बलरामपुर ट्रिपल मर्डर केस: मुख्य आरोपी मुख्तार गिरफ्तार, प्रेम प्रसंग निकला हत्या का कारण
बलरामपुर, छत्तीसगढ़ – जिले के दहेजवार गांव में मिले तीन मानव कंकालों के मामले में पुलिस को बड़ी सफलता हाथ लगी है। पुलिस ने मामले में मुख्य आरोपी मुख्तार को गिरफ्तार कर लिया है, और शुरुआती जांच में प्रेम प्रसंग का एंगल सामने आया है। पुलिस के अनुसार, इस हत्याकांड में अन्य आरोपी भी शामिल हैं, जिनकी गिरफ्तारी अभी बाकी है।
मामले की पृष्ठभूमि
27 सितंबर, 2024 को कुसमी थाना क्षेत्र से कौशल्या ठाकुर, उनकी बेटी मुस्कान ठाकुर, और बेटा मिंटू ठाकुर लापता हो गए थे।
पुलिस ने गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज की थी, लेकिन कोई ठोस सुराग नहीं मिलने से जांच ठप पड़ गई थी।
15 नवंबर, 2024 को बलरामपुर के दहेजवार में तीन मानव कंकाल मिले, जिससे क्षेत्र में सनसनी फैल गई। फॉरेंसिक टीम मौके पर पहुंची और पुलिस ने आसपास के थानों में गुमशुदगी की जानकारी साझा की।
परिजनों ने कपड़ों के आधार पर मृतकों की पहचान की और तीनों की हत्या की पुष्टि हुई।
हत्या का कारण: प्रेम प्रसंग का एंगल
बलरामपुर के एसपी वैभव बैंकर ने इस मामले का खुलासा करते हुए बताया कि मृतिका मुस्कान ठाकुर और आरोपी मुख्तार के भाई आरिफ के बीच प्रेम संबंध थे। आरिफ, मुस्कान के परिवार का आर्थिक खर्च भी वहन कर रहा था, जिसके चलते उसने अपने घर पैसे भेजना बंद कर दिया था।
यह बात आरिफ के भाई मुख्तार को बिल्कुल पसंद नहीं आई। उसे लगा कि मुस्कान और उसका परिवार आरिफ का आर्थिक शोषण कर रहे हैं। इस नाराजगी ने मुख्तार को इतना उग्र कर दिया कि उसने कुल्हाड़ी से हमला कर मुस्कान, उसकी मां कौशल्या, और भाई मिंटू की बेरहमी से हत्या कर दी।
पुलिस की कार्रवाई और आगे की जांच
मुख्तार की गिरफ्तारी के बाद पुलिस ने यह माना कि इस हत्याकांड में अन्य लोग भी शामिल हो सकते हैं।
पुलिस का दावा है कि जल्द ही अन्य आरोपियों को भी गिरफ्तार किया जाएगा।
मामले में फॉरेंसिक रिपोर्ट और डीएनए टेस्ट के जरिए पुलिस ठोस सबूत जुटाने में लगी है, ताकि आरोपियों को कड़ी से कड़ी सजा दिलाई जा सके।
परिवार और समाज में चर्चा
इस घटना ने मृतकों के परिवार और स्थानीय समुदाय को झकझोर कर रख दिया है। परिजन न्याय की गुहार लगा रहे हैं और इस बात से आहत हैं कि पुलिस ने समय रहते कार्रवाई नहीं की।
परिवार को उम्मीद है कि पुलिस अब मामले को गंभीरता से लेते हुए दोषियों को सजा दिलाएगी।
बलरामपुर के इस ट्रिपल मर्डर केस ने पुलिस और कानून व्यवस्था की कार्यशैली पर कई सवाल खड़े किए हैं। मुख्तार की गिरफ्तारी के बाद मामले में कुछ प्रगति जरूर हुई है, लेकिन अभी भी कई पहलुओं की जांच बाकी है। यह देखना दिलचस्प होगा कि पुलिस कितनी तेजी से बाकी आरोपियों को पकड़कर परिवार को इंसाफ दिलाने में कामयाब होती है।
इस घटना ने न केवल एक परिवार को तबाह कर दिया है, बल्कि समाज में भी एक गहरी चोट पहुंचाई है। अब देखना यह है कि आने वाले समय में इस हत्याकांड का पूरा सच सामने आता है या फिर यह मामला भी अन्य अनसुलझे मामलों की तरह ठंडे बस्ते में चला जाएगा।