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अधिकारियों के निर्देश का पालन में गई जवानों की जान,, विभागीय निर्देशों का नहीं किया गया पालन

बलरामपुर जिले के समरी थाना क्षेत्र अंतर्गत संभाग चौकी बताइए कैंप से लगे ग्राम पंचायत के पास सड़क दुर्घटना में छत्तीसगढ़ CAF के दो जवानों  को  बुधवार को रात करीब 10:00 बजे मौत हो गई ,गुरुवार सुबह बलरामपुर एसपी लाल उमेद  सिंह उत्तर प्रदेश और छत्तीसगढ़ के मृत जवानों के पार्थिव शरीर गृह ग्राम भेजे गए हैं


          20 फीट गहरी खाई में गिरी पिकअप

जानकारी के मुताबिक, बुधवार रात 10वीं बटालियन रामचंद्रपुर से CAF के 3 जवानों की टीम पिकअप में सवार होकर चुनचुना पुंदाग के लिए निकली थी, पिकअप से दो बार सामान पुंदाग कैंप भेजा जा चुका था। रात करीब 8 बजे तीसरी ट्रिप लेकर पिकअप भुताही मोड़ के पास ब्रेक फेल होने से करीब 20 फीट गहरी खाई में गिर  पिकप।


        बलरामपुर एसपी ने दुख व्यक्त की,, अधिकारियों के निर्देश का पालन में गई जवानों की जान

बलरामपुर एसपी लाल उमेश सिंह ने हादसे में दुख व्यक्त किया तथा मीडिया को बताया कि दसवीं बटालियन CAF की कंपनी जो रामचंद्रपुर से चुनचुना पुंदाग के लिए रवाना किया गया थे इसी दौरान बड़ी गाड़ी जिसमें सामग्री लोड था जो आगे नहीं जा सकती थी जिसके कारण लोड की गई सामग्री को छोटी गाड़ी पिकप  लोड किया जा रहा था एक बार सामान पहुंचाया जा चुका था दूसरी बार सामान ले जाने के दरमियान पिकप का ब्रेक फेल हो गया और पहाड़ी रास्ता और मोड होने के कारण वहां पेड़ से जा टकराई और खाई गिर गई जिसमें एक प्रधान आरक्षक और आरक्षक की मौके पर ही मौत हो गई और चालक घायल होगया जिनका इलाज जारी है नम आंखों से अंतिम विदाई सड़क दुर्घटना के अगले दिन गुरुवार के  सुबह बलरामपुर एसपी डॉ लाल उमेद सिंह सहित एडिशनल एसपी नक्सल ऑपरेशन शैलेश पांडे शाहित  सामरि क्षेत्र के पुलिस अधिकारी कर्मचारी शामिल थे सभी ने नम आंखों से  अंतिम विदाई दी श्रद्धांजलि सभा के बाद घटना स्थल का जायजा लिया गया।

पार्थिव शरीर जवानों के गृह ग्राम भेजे गए  छत्तीसगढ़ राज्य के सरगुजा संभाग के सीतापुर विधानसभा अंतर्गत भटौली निवासी नारायण प्रसाद पिता स्वर्गीय बालमुकुंद व दूसरा उत्तर प्रदेश राज्य ग्राम चिरई दंड थाना जयपुर जिला अंबेडकर नगर निवासी फतेह बहादुर सिंह पिता तजुराम है दोनों ही जवान दसवीं बटालियन डी कंपनी में तैनात थे
इस घटना ने पुलिस प्रशासन के कार्य शैली पर कई प्रश्न  चिन्ह   खड़े करते हैं

मुझे समझ में नहीं आता कि नक्सल अफेक्टेड एरिया में रात को कैंप शिफ्टिंग की आवश्यकता क्यों पड़ी

पुलिस मुख्यालय से दिए गए निर्देशों का पालन क्यों नहीं किया गया

खुले बाहन पिकप में रात्रि को घोर नक्सल अफेक्टेड एरिया में फोर्स मूवमेंट करने की अनुमति किसने दी

मेरी जानकारी में शाम 5:00 के बाद फोर्स का मूवमेंट नहीं कराया जाता है साथ ही जब फोर्स का मूवमेंट करना होता है तो आर. ओ. पी. लगाई जाती है क्या इनके द्वारा आर. ओ. पी. लगाई गई थी

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