प्रशासन की मौन सहमती से रेत माफिया के हौसले बुलंद,, रिजर्व फारेस्ट से हो रहा है रेत का अवैध उत्खनन
बलरामपुर जिले में रेत माफिया की दबंगई से ग्रामीणों में दहशत का माहौल बना हुआ है,,जिला प्रशासन के साथ साथ पुलिस और फारेस्ट विभाग की मौन सहमति से रेत माफिया के हौसले बुलन्द है ,जिसके कारण रेत माफिया शाशन के सभी नियमो को दरकिनार करते हुए रेत का अवैध भंडारण करवा रहा है और किसी बड़ी घटना का इंतजार कर रहा है ।
दअरसल पूरा मामला जिले में वाड्रफनगर विकासखंड के तोरफ़ा गांव का है जहाँ से मोरन नदी बहती है और यह क्षेत्र वन विभाग का रिजर्व फॉरेस्ट के अंतर्गत आता है ,जिसकी सीमा सूरजपुर जिले से लगती है ,अभ्यारण क्षेत्र होने के वावजूद भी वन विभाग के नाक के नीचे रेत माफिया धड़ल्ले रेत का परिवहन करवा आकर भंडारण करवा रहा है ,,आपको बता दे कि जिस जगह से रेत का उत्खनन किया जा रहा है वह क्षेत्र सूरजपुर जिले में पड़ता है जो कि रिजर्व फारेस्ट के अंतर्गत आता है ,और रेत का परिवहन बलरामपुर जिले के रेगुलर फारेस्ट से किया जा रहा है और गांव में लाकर रेत का भंडारण किया जा रहा है ,,,ग्रामीणों का कहना है कि रेत माफिया के गुर्गे जान से मारने की धमकी भी देते है और पुलिस से जब ग्रामीण सहयोग मांगते है तो पुलिस वाले मौके पर जाकर रेत माफिया के पक्ष में बात करते है ,,,वही जिले का खनिज विभाग फ़िलहाल गहरी नींद में सोया हुआ है और नतीजन रेत माफिया रेत का पहाड़ बनाने में जुटा हुआ है ।