छत्तीसगढ़ शिक्षक संघर्ष मोर्चा के नेतृत्व में 24 अक्टूबर को एकदिवसीय जिलास्तरीय आंदोलन आयोजित किया जा रहा है, जिसमें राज्यभर के शिक्षकों की विभिन्न मांगों को सरकार तक पहुंचाने के लिए सामूहिक अवकाश लेकर धरना-प्रदर्शन किया जाएगा। यह निर्णय रामचंद्रपुर ब्लॉक में आयोजित एक बैठक में लिया गया, जहां बड़ी संख्या में शिक्षकों ने भाग लिया और अपनी समस्याओं पर गहन चर्चा की।
आंदोलन की मुख्य मांगें:
1. **प्रथम नियुक्ति तिथि से पूर्व सेवा गणना**: शिक्षकों की प्रमुख मांगों में एक है कि उनकी सेवा की गणना उनकी पहली नियुक्ति तिथि से की जाए। इससे शिक्षकों को अपनी सेवा अवधि को बेहतर तरीके से मान्यता मिल सकेगी और इसके आधार पर उन्हें अन्य लाभ भी मिल सकेंगे।
2. **सहायक शिक्षकों की वेतन विसंगति को दूर करना**: सहायक शिक्षकों के वेतन में असमानता को लेकर लंबे समय से शिक्षक असंतोष व्यक्त कर रहे हैं। शिक्षकों की मांग है कि इस वेतन विसंगति को तत्काल प्रभाव से दूर किया जाए ताकि सभी शिक्षकों को समान वेतनमान प्राप्त हो सके।
3. **क्रमोन्नति वेतनमान की मांग**: शिक्षक समुदाय की ओर से यह मांग उठाई गई है कि उन्हें उनके सेवा काल के अनुसार क्रमोन्नति वेतनमान प्रदान किया जाए। इससे उनकी आर्थिक स्थिति में सुधार होगा और सेवा के दौरान किए गए योगदान के लिए मान्यता मिलेगी।
4. **पुरानी पेंशन योजना की बहाली**: शिक्षकों की यह भी मांग है कि उनकी पुरानी पेंशन योजना बहाल की जाए। वर्तमान में लागू नई पेंशन योजना के अंतर्गत शिक्षकों को पुरानी पेंशन के बराबर लाभ नहीं मिलते हैं, जिससे शिक्षक असंतुष्ट हैं। इसलिए, शिक्षक चाहते हैं कि उन्हें उनकी पहली नियुक्ति तिथि के आधार पर पुरानी पेंशन योजना के लाभ दिए जाएं।
5. **20 वर्षों की सेवा पर पूर्ण पेंशन**: शिक्षकों की यह मांग है कि 20 वर्षों की सेवा पूरी करने के बाद उन्हें सम्पूर्ण पेंशन का अधिकार दिया जाए। यह मांग उनकी सेवा की स्थिरता और सुरक्षा को लेकर की जा रही है, जिससे उनका भविष्य सुरक्षित हो सके।
6. **रिक्त पदों पर पदोन्नति**: कई स्तरों पर शिक्षकों के पद रिक्त हैं, जिससे पदोन्नति की प्रक्रिया में बाधा उत्पन्न हो रही है। शिक्षक चाहते हैं कि जल्द से जल्द इन रिक्त पदों पर पदोन्नति की जाए ताकि योग्य शिक्षकों को उनके योग्यता के अनुसार पदोन्नति मिल सके।
7. **हाई कोर्ट के आदेशों का पूर्ण कार्यान्वयन**: छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट के डबल बैंच द्वारा दिए गए क्रमोन्नति संबंधी निर्णय को सभी शिक्षकों पर लागू करने की मांग की जा रही है। शिक्षकों का कहना है कि इस निर्णय से सभी शिक्षकों को लाभ मिलना चाहिए।
8. **लंबित महंगाई भत्ता और एरियर्स का भुगतान**: शिक्षकों के महंगाई भत्ते का भुगतान समय पर नहीं हुआ है, जिससे आर्थिक समस्याएं उत्पन्न हो रही हैं। इसलिए वे लंबित महंगाई भत्ता जल्द से जल्द जारी करने और देय तिथि से एरियर्स राशि का भुगतान करने की मांग कर रहे हैं।
आंदोलन की रणनीति:
रामचंद्रपुर ब्लॉक में आयोजित बैठक में सामूहिक अवकाश और धरना प्रदर्शन की रणनीति बनाई गई। इसमें शिक्षकों को अधिक से अधिक संख्या में शामिल करने के लिए प्रत्येक संकुल से अधिकतम शिक्षकों और शिक्षिकाओं को सामूहिक अवकाश पर जाने और धरना प्रदर्शन में शामिल होने के लिए प्रेरित किया गया। इस रणनीति का उद्देश्य है कि आंदोलन को व्यापक समर्थन मिले और सरकार तक शिक्षकों की मांगें प्रभावी ढंग से पहुंचाई जा सकें।
इस बैठक में कई प्रमुख शिक्षक मौजूद थे, जिनमें रामचंद्रपुर ब्लॉक संचालक राजेश्वर कुशवाहा, अरुण बर्मन, वसंत गुप्ता, विनोद रवि, प्रमोद मेहता, मंटू ठाकुर, संजय केसरी, हेरंब पटेल, और आईटी सेल प्रभाग से रमन गुप्ता शामिल थे। इन सभी ने आंदोलन की सफलता के लिए जरूरी कदमों पर चर्चा की और सभी शिक्षकों से एकजुट होकर इस प्रदर्शन में भाग लेने का आह्वान किया।
निष्कर्ष:
छत्तीसगढ़ शिक्षक संघर्ष मोर्चा का यह आंदोलन शिक्षकों की वर्षों से लंबित मांगों को लेकर है। वेतन विसंगति, पदोन्नति, पेंशन योजना, और महंगाई भत्ते जैसे मुद्दों पर शिक्षकों की मांगें पूरी न होने से उनके असंतोष का स्तर बढ़ता जा रहा है। 24 अक्टूबर को होने वाले इस एकदिवसीय धरना-प्रदर्शन के माध्यम से शिक्षक समुदाय अपनी मांगों को सरकार तक पहुंचाने का प्रयास करेगा,