छत्तीसगढ़बलरामपुर

पति के मौत के बाद बदहाल गरीबी में कर रही जीवन यापन,,,समाज सेवियों ने आगे आकर की मदद…

राजपुर। अत्यंत ही गरीबी में अपने तीन बच्चों का किसी तरह पालन पोषण करने वाली एक विधवा महिला को नगर के समाजसेवी व्यक्तियों द्वारा आर्थिक मदद कर उसके जीवन जीने की राह को कुछ हद तक आसान बनाने की कोशिश की गई।
  यह मामला है उस गरीब विधवा औरत की जो शासन प्रशासन के स्थानीय विधायक चिंतामणि महाराज व नगरीय प्रशासन राजपुर से मदद की गुहार लगाने के बाद जब उसे कोई सहयोग नही मिला तो अंततः थक हार कर दूसरों के घरों में काम कर व एक छोटी सी गुमटी में सामान बेचकर अपने परिवार का भरण पोषण कर रही है।राजपुर नगर पंचायत के वार्ड क्रमांक 06 में निवासरत रीना गुप्ता के पति रंजीत गुप्ता की मौत लगभग 11 साल पहले फाँसी लगाकर हो चुकी है जिसके बाद रीना गुप्ता अपने तीन बच्चों दो बेटियोँ और एक बेटा के साथ किसी तरह जीवन यापन कर रही है। रीना गुप्ता की व्यवहार न्यायालय के सामने एक छोटी सी गुमटी है जिसमें वह प्रतिदिन महज 500 से 1000 रुपये का सामान लाकर अपने बच्चों के साथ दिन भर दुकान में समान बेचकर एवं दूसरों के घरों में झाड़ू बर्तन का काम कर उससे अपने घर का खर्च एवं बच्चों के पढ़ाई का खर्च निकालती है। इस बात की खबर जब नगर के समाजसेवी लोगों को पड़ा तो व्हाट्सएप ग्रुप के माध्यम से उक्त विधवा महिला को आर्थिक सहयोग प्रदान करने हेतु अपील की गई जिसके बाद नगर के लोगों ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लेते हुए उसे आर्थिक मदद करते हुए उसके दुकान के लिए सामान उपलब्ध कराया गया।इस दौरान सुरेश सोनी गौरव उपाध्याय रत्नाम्बर मिश्रा पंकज यादव राजेश यादव रंजीत सोनी राजू जायसवाल रुद्र ठाकुर संत ठाकुर सहित अन्य लोग उपस्थित थे।

झोपड़ी नुमा घर


  घासफूस के झाड़ियों से बने झोपड़ी में रहने को हैं मजबूर :-
    यूँ तो प्रशासन लाख दावे करती है कि हर गरीब को मोर आवास के तहत पक्के का घर दिया जा रहा है परन्तु धरातल में कुछ और ही नजर आता है। राजपुर के वार्ड क्रमांक 06 में रीना गुप्ता अपने तीन बच्चों के साथ एक झोपड़ी नुमा घर में रहने को मजबूर हैं।उनके झोपड़ी में छत में नाम पर न तो कोई सीट है न कोई खपरैल है। घासफूस के झाड़ियों से बना झोपड़ी में छत के नाम पर महज एक प्लास्टिक के सहारे टिकी है।

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