बलरामपुर में ट्रिपल मर्डर केस ने पकड़ा तूल, सर्व नाई समाज ने पुलिस जांच पर उठाए सवाल, मुआवजे और न्याय की मांग को लेकर आंदोलन की चेतावनी
बलरामपुर ट्रिपल मर्डर केस पर हंगामा, सर्व नाई समाज का उग्र प्रदर्शन
बलरामपुर में ट्रिपल मर्डर केस ने पकड़ा तूल, सर्व नाई समाज ने पुलिस जांच पर उठाए सवाल, मुआवजे और न्याय की मांग को लेकर आंदोलन की चेतावनी
बलरामपुर: जिले में हुए भयावह ट्रिपल मर्डर केस ने लोगों में आक्रोश की लहर पैदा कर दी है। 16 नवंबर को पुलिस ने इस मामले के मुख्य आरोपी को झारखंड के गढ़वा से गिरफ्तार किया। बलरामपुर एसपी के अनुसार, आरोपी ने अपने भाई के प्रेम संबंध से परेशान होकर तीन लोगों की बेरहमी से हत्या कर दी। हालांकि, सर्व नाई समाज पुलिस के इस खुलासे से संतुष्ट नहीं है और उन्होंने पुलिस की जांच पर गंभीर सवाल उठाए हैं।
पुलिस की थ्योरी पर उठे सवाल
पुलिस के मुताबिक, आरोपी ने अपने भाई के प्रेम संबंध के चलते विवादों से तंग आकर महिला कौशल्या ठाकुर, उसकी 17 वर्षीय बेटी मुस्कान ठाकुर, और 5 वर्षीय बेटे मिंटू ठाकुर की हत्या की। एसपी ने बताया कि आरोपी ने इन तीनों को झाड़-फूंक के बहाने बुलाकर उनकी हत्या कर दी और सबूत मिटाने की कोशिश की।
लेकिन, सर्व नाई समाज ने इस थ्योरी को खारिज करते हुए इसे प्रशासन की नाकामी करार दिया है। समाज का कहना है कि:
पुलिस की लापरवाही: परिवार के सदस्यों ने पहले ही आरोपी के बारे में सूचना दी थी, फिर भी पुलिस ने समय रहते कार्रवाई क्यों नहीं की?
गुमशुदगी रिपोर्ट दर्ज करने में देरी: पुलिस ने गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज करने में चार से पांच दिन का समय लिया, जिससे परिवार को न्याय मिलने में देरी हुई।
अपराधियों की संलिप्तता: सर्व नाई समाज के प्रदेश उपाध्यक्ष अविनाश ठाकुर ने कहा कि एक अकेला व्यक्ति तीन लोगों की हत्या कर सबूत छिपाने और शव दफनाने में सक्षम नहीं हो सकता। उनका मानना है कि इस घटना में अन्य अपराधी भी शामिल हो सकते हैं, जिनकी अभी तक पहचान नहीं हो पाई है।
सर्व नाई समाज की मांगें और ज्ञापन
घटना के खुलासे के बाद, सर्व नाई समाज ने प्रशासन के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। उन्होंने बलरामपुर कलेक्टर के माध्यम से मुख्यमंत्री और राज्यपाल को ज्ञापन सौंपकर निम्नलिखित मांगें रखीं:
1. मृतकों के परिवार को मुआवजा: पीड़ित परिवार को सरकार की ओर से उचित मुआवजा राशि दी जाए।
2. सरकारी नौकरी: मृतकों के परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी दी जाए।
3. बच्ची की शिक्षा का खर्च: मृतक महिला की छोटी बेटी की पढ़ाई का खर्च सरकार उठाए।
4. लापरवाह अधिकारियों पर कार्रवाई: जो अधिकारी समय पर कार्रवाई नहीं कर सके, उनके खिलाफ अपराध दर्ज किया जाए।
सर्व नाई समाज की चेतावनी: आंदोलन की धमकी
सर्व नाई समाज के प्रदेश उपाध्यक्ष अविनाश ठाकुर ने स्पष्ट किया कि यदि उनकी मांगें जल्द पूरी नहीं की गईं, तो वे बड़े स्तर पर आंदोलन शुरू करेंगे। ठाकुर ने कहा:
“हम पुलिस की जांच से संतुष्ट नहीं हैं। 48 दिन बीत जाने के बाद भी पुलिस लापता लोगों को खोजने में नाकाम रही। यदि हमारी मांगें नहीं मानी गईं, तो हम आंदोलन के लिए बाध्य होंगे और इसकी पूरी जिम्मेदारी शासन और प्रशासन की होगी।”
घटना की जांच पर उठ रहे सवाल
ग्रामीणों की सूचना पर बरामद हुए शव: पुलिस ने 15 नवंबर को ग्रामीणों की सूचना के आधार पर नरकंकाल बरामद किए, जिससे पुलिस की निष्क्रियता पर सवाल खड़े हो गए हैं।
अपराधियों की पूरी गिरफ्तारी की मांग: सर्व नाई समाज ने मांग की है कि इस मामले की गहराई से जांच की जाए और अन्य संभावित अपराधियों को तुरंत गिरफ्तार किया जाए।
बलरामपुर ट्रिपल मर्डर केस ने कानून व्यवस्था को लेकर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। सर्व नाई समाज की मांगों और आंदोलन की चेतावनी से प्रशासन पर दबाव बढ़ता जा रहा है। अब देखने वाली बात यह होगी कि क्या सरकार और पुलिस इस मामले में पारदर्शिता और न्याय सुनिश्चित कर पाएगी या फिर यह मामला भी अन्य घटनाओं की तरह ठंडे बस्ते में चला जाएगा।
समाज की मांगों को नजरअंदाज करना प्रशासन के लिए भारी पड़ सकता है, क्योंकि स्थानीय लोगों में नाराजगी बढ़ती जा रही है।