमे रहते हैं।
कई बार टूट चुके हैं यहां के डिवाईडर
इस मुख्य सड़क पर कहने को तो नगर पालिका ने गौरवपथ की दृष्टि से पूरे नगर में खूबसूरत डिवाईडर का निर्माण करवा दिया है, किन्तु तेज रफ्तार वाहनों की चपेट में आकर यह डिवाइडर कई बार कई जगहों से टूट चुका है, लेकिन उसके बाद भी यातायात विभाग रफ्तार को लेकर कभी गंभीर नजर नहीं आते हैं। लगता है यातायात विभाग किसी बड़ी दुर्घटना के इंतजार कर रही है या फिर उन्हेें समय नहीं है कि तेज रफ्तार, ओवरलोड और नशे में धूत वाहन चालकों के ऊपर कार्यवाही करें।
लगातार लगते रहे हैं आरोप
जिले के जानकार लोेगों का खुलेआम कहना है कि इस मार्ग से प्रायः ओवरलोड वाहनोें से विभाग की निर्धारित राशि बंधी हुई है। कार्यवाही मात्र उन्हीं वाहनों के खिलाफ की जाती है, जो इनकी मांग पूरी नहीं करते। हो यह रहा है कि विभाग की इस अनदेखी से क्षेत्र से होकर गुजरने वाली एकमात्र सड़क दिन-प्रतिदिन जर्जर होती जा रही हैै। इसे लेकर भारी आक्रोश और असंतोष का वातावरण है, जो कभी भी जन आंदोलन के रूप में भड़क सकता है।
लगातार हो रही है कार्यवाही-एसपी
इस संबंध में पुलिस अधीक्षक डॉ. लाल उमेद सिंह का कहना है कि यातायात को सुचारू रूप से चलाने के लिए वाहन चालकोें पर कार्यवाही की जा रही है।