कुसमीबलरामपुर

विधिक जागरूकता शिविर का आयोजन
स्कूली छात्र-छात्राओं को टोनाही प्रताणना अधिनियम, बाल विवाह कानून, मोटर व्हीकल एक्ट के संबंध में दी गई जानकारी


जिला न्यायाधीश एवं जिला विधिक सेवा प्राधिकरण अध्यक्ष श्री सिराजुददीन कुरैशी के निर्देशन में जिला विधिक सेवा प्राधिकरण की सचिव श्रीमती रेशमा बैरागी द्वारा स्वामी आत्मानंद उत्कृष्ट अंग्रेजी माध्यम स्कूल सेमरा, कुसमी एवं पोस्ट मैट्रिक बालक छात्रावास कुसमी में विधिक जागरूकता शिविर का आयोजन किया गया।
विधिक जागरूकता शिविर में सचिव श्रीमती रेशम बैरागी ने उपस्थित छात्र-छात्राओं को संबोधित करते हुये टोनही प्रताड़ना निवारण अधिनियम के बारे में बताते हुए कहा कि आज देश की 70 प्रतिशत आबादी गांव में निवास करती है। लेकिन विडंबना है कि आज ग्रामीण क्षेत्रों के लोग कुप्रथाओं रूढ़ियों और रिवाजों से बंधे हुए हैं। इस देश में झाड़-फूक, जादू-टोना करने वाले महिलाओं को टोनही के नाम से जाना जाता है। यहां के लोगों का मानना है कि टोनही जादू-टोना करके व्यक्तियों का अशुभ या नुकसान करते है। जिस कारण यहां समाज के लोग हीनदृष्टि से देखते हैं। वर्तमान आधुनिक समय में इस तरह की धारणा मात्र एक अंधविश्वास मात्र ही है। इसलिए समाज को इस अंधविश्वास से उपर उठने की जरूरत है। इस अधिनियम के अंतर्गत किसी व्यक्ति को टोनही कहने पर 3 वर्ष का कठोर कारावास एवं जुर्माना एवं शारीरिक व मानसिक रूप से प्रताड़ित करने या नुकसान पहुंचाने पर 5 वर्ष का कठोर कारावास व जुर्माना का प्रावधान है।


बाल विवाह के बारे में बताते हुए उन्होंने कहा कि कानून के अनुसार विवाह योग्य आयु पुरुष एवं महिला के लिए 21 वर्ष तय की गई है। किंतु यदि किसी पुरुष अथवा महिला का विवाह 21 वर्ष के पूर्व होता है तो वह बाल विवाह की श्रेणी में आता है। बाल विवाह एक सामाजिक कुप्रथा है। उन्होंने बाल विवाह से होने वाली शारीरिक कमजोरी के संबंध में विस्तृत जानकारी दी। मोटर व्हीकल एक्ट के बारे में बताते हुए सचिव श्रीमती रेशमा बैरागी ने कहा कि नया मोटर व्हीकल एक्ट के तहत प्रत्येक व्यक्ति को ट्रैफिक नियम को जानना अत्यंत आवश्यक है। जिसमें से कुछ नियम निम्न हैं जैसे की बगैर लाइसेस के वाहन नहीं चलाना चाहिए, इस पर 5 हजार रुपये तक का जुर्माना का प्रावधान है। कम उम्र में वाहन नहीं चलाना, ओवरस्पीड इसके अंतर्गत 1 हजार से 2 हजार तक के जुर्माने का प्रावधान है। शराब पीकर वाहन न चलाना, क्षमता से अधिक यात्री नहीं बैठाना, सीट बेल्ट लगाकर वाहन चलाना, दो पहिया वाहन पर दो से अधिक लोगों को नहीं बैठाना, एम्बुलेंस तथा आपातकालीन वाहनों को रास्ता देना, बगैर हेलमेट वाहन नहीं चलाना चाहिए तथा ट्रैफिक नियमों का पालन करना चाहिए।
उन्होंने पर्यावरण संरक्षण हेतु अभियान में जानकारी देते हुए कहा कि ठोस कचरा आधुनिक समय की भयानक समस्याओं में से एक है, यह एक वैश्विक समस्या है। खासकर शहरी जीवन में ठोस अपशिष्ट प्रबंधन के कोई बड़े प्रबंध नहीं होते हैं, जिसके परिणामस्वरूप शहरों में कचरे के बड़े-बड़े ढेर लगे होते हैं। इन सभी ठोस अपशिष्ट पदार्थों से कई प्रकार की बीमारी होती है तथा पर्यावरण प्रदूषण तेजी से होता है। अतः ठोस अपशिष्ट का प्रबंधन अत्यंत आवश्यक है। अंत में सचिव श्री बैरागी ने कहा कि जनजाति अत्याचार निवारण अधिनियिम, बाल शिक्षा तथा उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम 2019 के बारे में विस्तारपूर्वक दी।
उक्त शिविर में विद्यालय के छात्र-छात्राएं, शिक्षक-शिक्षिकाएं एवं प्राधिकरण के पीएलव्ही इरशाद आलम, मो, शमशाद उपस्थित थे।

Related Articles

Back to top button