राज्य निर्वाचन आयोग के आदेश का पालन कराने में जिला प्रशासन असमर्थ
“तत्काल प्रभाव से होना था सहायक प्रोग्रामर का स्थानांतरण 15 दिन बाद भी नहीं हुआ प्रभार मुक्त”
वर्तमान नौकरशाही और उच्चस्तरीय पहुंच क्षमता के दम पर बड़े से बड़े अधिकारी के आदेश की अनदेखी कर देना अब कोई नयी बात नहीं रह गई है।आदेश चाहे राज्य के विभाग प्रमुख का ही क्यों न हो।
ताजा मामला बलरामपुर जिले के निर्वाचन शाखा में कार्यरत एक सहायक प्रोग्रामर से जुड़ा है।
इस संबंध में प्राप्त जानकारी के अनुसार यहां पदस्थ सहायक प्रोग्रामर आशीष कुमार द्विवेदी जो लंबे समय से यहीं पदस्थ हैं का स्थानांतरण राज्य निर्वाचन आयोग छत्तीसगढ़ प्रमुख रीना बाबा साहब कंगाले ने 12 जुलाई 23 को जारी आदेश के अनुसार बस्तर हेतु करते हुए इस तत्काल प्रभाव से लागू करते हुए कलेक्टर बलरामपुर को इसका परिपालन करते हुए राज्य निर्वाचन शाखा को सूचित किये जाने का निर्देश दिया था।साथ ही संबंधित सहायक प्रोग्रामर को भी तत्काल ज्वाइन करने हेतु निर्देशित किया था। आश्चर्य की बात तो यह है कि तत्काल प्रभाव से लागू होने वाले जारी इस आदेश का पालन आज 25 जुलाई तक, यानी तेरह दिनों बाद भी नहीं हो सका।ऐसे में उक्त कर्मचारी की ऊंची पहुंच और रसूखदारों से सीधी पहचान की चर्चा पुनः लोगों की जुबान पर है। ऐसे में देखना यह है कि राज्य निर्वाचन आयोग के आदेश का पालन होता है या कि सहायक प्रोग्रामर की पहुंच कामयाब होती है। मुद्दा तो जिला प्रशासन के नाक से भी जुड़ा है।