अम्बिकापुरकाग्रेसकुसमीकृषिकोरियाकोरियाक्राइमखेलगढ़वागरियाबंदचांदोछत्तीसगढ़छत्तीसगढ़जसपुरजांजगीर चांपाझारखण्डटेक्नोलॉजीडौरा-कोचलीदिल्लीदुखददुर्घटनादुष्कर्मदेशधार्मिकन्यायालयपस्तापुलिसप्रचार प्रसारप्रतापपुरप्रदर्शनबधाईबलरामपुरबिलासपुरभरतपुर सोनहतभाजपाभारतभूखभ्रष्टाचारमनेन्द्रगढ़मनोरंजनमहाविद्यालयमहेंद्रगढ़मुंबईयूनिसेफरंकारघुनाथनगरराजनीतिराजपुरराज्यसभारामचंद्रपुररामानुजगंजरायगढ़रायगढ़रायपुररायपुरलाचारीलोकार्पणवाड्रफनगरविरोध प्रदर्शनव्यापारशंकरगढ़शंकरगढ़शिक्षासरगुजासामरीसूरजपुरस्काउट गाइडहेल्थ

राजस्व विभाग की मिली भगत से धान खरीदी में लाखों का घोटाला आखिर जिम्मेदार कौन?

छत्तीसगढ़ को भाजपा भ्रष्टाचार मुक्त बनाना चाहती है लेकिन विभागीय अधिकारी सरकार की मंशा पर पलीता लगाते हुए दिख रहे हैं।


हम बात कर रहे हैं बलरामपुर जिले के रामानुजगंज विकासखंड की जहां पर छत्तीसगढ़ शासन के द्वारा समर्थन मूल्य पर धान खरीदी की जा रही है जहां पर राजस्व अधिकारी धान बिचौलियों से मिलकर छत्तीसगढ़ शासन को करोड़ों रुपए का चुना लगा रहे हैं ऐसे भूमि जिसमें कृषि कार्य उल्लेखित नहीं है उस भूमि के नाम पर भी धान समिति केंद्रों में धान बिक्री कर दिया गया है और पैसा भी आहरण कर लिया गया है जिसमें स्थानीय पटवारी एवं तहसीलदार की संलिप्तता साफ दिख रही है।

हम जिस रकबे की बात कर रहे हैं वह वन भूमि है और वह ग्राम चाकी का जिसका किसान कोड TF3817102315485 है और उनके नाम पर धान का रकबा 2.0600 है और हम जिस रकबे की बात कर रहे है वाह एफ.आर.ए./कम्पार्टमेंट p3460 है और यहां पर उस व्यक्ति के द्वारा किसी भी प्रकार का फसल नहीं उगाया जाता है उस पर उपज का रकबा 2.0000(हे.मे) जो लगभग 5 एकड़ होता हैवहीं अभी तक जिस व्यक्ति के नाम से धान खरीदी दिखाया जा रहा है उस व्यक्ति के नाम से आज तक जमीन या फिर वन भूमि पट्टा जारी नहीं किया गया है क्योंकि वन भूमि पट्टा आदिवासी वर्ग के लोगों को छत्तीसगढ़ शासन के द्वारा वितरण किया जाता है और जिसके नाम से धान बेचा गया है वह पिछड़े वर्ग में आते हैं और किस रकबे में भी लाखों रुपए खाते में आहरित कर लिया गया है



वही दूसरा प्रकरण बगरा का है जिस मे किसान कोड TF38000090103164 और इसमें धान का रकबा 3.3800 दर्ज है और हम जिस रकबे की बात कर रहे है वह रामानुजगंज वन परिक्षेत्र के अंतर्गत आता ही नहीं है तो फिर इस रकबे में धान बेचने का तो सवाल ही नहीं उठता । जिस अपार्टमेंट के नाम पर धान बेचा गया है वह पिछड़े वर्ग का नाम दर्शाकर उसमें धान बेचा गया है। वह एफ.आर.ए./कम्पार्टमेंट नं. हे ( P349)लगभग 4 एकड़ 75 डिसमिल का रकबा बनता है। इस नाम से कोई भी इस एफ.आर.ए./कम्पार्टमेंट रामानुजगंज वन परिक्षेत्र के अन्दर नही आता। देखें तो इस रकबे में भी शासन को लाखों रुपए की क्षति पहुंची है



राजस्व अधिकारी यहीं नहीं रुके किसान के रकबे में ऐसे लोगों को खातेदार बनाया जिनका दूर-दूर तक कोई संबंध उनसे नहीं है और उनके रकबे पर मोटी रकम शासन के द्वारा धान के नाम पर प्राप्त कर लिया गया. आपको बता दें दो नाम ऐसे हैं जिन्हें पिछड़े वर्ग में दर्शाया गया है जो अनु.जनजाति वर्ग से आते हैं हम जिस किसान के रकबे में धान खरीदी करने की बात कर रहे हैं उसमें किसान कोड TF 3822102316438 है और इनका धान का रकबा 5.3530 है और उनके रकबे में शिवपुर के किसान जिनका खसरा नंबर 82 है और उनकी जाति अनु.जनजाति में आती है प्रश्न चिन्ह यहां पर यह खड़ा होता है कि क्या राजस्व अधिकारी इतने अंधे हो गए हैं कि पैसों की लालच में कि वह सभी नियमों को ताक पर रख दे रहे हैं और इस तरीके का धान खरीदी के फर्जी रकबा महावीर गंज धान खरीदी केंद्र में ही नहीं भंवरमाल , रामानुजगंज धान खरीदी केंद्र में ही नहीं जिले के कई खरीदी केन्द्र में हे।अब देखना यह होगा कि छत्तीसगढ़ की शासन और इस क्षेत्र के विधायक और मंत्री रामविचार नेताम जो जीरो करप्शन की बात करती है ऐसे भ्रष्ट अधिकारियों पर किस तरीके की कार्रवाई करते हैं.

वही रामानुजन क्षेत्र के तहसीलदार सहायक भू अभिलेख पद पर है और इन्हें प्रभारी तहसीलदार रामानुजगंज बनाया गया है

और उनकी शिकायत कई बार की जा चुकी है लेकिन राजनीतिक पहुंच रखने वाले तहसीलदार का अभी तक तबादला नहीं हो पाया है अब देखने वाली बात यह होगी कि शासन को लाखों रुपए का नुकसान पहुंचाने वाले अधिकारियों पर किस तरीके की कार्रवाई की जाती है या फिर अधिकारी मूकदर्शक बने रहेंगे इस पर ? निशाना बना रहेगा

Related Articles

Back to top button