बलरामपुर। जिला मुख्यालय बलरामपुर के बाजार पारा स्थित ऑडिटोरियम भवन में जिला शिक्षा अधिकारी के. एल. महिलांगे की अध्यक्षता में शाला संकुल व्यवस्था के माध्यम से बच्चों की शिक्षा गुणवत्ता सुधार हेतु संकुल प्राचार्यों की एक दिवसीय कार्यशाला आयोजित किया गया।
कार्यशाला में जिला शिक्षा अधिकारी के. एल. महिलांगे ने संकुल प्राचार्यों को सम्बोधित करते हुए शिक्षा की विभिन्न जानकारियों से अवगत कराया। उन्होंने कोरोना महामारी के दौरान शालाओं में प्रभावित हुए बच्चों की शिक्षा एवं रचनात्मक तथा खेलकूद गतिविधियों की भरपाई के लिए किये गये प्रयास तथा योजनाओं के क्रियान्वयन में आने वाले चुनौतियों एवं सुधार के उपाय, एन.ए.एस. असर सर्वे रिपोर्ट में सुधार किये जा रहे प्रयास तथा संकुल समन्वयकों के कार्य एवं जिम्मेदारी को बताते हुए उपचारात्मक शिक्षण पर जानकारी दी।
जिला परियोजना अधिकारी मनोहर लाल जायसवाल के द्वारा उपचारात्मक शिक्षण पर प्रकाश डाला गया एवं जिला स्तर पर बनाये गये उपचारात्मक शिक्षण की रणनीति के बारे में चर्चा किया गया। तत्पश्चात् राज्य स्त्रोत दल के द्वारा एफ.एल.एन विकास का क्रियान्वयन, मुस्कान पुस्तकालय का बेहतर उपयोग, शाला अनुदानों का बेहतर उपयोग, प्रिंट रिच वातावरण निर्माण, शिक्षा में टेक्नोलॉजी का उपयोग, सुघ्घर पढ़वईया कार्यक्रम, मासिक चर्चा पत्र, उपचारात्मक शिक्षण के लिए मिशन लर्निंग आउटकम, शाला संकुल के माध्यम से निरीक्षण, गुणवत्तापूर्ण शिक्षा हेतु नवाचार के अवसर तथा विद्यालय विकास नेतृत्व पर प्रकाश डाला। संदीप जायसवाल (डीपीएमयू) के द्वारा एनआईसीएलईआर एप्प एवं मिशन एल.ओ.सी. इंस्पेक्शन एप्प पर व्याख्यान देते हुए विस्तृत जानकारी दिया गया।
इस कार्यशाला में प्रशिक्षणार्थियों के द्वारा भी विभिन्न बिंदुओं पर चर्चा परिचर्चा कर राज्य शासन द्वारा लागू किये जाने वाले विभिन्न योजनाओं, गतिविधियों, निर्देशों, गुणवत्तापूर्ण शिक्षा पर मंथन कर विचार प्रस्तुत किये गये।
कार्यशाला को प्रभावी रूप से संचालन करने में सहायक जिला परियोजना अधिकारी मनोहर लाल जायसवाल, प्रोग्रामर आशीष गुप्ता, समस्त ए.पी.सी., डी.पी.एम.यू. टीम का विशेष सहयोग रहा।