सामुदायिक शौचालयों बना गोदाम विभाग की लापरवाही से “शाशन के पैसों का खुलेआम दुरुपयोग”
बलरामपुर जिले में स्वच्छ भारत मिशन के तहत बने सामुदायिक शौचालयों को गोदाम बना दिया गया तो कही निर्माण होने के बाद से शौचालय का ताला ही नही खुला है ,,ग्राम पंचायत और SBM विभाग की लापरवाही से शाशन के पैसों का खुलेआम दुरुपयोग किया जा रहा है
दरअसल पूरा मामला बलरामपुर जिले में शंकरगढ़ विकासखंड के रेहड़ा ग्राम पंचायत का है जहाँ पर वर्ष 2020-21 और वर्ष 2022-23 में स्वच्छ भारत मिशन के तहत कुल 6 लाख रुपये की लागत से दो अलग अलग जगहों पर सामुदायिक शौचालयों की प्रशाशकीय स्वीकृति प्रदान की गई थी,,जिसके लिए ग्राम पंचायत को निर्माण एजेंसी बनाया गया था और जिसका उद्देश्य था कि गांव में किसी भी ब्यक्ति खुले में शौच के लिए न जाना पड़े ,,इसके अलावा अन्य जगहों से आने जाने वाले लोगो को भी आसानी से शौचालय की सुविधा मिल सके ,,लेकिन हैरानी की बात तो यह है कि जब khabar 30.in की टीम द्वारा ग्राउंड जीरो में जाकर दोनो समुदायिक शौचालयों का निरीक्षण किया गया तो दोनों शौचालय में निर्माण के बाद से ताला बंद पाया गया और हैरानी की बात तो यह है कि शौचालय का निर्माण तो करवा दिया गया लेकिन उसमें पानी की ब्यवस्था आज तक नही हो पाई और यही वजह है की एक शौचालय को निर्माणाधीन स्कूल का गोदाम बना दिया गया जिससे शौचालय अब टूटने की कगार पर है
,और दूसरे में निर्माण के बाद से आज तक कभी ताला ही नही खुला है ,,इससे यह साफ जाहिर होता है कि जिले का SBM विभाग सामुदायिक शौचालय निर्माण का टारगेट पूरा करने के लिए बिना कोई प्लानिंग के जहा तहां शौचालय बनवा दिया है जो अब पूरी तरह से अनुपयोगी साबित हो रहे है ,जिससे शाशन के पैसों का खुलेआम दुरुपयोग देखा जा सकता है ,,,वही मामले में जिले के कलेक्टर ने सामुदायिक शौचालयों की उपयोगिता को सुनिश्चित कराने के साथ साथ लापरवाही बरतने वाले कर्मचारियों पर कार्यवाही का आस्वाशन देते हुए नजर आ रहे है ।
लेकिन मामले में सबसे अहम सवाल यह है कि स्वच्छ भारत मिशन के तहत सरकारी पैसो का दुरुपयोग क्यो किया जा रहा है क्या कागजो में ही जिले को स्वस्छ बनाने की प्लानिंग जिम्मेदार विभाग को दी गई और यदि नही तो जिले में रेहड़ा जैसे कई ऐसे गांव है जहाँ समुदायिक शौचालयों का हाल बेहाल है और विभाग स्वच्छता के नाम पर महज निर्माण कार्य करवा कर खाना पूर्ति में लगा हुआ है ।