रायपुर/छत्तीसगढ़ जनसम्पर्क अधिकारी संघ द्वारा सरगुजा कलेक्टर श्री कुंदन कुमार द्वारा दो जनसम्पर्क अधिकारियों से अमर्यादित व्यवहार, अपशब्दों के प्रयोग के मामले पर संघ की बैठक में निंदा प्रस्ताव पारित किया गया। संघ ने मुख्यमंत्री से इस विषय में तत्काल संज्ञान लेकर कलेक्टर सरगुजा के विरूद्ध कड़ी कार्रवाई की मांग की है। संघ ने यह भी मांग की है कि कलेक्टर सरगुजा अपने अमर्यादित व्यवहार के लिए खेद व्यक्त करें। इसके साथ ही नियम विरूद्ध किए गए जनसम्पर्क अधिकारी का संलग्नीकरण भी तत्काल निरस्त करें। इस सम्बंध में संघ का प्रतिनिधिमण्डल जल्द ही मुख्यमंत्री से भी मिलेगा।
छत्तीसगढ़ जनसम्पर्क अधिकारी संघ की आज हुई कार्यकारिणी की बैठक में कलेक्टर सरगुजा श्री कुंदन कुमार द्वारा सहायक संचालक श्री दर्शन सिंह सिदार एवं सहायक सूचना अधिकारी श्री सुखसागर वारे के साथ किए गए अमर्यादित व्यवहार और धमकी के साथ श्री वारे को अनाधिकृत रूप से अनुविभागीय दण्डाधिकारी कार्यालय सरगुजा में संलग्न करने का कड़ा विरोध व्यक्त करने निर्णय लिया गया है। साथ ही संघ द्वारा कलेक्टर के इस अमर्यादित कृत्य के लिए निंदा प्रस्ताव भी पारित किया गया है।
छत्तीसगढ़ जनसम्पर्क अधिकारी संघ के अध्यक्ष श्री बालमुकुंद तंबोली ने कहा है कि कलेक्टर द्वारा जनसम्पर्क अधिकारियों के साथ अमर्यादित व्यवहार और माननीय मुख्यमंत्री जी के ही प्रचार-प्रसार के औचित्य पर प्रश्न उठाना अत्यंत खेद जनक है। श्री तंबोली ने बताया कि जनसम्पर्क कार्यालय अम्बिकापुर में पदस्थ दोनों ही अधिकारी अनुसूचित जाति एवं जनजाति वर्ग के हैं। ऐसी स्थिति में कलेक्टर सरगुजा द्वारा अधिकारियों से अमर्यादित व्यवहार असंवैधानिक और राज्य सरकार की रीति-नीति के भी विपरीत है।
अध्यक्ष श्री तंबोली ने यह भी कहा है कि माननीय मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल जनसम्पर्क विभाग के भार साधक मंत्री भी हैं। समस्त शासकीय कार्यों और योजनाओं का प्रचार-प्रसार माननीय मुख्यमंत्री जी के नेतृत्व एवं मार्गदर्शन में ही किया जाता है। यह प्रतीत होता है कि सरगुजा कलेक्टर श्री कुंदन कुमार व्यक्तिगत प्रचार-प्रसार के आदी हैं।
गौरतलब है कि कलेक्टर सरगुजा श्री कुंदन कुमार द्वारा बैठक में शासकीय अधिकारियों को निलंबित करने या कार्यवाही सहित कई प्रकार के निर्देश दिए जाते हैं और जब उनके निर्देश अनुसार जनसम्पर्क अधिकारियों द्वारा समाचार जारी किए जाते हैं तो कलेक्टर द्वारा इसे नेगेटिव प्रचार-प्रचार की संज्ञा देकर सहायक संचालक श्री दर्शन सिंह सिदार एवं सहायक सूचना अधिकारी श्री वारे के साथ डांट-फटकार, गाली-गलौच और अमर्यादित व्यवहार किया जाता है। कलेक्टर द्वारा यह कहा जाता है कि जनसम्पर्क अधिकारी केवल मुख्यमंत्री का ही प्रचार-प्रसार करते हैं। आप लोग कलेक्टर का पावर नहीं जानते हो, अगर कलेक्टर को गुस्सा आ गया तो यहां दिखाई नहीं दोगे।
अध्यक्ष श्री तंबोली ने यह भी कहा कि जनसम्पर्क अधिकारी सोकर उठते ही सुबह से अपने काम में लग जाते हैं। गर्मी, सर्दी, बरसात से लेकर होली, दीपावली, तीज, त्यौहार सभी अवकाश के दिनों में भी पूरी निष्ठा और कर्मठता से शासन के प्रचार-प्रसार का काम करते हैं। कलेक्टर सरगुजा का इस तरह का अशोभनीय और अमर्यादित व्यवहार कर्मठ अधिकारियों के मनोबल को गिराने वाला और उन्हें हतोत्साहित करने वाला है।
छत्तीसगढ़ जनसम्पर्क अधिकारी संघ ने मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल जी से विभाग के भारसाधक मंत्री होने के नाते संरक्षण प्रदान करते हुए मांग की है कि कलेक्टर सरगुजा के विरूद्ध तत्काल कार्रवाई की जाए और उन्हें अपने अमर्यादित व्यवहार के लिए खेद व्यक्त करने के निर्देश दिए जाएं। इसके साथ ही एसडीएम कार्यालय सीतापुर में अनाधिकृत रूप से संलग्न किए गए अधिकारी का संलग्नीकरण भी तत्काल प्रभाव से निरस्त किया जाए।
बैठक में संघ के संरक्षक श्री उमेश मिश्रा, श्री संजीव तिवारी, उपाध्यक्ष श्री पवन गुप्ता, श्री हीरा देवांगन, सचिव श्री राजेश श्रीवास, कोषाध्यक्ष श्री लक्ष्मीकांत कोसरिया, कार्यकारिणी सदस्य श्री सौरभ शर्मा, श्री सचिन शर्मा, नितिन शर्मा, कमलेश साहू, श्री पाराशर सहित अन्य अधिकारीगण उपस्थित थे।