दुर्गेश गुप्ता
कुसमी। विकासखंड में मनरेगा एवं अन्य निर्माण कार्यो का मजदूरी भुगतान एवं वृद्ध, दिव्यांग पेंशन एवं ग्रामीणों की सुविधा के लिए बैंक सखी के माध्यम से भुगतान शुक्रवार से शुरू किया गया है।सरल वित्तीय लेन-देन के लिए ग्रामीणों को अब बैंकों के चक्कर नही लगाने पड़ेंगे। बलरामपुर कलेक्टर कुंदन कुमार के मार्गदर्शन में ग्रामीण लोगों को वित्तीय लेन-देन, पेंशन एवं मरनेगा कार्यो के मजदूरी भुगतान के लिए बैंक के चक्कर से बचाने हेतु बीसी (बैंकिग कोरेस्पोंडेंट) सखी के माध्यम से गांव में ही इसकी सुविधा उपलब्ध कराई जा रही है।
ग्राम पंचायत एवं ग्रामीण क्षेत्रों में गांव-गांव तक बैंकिग सुविधा पहुंचाने के लिए ग्रामीण आजीविका मिशन (बिहान) के अंतर्गत गठित स्वसहायता समूह की महिलाओं को बैंक सखी नियुक्त कर उन्हें इस कार्य के लिए प्रशिक्षित किया गया है। इससे मनरेगा जैसी योजनाओं में मजदूरी का भुगतान भी समय पर किया जा सकेगा एवं हितग्राहियों को बिना किसी समस्या के नियमित पेंशन मिल सकेगा। ब्लाक में शुरुआती दौर में 30 बैंक सखी, एवं 5 पे-प्वाईंट सेंटर बनाया गया है। बैंक सखी बायोमीट्रिक डिवाइस, एंड्राइड फोन के साथ गांव-गांव जाकर मोबाइल बैंकिंग यूनिट के रूप में अपनी सेवाएं देंगी। बैंक सखी की नियुक्ति से लोगों को छोटी-छोटी राशियों के लेन-देन के लिए बार-बार बैंक जाने की आवश्यकता नहीं पड़ रही है।
इससे आम लोगों की बैंक आने-जाने में लगने वाले समय एवं धन की बचत होगी तथा बैंकों पर पड़ने वाले दबाव में भी कमी आ रही है। बैंक सखी की नियुक्ति से ग्रामीण क्षेत्रों में वृद्धा पेंशन, सामाजिक सुरक्षा पेंशन एवं बैंक खातों के माध्यम से होने वाले अन्य मजदूरी भुगतान में तेजी तथा नियमितता आई है। बैंक सखी के माध्यम से राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत आजीविका कार्यों में लगीं स्वसहायता समूह की महिलाएं भी अपना वित्तीय लेन-देन गांव में ही कर पा सकेंगी।
जनपद सीईओ रणवीर सायं ने बताया कि ब्लांक के दूरस्थ ग्रामीण अंचलों जहां बैंक की सुविधा नहीं है वहां रहने वाले ग्रामवासियों को उनके घर तक जाकर बैंक सखी द्वारा मनरेगा के तहत मजदूरी भुगतान, सामाजिक सुरक्षा पेंशन, प्रधानमंत्री आवास, लघु वनोपज एवं मितानिन इत्यादि का भुगतान शुरू किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि ब्लांक में मनरेगा और अलग-अलग विभागों की योजनाओं से जुड़े अनेक काम संचालित है। इन क्षेत्रों में ऐसी व्यवस्था की जा रही है कि श्रमिकों के खाते में आई मजदूरी की राशि निकालने के लिए उन्हें बैंक जाने की आवश्यकता नहीं पड़े। एनआरएलएम के अंतर्गत गांव-गांव में काम कर रहीं बैंक सखी कार्यस्थल पर पहुंचकर ही मजदूरों को नगदी रुपए उनके हाथों में सौंप रही है। ग्रामीण क्षेत्रों में बैंक सखी की नियुक्ति से आम लोगों में हर्ष एवं प्रसन्नता व्याप्त है। ग्रामीण मजदूरों को इससे काफी राहत मिलेगी।