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“महात्मा ज्योतिबा फुले और सावित्रीबाई फुले को भारत रत्न दिलाने की मांग के लिए ऐतिहासिक पदयात्रा शुरू।”


“महात्मा ज्योतिबा फुले और सावित्रीबाई फुले को भारत रत्न दिलाने की मांग के लिए ऐतिहासिक पदयात्रा शुरू।”



शामली (उत्तर प्रदेश):26 नवंबर 2024 को उत्तर प्रदेश के शामली जिले से दिल्ली के जंतर मंतर तक एक ऐतिहासिक पदयात्रा का शुभारंभ होने वाला है। इस पदयात्रा का उद्देश्य भारत के महान समाज सुधारकों महात्मा ज्योतिबा फुले और सावित्रीबाई फुले को भारत रत्न से सम्मानित कराने की मांग  है।

यह पदयात्रा समाज में शिक्षा, समानता और सामाजिक न्याय के लिए उनके अभूतपूर्व योगदान को राष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाने के लिए आयोजित की गई है।



पदयात्रा में झारखंड, उत्तर प्रदेश, और मध्य प्रदेश छत्तीसगढ़ समेत देश के विभिन्न राज्यों से समाज के प्रमुख प्रतिनिधि शामिल हो रहे हैं। इनमें प्रमुख रूप से झारखंड से  प्रकाश मालाकार (प्रदेश अध्यक्ष, झारखंड महात्मा ज्योतिबा फुले संघर्ष मोर्चा), उत्तर प्रदेश से  अनुराग सैनी (संयुक्त विवाह ग्रुप संचालक और प्रदेश अध्यक्ष), और मध्य प्रदेश से बाल गोविंद माली (राष्ट्रीय अध्यक्ष, माली समाज) के लोग हो गए शामिल ।


                    पदयात्रा का उद्देश्य:
महात्मा ज्योतिबा फुले और सावित्रीबाई फुले ने भारतीय समाज में शिक्षा और समानता के क्षेत्र में क्रांति की शुरुआत की। उन्होंने महिलाओं और दलितों को मुख्यधारा में लाने के लिए अपना जीवन समर्पित कर दिया।
पदयात्रा आयोजकों का कहना है कि यह समय है कि भारत इन महान विभूतियों के योगदान को सम्मानित करे और उन्हें देश का सर्वोच्च नागरिक सम्मान ‘भारत रत्न’ प्रदान करे।


                    प्रतिनिधियों के विचार:
       

             अनुराग सैनी (उत्तर प्रदेश):
“सावित्रीबाई फुले ने शिक्षा और महिला सशक्तिकरण के लिए जो किया, वह भारत के इतिहास में मील का पत्थर है। यह यात्रा उनके संघर्षों और उपलब्धियों को याद दिलाने का एक प्रयास है।”

प्रकाश मालाकार (झारखंड):
“यह पदयात्रा समाज में जागरूकता लाने का प्रयास है। महात्मा फुले और सावित्रीबाई फुले ने समाज को नई दिशा दी। हमें सरकार से आग्रह करना चाहिए कि उनके योगदान को सम्मानित करें।”



        बाल गोविंद माली (मध्य प्रदेश):
“यह पदयात्रा हमारे समाज के लिए एक नई क्रांति का प्रतीक है। यह हमारी एकजुटता और हमारे समाज के नायकों के प्रति सम्मान को प्रदर्शित करती है।”


                       पदयात्रा का मार्ग:
यह पदयात्रा 26 नवंबर को शामली से शुरू हुई। यह विभिन्न स्थानों और पड़ावों से होकर गुजरेगी और 30 नवंबर को दिल्ली के जंतर मंतर पर समाप्त होगी। वहां देशभर से जुटे हजारों लोग इस आंदोलन को अपना समर्थन देंगे।


                   समाज के लिए अपील:
पदयात्रा आयोजकों ने सैनी, माली, मालाकार और भगत समाज के सभी लोगों से अनुरोध किया है कि वे अपनी जिम्मेदारी पर पदयात्रा में शामिल होकर इस आंदोलन को सफल बनाएं।

महात्मा ज्योतिबा फुले और सावित्रीबाई फुले को भारत रत्न दिलाने की यह पहल एक जनांदोलन का रूप ले चुकी है। यह देखना अहम होगा कि इस यात्रा का असर सरकार पर कितना पड़ता है।

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(‘महात्मा ज्योतिबा फुले और सावित्रीबाई फुले को भारत रत्न’—एक जनआंदोलन।)

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