राजपुर
बलरामपुर जिले में आजकल आबकारी विभाग कुछ अधिकारी और शासकीय शराब दुकान के जनरल मैनेजर के कारनामे सुर्खियां बटोर रही हैं, जब से छत्तीसगढ़ में शराब के ठेके सरकार ने अपने हाथों में लिया है तब से आबकारी विभाग के अधिकारियों की ऊपरी कमाई ठप हो चुकी है जिसके लिए आबकारी अधिकारी शराब दुकान के जनरल मैनेजर के साथ मिलकर गरीब लोगों को शिकार बनाते हुए इनका अपहरण कर डरा धमकाकर केस बनाने के नाम पर मोटी रकम उगाही कर रहे हैं।
दरअसल इस प्रकार का मामला पहली बार बलरामपुर जिले के राजपुर विकासखंड के ग्राम पंचायत शिवपुर से आया है, बलरामपुर जिले में एडिशनल जिला आबकारी अधिकारी के पद पर पदस्थ एस. के. सूर्यवंशी और सरगुजा शराब दुकान के जनरल मैनेजर आलोक कुमार गुप्ता के द्वारा दिनांक 25 अगस्त की शाम 7:00 बजे शिवपुर निवासी विश्वनाथ चौधरी और गिरवर प्रजापति जो अंबिकापुर सरकारी शराब दुकान से घर पर नतनीन के जन्मदिन की पार्टी मनाने के लिए गोवा के 08 से 10 पऊवा लाया गया था जिसकी जानकारी दुकान के मैनेजर द्वारा अधिकारी को देकर इन दोनों के घर पर छापा मारा गया जिसमें क्रमश: एक के घर 07 और एक के घर 03 नग पऊवा जब्ती किया गया।
इस कार्रवाई के बाद अधिकारी ने अपने स्कॉर्पियो वाहन में दोनों आरोपियों को बैठाकर रात्रि 9:00 बजे खुखरी जंगल में लाया गया जहां इन्हें बीच रास्ते में उतार कर जंगल के अंदर ले जाया गया वहां दोनों आरोपियों को आबकारी विभाग के अधिकारी एस.के. सूर्यवंशी और दुकान के मैनेजर आलोक गुप्ता के द्वारा गंदी गंदी गालियां दी गई जान से मारने और दूसरे राज्य की सराब का जिक्र करते हुए गैर जमानती केस दर्ज कराने की धमकी दिगई जिससे दोनो लोग काफी डर गए तभी केस नहीं बनाने के नाम पर दोनो से 02-02 लाख की डिमांड की गई जिससे दोनों आरोपीयों ने अपने रिश्तेदारों परिवारवालों से तत्काल फोन पर बात करते हुए 02-02 लाख की व्यवस्था कर अधिकारियों को दिया गया जिसके बाद अधिकारी उन्हें उसी जंगल में छोड़ कर चले गए।
इस घटना से शिवपुर निवासी विश्वनाथ चौधरी और गिरवर प्रजापति काफी डरे हुए हैं इस घटना की शिकायत इन्होंने सरगुजा आईजी और बलरामपुर कलेक्टर के समक्ष करते हुए जांच कर ऐसे अधिकारियों पर कड़ी कार्रवाई करने की मांग की है इस प्रकार की घटना बलरामपुर जिले में पहली बार देखने को मिला है अगर समय रहते ऐसे अधिकारियों पर शिकंजा नहीं कसा गया तो जिले में भय का वातावरण व्याप्त हो जाएगा।