जिला अस्पताल में खनिज न्यास मद का हो रहा दुरूपयोग, सत्ता परिवर्तन के बावजूद भी आखिर कब होगी कार्रवाई…
बलरामपुर जिला अस्पताल में फर्जीवाड़ा, खनिज न्यास मद का हो रहा दुरूपयोग, आखिर कब होगी कार्रवाई..
छत्तीसगढ़ के बलरामपुर जिला अस्पताल में फर्जीवाड़ा का मामला सामने आया है. जहां खनिज न्यास के मद का दुरूपयोग किया जा रहा है. जिला अस्पताल में विशेषज्ञ डॉक्टरों की संविदा नियुक्ति किया गया है. एनेस्थीसिया विशेषज्ञ डॉ कृष्णा चैतन्य को जिला खनिज न्यास फंड से एक लाख एकत्तिस हजार पांच सौ रुपए(131500)सैलरी मिल रही है साथ ही राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन से एक लाख अठासी हजार रुपए (188000)भी सैलरी मिल रही है. एक डॉक्टर को दो सैलरी मिल रही है.
जिला अस्पताल में खनिज न्यास मद से नियुक्त किए गए पैथोलॉजिस्ट डॉ सौरभ गोयल कभी जिला अस्पताल नहीं आते और अंबिकापुर में अपना निजी ब्लड बैंक और पैथोलैब संचालित कर रहे हैं लेकिन इसके बावजूद उन्हें हर महीने लाखों रुपए सैलरी मिल रही है.
जिला अस्पताल में खनिज न्यास मद में दुरूपयोग
बलरामपुर जिला अस्पताल में एनेस्थीसिया विशेषज्ञ डॉ कृष्णा चैतन्य को राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तहत नियुक्त किया गया था जबकि खनिज न्यास मद से भी सैलरी का भुगतान किया जा रहा है. जिला अस्पताल में खनिज न्यास मद से पैथोलॉजिस्ट के तौर पर डॉ सौरभ गोयल पदस्थ हैं लेकिन वह कभी जिला अस्पताल नहीं आते हैं. अस्पताल के अटेंडेंस रजिस्टर में भी उनके हस्ताक्षर नहीं होते हैं. इसके बावजूद अंबिकापुर में डॉ गोयल ब्लड बैंक और पैथोलैब का संचालन भी कर रहे हैं.
पहले से पदस्थ हैं एनेस्थीसिया और पैथोलॉजिस्ट
बलरामपुर जिला अस्पताल में डॉ रूपक कुमार एनेस्थीसिया विशेषज्ञ के तौर पर पदस्थ हैं वहीं डॉ मोनिरा पैथोलॉजिस्ट के तौर पर पदस्थ हैं. इसके बावजूद अलग से एनेस्थीसिया विशेषज्ञ और पैथोलॉजिस्ट को पदस्थ कर खनिज न्यास मद से लाखों रुपए सैलरी का हर महीने भुगतान किया जा रहा है जिससे खनिज न्यास मद का दुरूपयोग हो रहा है.
जिला चिकित्साअधिकारी का टाल मटोल जवाब
जब इसी मामले में जिला चिकित्सा अधिकारी डॉ प्रेमचंद बनर्जी से बात की गई तो उन्होंने कहा यह पूरा मामला सिविल सर्जन जिला बलरामपुर के अंदर आता है हमसे अच्छा सिविल सर्जन आपको बता सकते हैं
सिविल सर्जन ने जिला चिकित्साअधिकारी पर लगाया आरोप
जिला चिकित्सालय सिविल सर्जन रामेश्वर शर्मा से इस मामले में बात की इन दोनों की पदस्थापना मेरे आने के पूर्व की है और हमने इसमें संज्ञान लिया था अपने उच्च अधिकारियों को इसकी सूचना दे दी गई थी वही पैथोलॉजिस्ट के बारे में उनका कहना है कि जिला चिकित्सालय में संचालित ब्लड बैंक का लाइसें डॉक्टर सौरभ गोयल के नाम से है इसलिए मजबूरी में उनका सैलरी बनाना पड़ता है
एनेस्थीसिया विशेषज्ञ डॉ कृष्णा चैतन्य के मामले में उन्होंने बताया कि इनकी भी नियुक्ति हमारे आने की पूर्व की है और जैसे ही हमारे जिला चिकित्सालय में एनेस्थीसिया डॉक्टर की प्रतिस्थापन की गई वैसे ही हमने उच्च अधिकारियों को इसकी जानकारी दी है लेकिन अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है
जिला प्रशासन के DMF मैं जिला चिकित्सा अधिकारी सदस्य होते हैं इन्हीं के माध्यम से निर्णय होता है इसमें सिविल सर्जन का कुछ भी सहयोग नहीं होता मैं पूरे मामले में फिर उच्च अधिकारियों को पत्राचार करूंगा
आखिर कब होगी कार्रवाई
बलरामपुर जिला अस्पताल में जिस तरह रेगुलर विशेषज्ञ डॉक्टर के रहते हुए अलग से उसी विभाग के विशेषज्ञ डॉक्टर को पदस्थ कर खनिज न्यास मद में गड़बड़ी और फर्जीवाड़ा किया जा रहा है इस पर आखिर कार्रवाई कब होगी.