बलरामपुररामानुजगंज

भ्रष्टाचार के मामले में जल संसाधन विभाग के प्रभारी कार्यपालन अभियंता निलंबित,” रामानुजगंज में पदस्थ संजय ग्रायकर पर 8 करोड़ से अधिक राशि के बंदरबांट का आरोप”

बलरामपुर जिले के रामानुजगंज के जल संसाधन विभाग में पदस्थ सहायक अभियंता/प्रभारी कार्यपालन अभियंता की जिम्मेदारी संभाल रहे संजय ग्रायकर पर निलंबन की कार्रवाई हुई है । दरअसल, संजय ग्रायकर पर आरोप है कि उन्होंने अपने पद का गलत इस्तेमाल करते हुए 8 करोड़ 67 लाख की राशि ऐसे फर्म को भुगतान किया जिन्होंने कोई काम ही नहीं किया है साथ ही योर सेल्फ चेक के माध्यम से अपने ही खाते में सरकारी पैसे को डालने का भी आरोप संजय ग्रायकर पर लगा है । निलंबन आदेश में कहा गया है कि संजय ग्रायकर ने रामानुजगंज अंतर्गत विभिन्न योजनाओं में वर्ष 2022-23 में भू-अर्जन की राशि रु. 867.00 लाख(8 करोड़ 67 लाख) को योर सेल्फ चेक के माध्यम से फर्मों के व्यक्तिगत खाते में फर्जी भुगतान कर वित्तीय अनियमितता करने की शिकायतों के परिप्रेक्ष्य में भू-अर्जन मुआवजा भुगतान हेतु अपनाई गई प्रक्रिया वित्तीय संहिता के अध्याय-2 (वित्तीय प्रबंध एवं नियंत्रण की सामान्य नीति) खण्ड-1, धन की प्राप्ति के स्पष्टीकरण में किये गये प्रावधान के विपरीत प्रतीत होने से अनियमितता की विस्तृत जांच कर, अनुशासनिक कार्यवाही किया जाना अपेक्षित है।

निलंबन आदेश की कॉपी

अतएव राज्य शासन एतद्वारा संजय कुमार ग्रायकर, सहायक अभियंता / प्रभारी कार्यपालन अभियंता, जल संसाधन संभाग क्रमांक-2, रामानुजगंज को छ०ग० वित्तीय संहिता के प्रावधानों के साथ-साथ छ0ग0 सिविल सेवा (आचरण) नियम, 1965 के नियम-3 के प्रथमदृष्ट्या उल्लंघन के फलस्वरुप छ0ग0 सिविल सेवा (वर्गीकरण, नियंत्रण तथा अपील) नियम, 1966 के नियम – 9 (1) (क) निहित प्रावधानान्तर्गत तत्काल प्रभाव से निलंबित कर कार्यालय प्रमुख अभियंता, जल संसाधन विभाग, शिवनाथ भवन, नवा रायपुर अटल नगर में संबद्ध करता है। निलंबन अवधि में इन्हें नियमानुसार जीवन निर्वाह भत्ते की पात्रता होगी।

आपको बताते चले कि इस मामले में जो  Khabar30 को जो साक्ष्य मिले हैं उसके मुताबिक संजय ग्रायकर ने भू अर्जन मुआवजा की राशि को न सिर्फ अपने खाते में डाला बल्कि अपने ही कार्यालय में पदस्थ कंप्यूटर ऑपरेटर के परिवार वालों के नामों से बने फर्मों में पैसा डालकर सरकारी पैसे का दुरुपयोग किया है । Khabar 30 को जो दसतावेज मीले है उसके मुताबिक एक ही महीने में एक के बाद एक ऐसे फर्मों को पेमेंट किया गया, जिन्होंने कोई काम ही नहीं किया है । साथ ही एक के बाद एक अपने योर सेल्फ चेक के माध्यम से भी अपने खाते में पैसे डाले ।

आगे क्या कार्रवाई?

फिलहाल सहायक अभियंता संजय ग्रायकर पर निलंबन की कार्रवाई तो की गई है । लेकिन, अगर इस मामले में जांच आगे बढ़ती है, तो कई ऐसे पेच भी खुलेंगे जिससे कई और जानकारियां उजागर होगी । सूत्र बताते हैं कि संजय ग्रायकर जिस कार्यालय में प्रभारी कार्यपापन अभियंता की जिम्मेदारी संभाल रहे थे उसी कार्यालय में पदस्थ कुछ और कर्मचारियों की संलिप्तता हो सकती है । सूत्र बताते हैं कि कार्यालय में पदस्थ कुछ कर्मचारियों के परिवार वालों के नाम से बने फर्मों में काफी बड़ी भुगतान भी की गई है । ऐसे में देखना होगा कि इतनी बड़ी राशि के गोलमाल के आरोप में सिर्फ निलंबन की कार्रवाई बस होगी या फिर मामले में सरकारी पैसे की वसूली भी की जाएगी ।

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