पत्नी और दो बेटियों को मृत समझकर कफन-दफन किया, एक साल बाद वे सभी जीवित लौट आई पुलिस के लिए अनसुलझी पहेली
बलरामपुर जिले के कुसमी क्षेत्र में एक चौंकाने वाली घटना सामने आई है, जिसने रायगढ़ पुलिस को एक अनोखी उलझन में डाल दिया है। यह घटना अबुल हसन नामक व्यक्ति से जुड़ी है, जो पेशे से टेलर है और कुसमी का निवासी है। पिछले साल अगस्त में अबुल ने अपनी पत्नी और दो बेटियों को मृत समझकर कफन-दफन कर दिया था, लेकिन अब, एक साल बाद, वे सभी जीवित लौट आई हैं।
दुखद स्थिति से हुआ सामना
अगस्त 2023 में अबुल हसन की पत्नी राबिया परवीन अपने दो बेटियों, 5 वर्षीय गुलस्ता परवीन और 6 वर्षीय सजीरा परवीन के साथ घर छोड़कर चली गई थी। यह सब एक पारिवारिक झगड़े के बाद हुआ, जब राबिया ने काम की तलाश में घर छोड़ दिया। आर्थिक रूप से कमजोर अबुल ने अपनी पत्नी और बेटियों की काफी तलाश की, लेकिन उन्हें ढूंढने में नाकाम रहे।
इस दौरान, अबुल को सोशल मीडिया के माध्यम से खबर मिली कि रायगढ़ जिले के खरसिया थाना क्षेत्र के देजहरी गांव में एक महिला और दो बच्चियों की लाश मिली हैं। पुलिस लाशों की पहचान में जुटी थी, और अबुल और राबिया परवीन के भाई ने रायगढ़ जाकर उन लाशों की पहचान अपनी बहन और अबुल की पत्नी और बेटियों के रूप में की। हालांकि, लाशें काफी पुरानी थीं, लेकिन अबुल ने अपने दिल की सुनते हुए उन्हें अपनी पत्नी और बेटियों के रूप में पहचान लिया। पुलिस ने पोस्टमार्टम के बाद लाशों को अबुल के सुपुर्द कर दिया, जिसके बाद उन्होंने रायगढ़ में ही उनका कफन दफन कर दिया।
राबिया और बेटियों की वापसी
करीब एक साल बाद, राबिया परवीन ने अपनी बडे भाई से संपर्क किया और अपनी दुखभरी कहानी साझा की। उसने बताया कि एक व्यक्ति ने उसे काम दिलाने का झांसा देकर राजस्थान ले गया , जहां उसे और उसकी बेटियों को बंधक बनाकर रखा गया। उन्हें खेतों में काम करने के लिए मजबूर किया गया और प्रताड़ित भी किया गया। जब राबिया की तबीयत बिगड़ी, तो उसे अस्पताल ले जाया गया, जहां से उसने एक महिला के फोन से अपने भाई को फोन कर दिया।
इस खबर के बाद, राबिया अपने मायके झारखंड लौट आई और एक महीने पहले अपने पति के पास कुसमी वापस आ गई। राबिया की छोटी बेटी सजीरा ने बताया कि राजस्थान में उन्हें धमकाया गया था कि जो वहां जाता है, उसकी हड्डी भी वापस नहीं जाती।
पुलिस के सामने नई उलझन
अब रायगढ़ पुलिस के सामने एक नई चुनौती खड़ी हो गई है: अबुल हसन ने जिन लाशों का कफन-दफन किया था, वे असल में किसकी थीं? पुलिस ने यह निर्णय लिया है कि वे उन तीनों लाशों की पहचान के लिए फिर से इश्तहार जारी करेंगे, ताकि असली परिजन सामने आ सकें। इस घटना ने न केवल अबुल हसन के परिवार को, बल्कि पूरे जिले को स्तब्ध कर दिया है।
यह घटना पुलिस के लिए एक अनसुलझी पहेली बन गई है, और इससे कई सवाल खड़े होते हैं कि आखिरकार वास्तविकता क्या है और कोन थे वे दो बच्चे और महिला जिसकी जानें चली गईं थीं जिन्हें अबुल ने अपने प्रियजनों के रूप में पहचान कर अंतिम संस्कार कर दिया था। यह पुलिस के सामने रहस्य है