बलरामपुर: कुसमी विकासखंड के कंदरी में प्राचीन काल में निर्मित हुआ था राम मंदिर..
बलरामपुर के कुसमी विकासखंड अंतर्गत ग्राम पंचायत कंदरी में प्राचीन श्री राम मंदिर आज भी मौजूद है जहां राम लला की प्राण-प्रतिष्ठा से पहले मंदिर का जिर्णोद्धार कराया गया और धूमधाम से रामोत्सव मनाया जा रहा है. राजा रानी के द्वारा यहां मंदिर का निर्माण कराया गया था यहां पहले राजा का गढ़ हुआ करता था.
इस मंदिर को लेकर क्षेत्र में कई किउदंतीय हैं वही राजा रानी से जुड़ी कई कहानियां होने के बावजूद भी नजदीक में ही रानी तालाब है जहां पर राजा रानी के समय की मंदिर नुमा अवशेष बचे हुए हैं जहां पूरातत्व विभाग के द्वारा संरक्षण की जरूरत है यह इस क्षेत्र में अवशेष मिल सकते हैं जो आने वाले समय में इस क्षेत्र को पर्यटन के रूप में विकसित करने में काफी सहभागिता दिखा सकती है ।
सैकड़ों साल पहले हुआ था मंदिर का निर्माण
स्थानीय लोगों के अनुसार मंदिर का निर्माण कार्य सैकड़ों साल पहले कराया गया था राजा और रानी के कहने पर बिहार से आए हुए मुस्लिम कारीगरों ने मंदिर का निर्माण किया था. मंदिर के चारों दरवाजे एक जैसे हैं. जानकारी के मुताबिक दस साल पहले मंदिर से अचानक अष्ट धातु की मूर्तियां चोरी हो गई थी.
22 जनवरी को लेकर मंदिर में विशेष तैयारी
स्थानीय लोगों से मिली जानकारी के मुताबिक इस मंदिर का निर्माण सुरखी चुना उड़द और बेसन से कराया गया था. समय के साथ मंदिर में जगह-जगह दरारें पड़ने के बाद अब मंदिर का जिर्णोद्धार कराया जा रहा है. मंदिर परिसर में रंग-रोगन और समतलीकरण कार्य कराया जा रहा है. 22 जनवरी को आज भव्य तरीके से पूजा-अर्चना और अनुष्ठान किया जाएगा जिसके बाद भंडारा का वितरण किया जाएगा.
कई देवी-देवताओं की प्रतिमा है स्थापित
कुसमी विकासखंड क्षेत्र के ग्राम पंचायत कंदरी के श्री राम मंदिर में भगवान श्री राम माता सीता लक्ष्मण जी हनुमान जी भगवान शिव भगवान गणेश मां दुर्गा और भगवान जगन्नाथ की प्रतिमा स्थापित है. मंदिर के मुख्य पूजारी सरजू नाथ पाण्डेय के द्वारा प्रतिदिन विधिविधान से यहां पूजा अर्चना किया जाता है.
पूरातत्व विभाग के द्वारा संरक्षण
बलरामपुर जिले का चांदो क्षेत्र में पुरातत्व विभाग के द्वारा संरक्षण और सर्वेक्षण की जरूरत है पुराने समय की कई कलाकृतियां हैं राजा महाराजाओं के समय की धरोहर है जिसे सहेजने और सवारने की जरूरत हैआने वाले समय में इस क्षेत्र को पर्यटन के रूप में विकसित किया जा सके वहीं जिले की धरोहर अभी तक जिला प्रशासन के द्वारा अपेक्षित रही है