जिम्मेदार अधिकारियों के ध्यान नहीं देने से ठगा महसूस कर रहे कुसमीवासी
कुसमी,22 अक्टूबर। जिला बलरामपुर-रामानुजगंज के विकास खंड कुसमी में संचालित संत आत्मानंद उत्कृष्ट विद्यालय में कई समस्या लंबे समय से उत्पन्न हैं जिससे परेशान होकर विद्यालय में अध्ययनरत छात्रों के अभिभावकों ने कलेक्टर के नाम ज्ञापन सौंपकर तथा प्राचार्य की अनुपस्थिति में विद्यालय के शिक्षकों से वार्तालाप कर समस्याओं को बारी-बारी से अवगत कराया. जिस पर उपस्थित शिक्षकों ने अभिभावकों अस्वस्थ करते हुवे अपनी बातों को साझा किया.
अभिभावकों ने ज्ञापन की प्रतिलिपि सामरी विधायक, जिला शिक्षा अधिकारी बलरामपुर, विकास खंड शिक्षा अधिकारी कुसमी, अनुविभागीय अधिकारी राजस्व कुसमी तथा उत्कृष्ट विद्यालय के अध्यक्ष कुसमी को भी दी है।
संत आत्मानंद उत्कृष्ट विद्यालय में अपनी समस्याओं को अवगत कराने पहुँचे अविभावकों ने ज्ञापन के माध्यम से बातया हैं कक्षा 11वीं में पढ़ाने हेतु विद्यालय में शिक्षक की नहीं है भौतिक रसायन एवं जीव विज्ञान के शिक्षक नहीं है कक्षा ग्यारहवीं को टेक्निकल शिक्षा का आधार माना जाता है अगर बच्चे को डॉक्टर इंजीनियर बनना है तो कक्षा ग्यारहवीं की पढ़ाई सबसे महत्वपूर्ण है अभी भौतिकी रसायन जो अन्य शिक्षक पढ़ा रहे हैं पहले दूसरे तीसरे अध्याय में ही अटके हुए हैं जीव विज्ञान के एक भी अध्याय की पढ़ाई नहीं हुई है उसी तरह अन्य कक्षाओं का भी हाल है। किसी भी कक्षा के विद्यार्थी से पूछने पर 5 अध्याय से ज्यादा किसी की पढ़ाई नहीं हुई है बताया जाता है जबकि लगभग आधा साल निकल चुका है।
विद्यालय की सबसे बड़ी समस्या शिक्षकों की बहाली है. अभी तक जिनकी नियुक्ति हुई थी वह यहां से चले गए. जिससे विद्यालय में अध्ययनरत विद्यार्थियों का भविष्य अंधकार में तब्दील होता जा रहा हैं. ज्ञापन में आगे जिक्र किया गया हैं कि जब प्रचार्य से शिकायत की तो उनका कहना है जिला शिक्षा अधिकारी को हमने कई बार स्थिति से अवगत कराया है लेकिन नियुक्ति होने वाली है ऐसा आश्वासन दिया जा रहा है।
अभिभावकों ने यह भी ज्ञापन में किया जिक्र
अभिभावकों का कहना है कि नियमित शिक्षकों के अनुपस्थिति में वैकल्पिक व्यवस्था बनाकर पढ़ाई पर जोर देने के लिए किसी जिम्मेदार अधिकारियों को पहल करना चाहिए। जब यह विद्यालय मुख्यमंत्री के उत्कृष्ट योजना के अंतर्गत खोला गया उत्कृष्ट विद्यालय है तो यहां उत्कृष्ट शिक्षा पर जोर क्यों नहीं दिया जा रहा हैं? उत्कृष्ट सिर्फ नाम रख देने से विद्यालय में अध्ययनरत विद्यार्थियों का भविष्य सुधर नहीं सकता हैं. आगे उल्लेखित किया गया हैं यहां विद्यालय में प्रतिमाह टेस्ट लेने का नियम बड़ा अच्छा हैं पर जिस विषय की पढ़ाई ही नहीं हुई है फिर किस आधार पर 5 अध्याय तक का टेस्ट लिया गया. बच्चों के पढ़ाई पिछड़ने का जिम्मेदार कौन है ? विद्यालय में फर्नीचर एवं रोड निर्माण में लाखों रुपए खर्च किया जा रहा है पर शिक्षा व्यवस्था सुधार हेतु कोई पहल नहीं हो रहा. अभिभावक एक उम्मीद से अपने बच्चों का एडमिशन उत्कृष्ट विद्यालय में कराए हैं यहां तक कि अंबिकापुर से टीसी लेकर यहां दाखिल कराया गया हैं क्योंकि मुख्यमंत्री की घोषणाओं में इस विद्यालय का एक स्वर्णिम भविष्य नजर आ रहा था. लेकिन अब लगता है कि यह सरकारी योजना सिर्फ नाम की ही हैं।
आगे उल्लेख है कि इस विद्यालय के शिक्षकों की नियुक्ति तो एक हउवा बना दिया गया की सभी शिक्षकों की भर्ती एकदम उचित मापदंड पर हुई है. आईएएस भर्ती जैसा इंटरव्यू भी लिया गया है पर अब शिक्षा की हालत देखकर कतई ऐसा नहीं लगता। हम सभी कुसमी निवासी की एक उम्मीद थी कि हमारे बच्चे इस विद्यालय में अध्ययन करके बेहतर भविष्य की ओर कदम रखेंगे अंग्रेजी में एक्सीलेंट शब्द से बड़ा शब्द कोई नहीं होता इसका मतलब ही होता है अति उत्कृष्ट और इस शब्द की जाल में फसने जैसा मजबूर हो गए हैं कुसमी वासी। उक्त सभी शब्द ज्ञापन में ही उल्लेखित की गई हैं।
समय का अभाव, स्वास्थ्य का नहीं रख पाए रहे ध्यान
अभिभावकों ने यह भी उल्लेख करते हुवे बताया है कि सुबह का वक्त व्यायाम एवं स्वास्थ्य के लिए लाभदायक माना गया है. लेकिन सुबह प्रतिदिन 8:00 बजे विद्यालय लगने से यह प्रक्रिया अभिभावक एवं विद्यार्थी दोनों नहीं कर पाते जबकि कोरोना काल में पढ़ाई के साथ-साथ स्वास्थ्य पर ध्यान देना अति आवश्यक है। उक्त सभी विषयों में तत्काल निराकरण करने की अपील अभिभावकों ने की है तथा रिक्त 18 शिक्षकों की भर्ती कर बच्चों के बेहतर भविष्य के लिए इस ओर त्वरित पहल करने की भी मांग की गई है।