छत्तीसगढ़ के बलरामपुर जिले के रामचंद्रपुर विकासखंड की ग्राम पंचायत महादेवपुर में शासकीय राशन दुकान से राशन वितरण में गड़बड़ी का एक संगीन मामला सामने आया है। यह गांव पंडो जनजाति बहुल्य क्षेत्र में आता है, जिन्हें राष्ट्रपति के दत्तक पुत्र कहा जाता है। इस क्षेत्र में शासकीय योजनाओं का सही ढंग से क्रियान्वयन बेहद महत्वपूर्ण माना जाता है, परंतु यहां के ग्रामीणों ने राशन वितरण में गंभीर अनियमितताओं की शिकायत की है।
हर महीने राशन में होती है तौल में हेराफेरी
ग्रामीणों का आरोप है कि शासकीय राशन दुकान का संचालक प्रत्येक महीने दिए जाने वाले राशन की तौल में हेराफेरी करता है। ग्रामीणों के अनुसार, उन्हें दिए जाने वाले चावल में संचालक लगभग 1.5 से 2 किलो कम देता है। यह कमी तौल के तराजू से छेड़छाड़ के माध्यम से की जाती है, जिससे ग्रामीणों को उनका पूरा हक नहीं मिल पाता।
फूड इंस्पेक्टर पर भी आरोप
राशन में हो रही इस गड़बड़ी के खिलाफ ग्रामीणों ने कई बार फूड इंस्पेक्टर प्रशांत राजवाड़े से शिकायत की, लेकिन उनके अनुसार, फूड इंस्पेक्टर ने इन शिकायतों पर कोई कार्रवाई नहीं की। ग्रामीणों ने आरोप लगाया है कि फूड इंस्पेक्टर शिकायतों को दबाने का प्रयास करता है और उन्हें चुनौती देते हुए कहता है कि वे चाहे जहां भी शिकायत करें, उसका कुछ नहीं बिगड़ेगा।
कलेक्टर से न्याय की उम्मीद
फूड इंस्पेक्टर की इस मनमानी और दुकान संचालक द्वारा की जा रही हेराफेरी से परेशान होकर ग्रामीणों ने अब सीधे कलेक्टर से न्याय की गुहार लगाई है। उन्होंने कलेक्टर को लिखित शिकायत दी है और इस मामले की निष्पक्ष जांच की मांग की है ताकि उन्हें उनका हक मिल सके।
प्रशासनिक कार्रवाई की जरूरत
इस मामले ने प्रशासनिक कार्यों पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं, खासकर ऐसे क्षेत्र में जहां के निवासियों को विशेष सुरक्षा और सहयोग की आवश्यकता होती है। राशन वितरण में हेराफेरी जैसी समस्याओं को नजरअंदाज करना न केवल ग्रामीणों के अधिकारों का हनन है, बल्कि शासकीय योजनाओं की विश्वसनीयता पर भी सवाल उठाता है। प्रशासन को जल्द से जल्द इस मामले की जांच कर उचित कार्रवाई करनी चाहिए, ताकि गरीब और आदिवासी जनता को उनका का राशन बिना किसी बाधा के मिल सके।