धान खरीदी में हमेशा सुखियो में रहने वाला महावीरगंज धान खरीदी केंद्र इस बार फिर से सुर्खियों में है
छत्तीसगढ़ में 1 नवंबर से धान खरीदी प्रारंभ हो गई थी और महावीरगंज धान खरीदी केंद्र में भी धान खरीदी बंपर की गई शासन के द्वारा नियम अनुसार धान का उठाव भी डीओ के माध्यम से राइस मिलों के द्वारा उठाओ कार्य किए गए अभी भी शासन को 1200 क्विंटल धान उठाओ महावीरगंज धान खरीदी केंद्र से करना है।
लेकिन डीओ कटने बावजूद के धान समिति के द्वारा नहीं दिए जाने पर जांच करने आय विपणन अधिकारी मौके पर पहुंचे तो यहां आने के बाद वह हक्के बक्के हो गए क्योंकि खरीदी केंद्र पर एक बोरी भी धान नहीं था और सरकार को 1200 क्विंटल धान अभी भी चाहिए आखिर यह धान गया कहां अगर समिति में नहीं है।
तो क्या खरीदी अधिक दिखाकर खरीदी प्रभारी के द्वारा शासन से मोटी रकम ली गई या फिर बिचौलियों को लाभ पहुंचाने के लिए उनके खाते की खरीदी कर दी गई या तो फिर विचोलियो को लाभ पहुंचाने के लिए उनके खाते मैं धान की खरीदी कर दी गई है यह तो आने वाले समय में जिला प्रशासन जांच करती है उस जांच रिपोर्ट किया आता हैऔर किया कार्रवाई होती है ।
आपको बता दूं कि बलरामपुर जिले में इस तरीके की कई बार शॉर्टेज आए हैं लेकिन कोई भी कार्रवाई खरीदी प्रभारी पर नहीं हुई है जिसके कारण खरीदी प्रभारी का मनोबल बढ़ा हुआ है और इस तरीके की शॉर्टेज करते रहते हैं क्योंकि पैसा बोलता है पैसे की बदौलत आप कुछ भी कर सकते हैं हजारों क्विंटल शॉर्टेज होने के बाद भी पूर्व के खरीदी प्रभारी पर कुछ भी कार्रवाई नहीं हुआ है यह मिसाल है कि बलरामपुर जिले में कुछ भी कर लो आपको उसकी सजा नहीं मिलेगी क्योंकि पैसा बोलता है
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