स्कूल परिसर में पानी के लिए लागये गए बोरिंग खराब और दूसरे जल जीवन मिशन के तहत स्कूल परिसर में दो कनेक्शन दिए गए है जो मजह शो पीस बनकर खड़े हैं
बलरामपुर जिले में स्कूल सत्र शुरू होते ही समस्याए भी सामने आने लगी है,,स्कूल परिसर में पानी के लिए लागये गए बोरिंग मशीन पिछले एक माह से खराब पड़ा हुआ जिसके कारण स्कूली बच्चों को पानी की समस्या का सामना करना पड़ रहा है,,वही अब जिम्मेदार अधिकारी ब्यवस्था को जल्द दुरुस्त करवाने की बात कहते हुए नजर आ रहे है ।
जी हा ये तस्वीरे है जिले में वाड्रफनगर विकासखंड के मढ़ना माध्यमिक स्कूल परिषर का है जहाँ पर प्राथमिक स्कूल के अलावा आनगबाड़ी केंद्र भी संचालित किया जाता है ,और प्रशासन की लापरवाही से यहाँ पर महीनो से पेयजल की समस्या बनी हुई है जिसका खामियाजा स्कूल में पढ़ने वाले बच्चों के साथ साथ मध्यान भोजन बनाने वाली रसोइया को भुगतना पड़ रहा है ,,पानी के लिए अब गांव में लगे निजी पंप का सहारा लेना पड़ रहा है,,आपको बता दे कि मढ़ना स्कूल परिसर में तीन हैंडपंप लगाए गए थे लेकिन तस्वीरों में आप देख सकते है कि तीनों हैंडपंप कैसे बदहाल स्थिति में नजर आ रहे है ,,एक हैंडपंप में हैन्डल नही है तो दूसरे का मोटर महीने भर पहले जल चुका है जिसे पंचायत विभाग द्वारा अब तक बनवाया नही गया है और वही स्कूल कैम्पस में लगा तीसरे हैंडपंप से थोड़ा बहुत पानी निकल रहा लेकिन वह पीने योग्य ही नही है ,,इसके अलावा जल जीवन मिशन के तहत स्कूल परिसर में दो कनेक्शन दिए गए है जो मजह शो पीस बन कर खड़े हुए है ,,सरकार जहा एक ओर शिक्षा ब्यवस्था को दुरुस्त करने के लिए तमाम फंड जारी करती है लेकिन जिला प्रशासन की लापरवाही से शाशन की योजनाओं पर पानी फिर जाता है जिसका जीता जागता उदाहरण आप इस स्कूल में पानी की समस्या से देख सकते है
प्रधान पाठक ने बताया कि ग्रीष्मकालीन अवकाश के बाद शिक्षा सत्र जैसे ही प्रारंभ हुआ उसके बाद से ही मोटर जल गए हैं और पंचायत के माध्यम से बनाने के लिए दीया गया है लेकिन अभी तक नहीं बन कर नहीं आया है और कब तक बनकर आएगा यह भी नहीं पता है
,,,वही जब स्कूल में पानी की समस्या को लेकर जनपद सीईओ से बात की गई तो उन्होंने जल्द ही पानी की ब्यवस्था को दुरूस्त करने की बात कही है ,,,,लेकिन जरा सोचिए कि अगर सीओ साहब के घर पर लगे पंप का मोटर जल जाता तो शायद वह एक दिन में बन जाता लेकिन यहाँ तो महीनों बीत गए लेकिन अब तक जले हुए मोटर को बनवाया नही जा सका है ,,इससे आप साफ अंदाजा लगा सकते है की अधिकारी अपने कर्तब्यों के प्रति कितने सजग है ।