बाहरी पेय पदार्थ से हो जाएं सावधान,मनेन्द्रगढ़ में फैली पीलिया की बीमारी, मरीजों की संख्या में हो रही बढ़ोतरी,डॉक्टरों के मुताबिक दूषित पेय पदार्थ से फैल रही बीमारी…
मनेन्द्रगढ़। एम.सी.बी. जिला मुख्यालय मनेन्द्रगढ़ में बीते एक महीने से पीलिया का प्रकोप बढ़ता जा रहा है. गर्मी में पानी दूषित होने से यह बीमारी लगा तार बढ़ती है जिससे लोगों को हॉस्पिटल के चक्कर काटने पड़ते है वही यह बीमारी एक नही परिवार के सभी लोग इस बीमारी के चपेट में आने लगे है डॉक्टर कहते है कि बाहर की खुले पेय पदार्थों से बचना चाहिये और पानी उबाल कर ही उपयोग करना चाहिए । गंदा पानी या फिर लस्सी जैसे बाजार में बिकने वाले अन्य पेय पदार्थ का सेवन गर्मी में लोग गर्मी से बचने के लिए करते है जो बीमारी फैलाती है. वही निजी हो या सरकारी सभी अस्पतालों में इन दिनों पीलिया के मरीजों का इजाफा हुआ है। इसके लिए जिला स्वास्थ्य विभाग अब जाकर हरकत में आया है. और मितानिनों के द्वारा वार्डों में जाकर लोगों को उबले हुवे पानी का सेवन करने,बाजार में खुले और खाद्य पदार्थ से बचने और गन्ना रस,आम रस,जैसी पेय पदार्थ का सेवन करने से बचने का की समझाईस दी जा रही है। जानकारों की माने तो पीलिया एक जलजनित बीमारी है.यह दूषित पानी के सेवन से होता है. यह बीमारी गर्मी और बरसात के मौषम की सुरुआत में अक्सर होता है। इससे बचने के लिये हमें सावधानी बरतनी चाहिए । मितानिन अहिल्या विश्वकर्मा ने बताया कि हम लोग वार्डो में घूम घूम कर लोगो को जानकारी दे रहे है कि पीलिया से बचने के लिये स्वच्छ पानी पिये पानी उबाल कर पिये खाने पीने का ध्यान दे जो मार्केट में पेय पदार्थ मिलते है उसमें कौन सा पानी उपयोग किया जा रहा है । उससे सतर्क रहें । पीलिया झाड़ फूक से ठीक होने वाली बीमारी नही है इसका उपचार ही सही ईलाज है । अभी हॉस्पिटल में काफी मरीज आ रहे है
सरकारी हॉस्पिटल के डॉक्टर के द्वारा कहा गया कि मुख्य रूप से यह मल द्वारा फैलने वाली बीमारी है । यह वायरल बीमारी है जो भी आदमी मल त्याग करता है । यह वायरल बीमारी है । जो मल का पानी कही न कही से जा कर नदी में मिलता है और वही जो नल के पानी मे आ रहा है यही मुख्य कारण है पीलिया फैलने का कारण होता है यह वायरल बीमारी है इसमें बहुत ज्यादा इलाज करने की आवश्यकता नही होती है । इस बीमारी में न हमको बहुत ज्यादा इलाज करने की आवश्यकता है न ही जड़ी बूटी वालो को जो लोग झाड़ फूक करवाते है वो सोचते है कि झाड़ फूक से पीलिया खत्म हो जाता है यह बीमारी सात दिन तक बहुत तेजी से बढ़ती है और सात दिन बाद ठीक होने लगती है । मगर 40 साल से अधिक उम्र के मरीजों को विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है
बचाव के लिये मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉक्टर सुरेश तिवारी ने पेयजल को लगभग बीस मिनट तक उबालकर पीने की सलाह दी . साथ ही जो भी पेय पदार्थ और खाने का सामग्री पकाई,उबाली नहीं जाती ऐसे बाहर बिकने वाली पदार्थ का उपयोग न करने की सलाह दे रहे है । डॉक्टरों की माने तो वर्तमान स्थिति में प्रतिदिन मरीजों की संख्या बढ़ रही है. झाड़-फूंक से बचने की सलाह के साथ बुजुर्ग मरीजो की सावधानी बरतते हुवे लक्षण आने के बाद अस्पताल में भर्ती कराने की सलाह देते हैं।